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अगर आप बिहार के नागरिक नहीं हैं तो भी Prasant Kisor को सपोर्ट करने के तरीके जानें


भारत की राजनीति में ज़्यादातर पार्टियाँ तात्कालिक फायदे वाले वादे (जैसे मुफ्त राशन, बिजली, भत्ता आदि) करती हैं, जबकि शिक्षा पर लम्बी अवधि की ठोस नीति बहुत कम पार्टियाँ सामने रखती हैं। प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी ने शिक्षा को अपना केन्द्रीय एजेंडा बनाया है—यही कारण है कि बहुत से जागरूक लोग इस पहल की सराहना कर रहे हैं।


अगर आप बिहार के नागरिक नहीं हैं तो भी सपोर्ट करने के तरीके

  1. विचारधारा को फैलाइए

    • सोशल मीडिया पर उनके शिक्षा-केंद्रित विज़न को साझा करें।
    • परिवार, मित्रों और छात्रों के बीच यह चर्चा शुरू करें कि राजनीति का असली मुद्दा शिक्षा होना चाहिए।
  2. शैक्षिक संवाद में भागीदारी

    • ऑनलाइन वेबिनार, चर्चाओं या अभियानों में भाग लें।
    • अपने राज्य में भी शिक्षा सुधार की मांग उठाएँ, ताकि शिक्षा राजनीति का मेनस्ट्रीम मुद्दा बने।
  3. जन आंदोलन का हिस्सा बनना

    • जन सुराज पार्टी खुद को "आंदोलन से निकली पार्टी" कहती है। आप सीधे पार्टी के सदस्य न भी हों, फिर भी जन आंदोलन का हिस्सा बन सकते हैं—लेख, पोस्ट, भाषण या वीडियो बनाकर।
  4. युवाओं व छात्रों को प्रेरित करें

    • आसपास के युवाओं को बताइए कि राजनीति का भविष्य भत्ता या जातिगत समीकरण नहीं, बल्कि शिक्षा और कौशल होना चाहिए।
  5. सकारात्मक आलोचना करें

    • पार्टी को आंख मूंदकर सपोर्ट करने के बजाय, उनकी योजनाओं का विश्लेषण कर रचनात्मक सुझाव दें। इससे पार्टी और मजबूत होगी और आपको भी बौद्धिक संतोष मिलेगा।

शिक्षा पर केंद्रित राजनीति क्यों ज़रूरी है?

  • शिक्षा ही वह क्षेत्र है जिससे रोज़गार, स्वास्थ्य, अपराध नियंत्रण, और अर्थव्यवस्था सबकुछ बेहतर होता है।
  • अगर शिक्षा पर 10–15 साल लगातार गंभीर निवेश हुआ, तो किसी भी राज्य की तस्वीर बदल सकती है।
  • बिहार में अगर यह प्रयोग सफल होता है, तो बाकी भारत की राजनीति भी शिक्षा को मुख्य मुद्दा बनाना शुरू करेगी।


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