प्रशांत किशोर के नेतृत्व में बनी जन सुराज पार्टी (Jan Suraaj Party) का मेनिफेस्टो (मतलब उनका प्रमुख चुनावी एजेंडा) मुख्यतः पाँच प्रमुख बिंदुओं पर आधारित है—जिसका उन्होंने 2 अक्टूबर 2024 को पटना में पार्टी लॉन्च के समय और बाद में कई बार विस्तार से उल्लेख किया है:
जन सुराज पार्टी — पाँच-बिंदीय एजेंडा / मेनिफेस्टो
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शिक्षा में व्यापक सुधार
- अगले 10 वर्षों में बिहार की शिक्षा व्यवस्था को विश्वस्तरीय बनाने के लिए ₹5 लाख करोड़ का निवेश करना।
- इसके लिए राज्य में लागू शराबबंदी (प्रोहिबिशन) को एक घंटे में समाप्त कर, उससे होने वाली वार्षिक ₹20,000 करोड़ की आय को शिक्षा सुधार में लगाया जाएगा .
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शराबबंदी तत्काल हटाना
- शराबबंदी हटाकर इसके राजस्व का ही शिक्षा के नैतिक संचालन में उपयोग करने का वादा .
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वृद्धों के लिए पेंशन
- वर्तमान की तुलना में वृद्धों को प्रतिमाह ₹2,000 पेंशन प्रदान की जाएगी (वर्तमान पेंशन ₹400) .
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महिलाओं को सशक्त बनाएँ—4% ब्याज पर ऋण
- महिलाओं को स्व-रोजगार के लिए बैंक-गारंटी पर 4% प्रति वर्ष ब्याज दर से ऋण मुहैया कराया जाएगा, जिसमें बाकी ब्याज सरकार वहन करेगी .
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भूमि सुधार और किसानों के लिए MNREGA-आधारित मदद
- भूमि सुधार लागू कर किसानों को “कमाऊ खेती” की ओर प्रोत्साहित करना।
- MNREGA श्रमिकों को खेती में शामिल करते हुए खेती की उत्पादकता बढ़ाना और मुफ्त श्रमिक सहायता सुनिश्चित करना .
अतिरिक्त पहलें और प्रावधान
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लोकतांत्रिक प्रत्याशी चयन और 'राइट टू रिकॉल'
- उम्मीदवारों का चयन जनता द्वारा होना सुनिश्चित किया जाएगा, जैसे अमेरिका में होता है।
- साथ ही पार्टी “राइट टू रिकॉल” लागू करेगी—जिससे गैर-प्रदर्शनकर्ता प्रतिनिधियों को मतदाताओं द्वारा वापस हटाया जा सके .
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अस्थायी अध्यक्षता और आमजन की भागीदारी
- पार्टी में अध्यक्ष का कार्यकाल केवल एक वर्ष का होगा, और यह गरीब या पिछड़े वर्ग से होना चाहिए। पार्टी “प्रशांत किशोर की नहीं, बिहार के लोगों की” होगी .
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शासन-व्यवस्था और विकास की फोकस-अस्पष्टता
- जातिगत राजनीति और चुनावी भत्ता से हटकर—शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य, उद्योग, और संरचना पर केंद्रित एक समग्र विकास एजेंडा अपनाने का लक्ष्य रखा गया है .
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जनताकी भागीदारी पर जोर
- पार्टी एक आंदोलन नहीं—बल्कि जनता की “समूहबद्ध कोशिश” है (जन स्रुज आंदोलन) जो बिहार में व्यापक बदलाव लाने की जद्दोजहद में है .
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शिक्षा सुधार की नवीन पहल
- सरकारी स्कूलों की स्थिति बेहतर होने तक, उन छात्रों की निजी स्कूल फीस सरकार द्वारा भरी जाएगी—ताकि शिक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित हो सके .
संक्षेप सारांश
बिंदु | विवरण |
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शिक्षा सुधार | ₹5 लाख करोड़ का निवेश; शराबबंदी से उत्पन्न राजस्व से वित्तपोषित |
शराबबंदी हटाना | शारीरिक/तत्काल हटाना और शिक्षा में पुनः उपयोग |
पेंशन | वृद्धों को ₹2,000 प्रति माह |
महिला सशक्तिकरण | 4% ब्याज पर ऋण, सरकारी सहयोग |
कृषि एवं भूमि सुधार | “कमाऊ खेती” सुनिश्चित, MNREGA श्रमिक खेती में शामिल |
लोकतांत्रिक नवाचार | उम्मीदवारों का चयन जनता द्वारा; राइट टू रिकॉल लागू |
पार्टी संगठन और नेतृत्व | एक-वर्षीय कार्यकाल वाला अध्यक्ष; जन-भागीदारी संगठन |
शिक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित करना | निजी स्कूल की फीस सरकारी मदद से, जब तक सरकारी स्कूल बेहतर न हो जाएं |