टीआरएस कॉलेज रीवा: क्या यह सही विकल्प है?
रीवा, मध्य प्रदेश का ठाकुर रणमत सिंह महाविद्यालय (टीआरएस कॉलेज) एक पुराना शिक्षण संस्थान है, जिसकी स्थापना 1944 में हुई थी। यह अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय, रीवा से संबद्ध है और इसे हाल ही में NAAC द्वारा 'A' ग्रेड प्रदान किया गया है। लेकिन क्या सिर्फ 'A' ग्रेड से यह कॉलेज एक बेहतर विकल्प बन जाता है?
अगर आप इस कॉलेज में प्रवेश लेने की सोच रहे हैं, तो पहले इसके वास्तविक हालात को जानना जरूरी है।
कॉलेज में पढ़ाई का स्तर कैसा है?
हालांकि कॉलेज स्नातक और स्नातकोत्तर के लिए बीए, बीएससी, बीकॉम, एमए, एमएससी, एमकॉम जैसे कोर्स संचालित करता है, लेकिन पढ़ाई का स्तर संतोषजनक नहीं है।
- प्रैक्टिकल और लैब सुविधाएं सीमित हैं, जिससे विज्ञान के छात्रों को सही से प्रयोगात्मक ज्ञान नहीं मिल पाता।
- शिक्षकों की स्थायी नियुक्तियां लगभग बंद हो चुकी हैं, जिससे पढ़ाई की गुणवत्ता प्रभावित होती है।
- पढ़ाई की बजाय राजनीति और गुटबाजी ज्यादा हावी रहती है, जिससे छात्रों का भविष्य प्रभावित होता है।
रोजगार और प्लेसमेंट की स्थिति
कॉलेज का सबसे बड़ा नकारात्मक पक्ष यह है कि यहां प्लेसमेंट की कोई सुविधा नहीं है।
- यहां पढ़ाई पूरी करने के बाद छात्रों को खुद ही रोजगार के अवसर तलाशने होते हैं।
- किसी भी बड़ी कंपनी या उद्योग का इस कॉलेज से सीधा जुड़ाव नहीं है।
- सरकारी नौकरियों की कोई गारंटी नहीं है, और निजी नौकरियों के लिए भी यहां से कोई मार्गदर्शन नहीं दिया जाता।
- कैंपस प्लेसमेंट जैसी कोई प्रक्रिया मौजूद नहीं है।
अगर आप इस कॉलेज में दाखिला लेकर अच्छे करियर की उम्मीद कर रहे हैं, तो आपको निराशा ही हाथ लगेगी।
छात्रों के बीच विवाद और हिंसा
टीआरएस कॉलेज में पढ़ाई के माहौल से ज्यादा राजनीति, गुटबाजी और हिंसा का दबदबा रहता है।
- कॉलेज में आए दिन छात्र संगठनों के बीच झगड़े और मारपीट की खबरें आती रहती हैं।
- कई बार ये विवाद इतने बढ़ जाते हैं कि पुलिस हस्तक्षेप की जरूरत पड़ती है।
- शिक्षा की बजाय बाहुबल और दबंगई का बोलबाला रहता है, जिससे गंभीर छात्र पढ़ाई पर ध्यान नहीं दे पाते।
अगर आप एक शांत और अनुशासित माहौल में पढ़ाई करना चाहते हैं, तो यह कॉलेज आपके लिए नहीं है।
सरकारी भर्ती और नौकरी के अवसर
पहले इस कॉलेज में सरकारी पदों पर नियुक्तियां होती थीं, लेकिन अब लगभग सभी स्थायी सरकारी भर्तियां बंद हो चुकी हैं।
- अब कॉलेज में सिर्फ अस्थायी (टेंपरेरी) आधार पर शिक्षकों और कर्मचारियों की भर्ती होती है।
- स्थायी पद न होने के कारण यहां रोजगार की स्थिरता नहीं है।
- कॉलेज प्रशासन में पारदर्शिता की कमी के कारण योग्य उम्मीदवारों को मौके नहीं मिलते।
अगर आप शिक्षण या गैर-शिक्षण पद के लिए इस कॉलेज में नौकरी की उम्मीद कर रहे हैं, तो आपको सिर्फ अस्थायी अवसर ही मिलेंगे।
कॉलेज की आधारभूत संरचना और सुविधाएं
कॉलेज की इमारत और आधारभूत सुविधाओं की स्थिति भी खास अच्छी नहीं है।
- कक्षाएं अक्सर अधूरी या असुविधाजनक होती हैं।
- लाइब्रेरी में किताबों की संख्या सीमित है और अपडेटेड स्टडी मैटेरियल उपलब्ध नहीं होता।
- खेल और सांस्कृतिक गतिविधियों पर कोई खास ध्यान नहीं दिया जाता।
हालांकि कॉलेज प्रशासन ने 23 करोड़ रुपये बचाकर एक नया भवन बनाने की योजना बनाई है, लेकिन इससे शिक्षा की गुणवत्ता कितनी सुधरेगी, यह कहना मुश्किल है।
निष्कर्ष: क्या इस कॉलेज में दाखिला लेना सही रहेगा?
अगर आप गंभीरता से पढ़ाई करके एक अच्छा करियर बनाना चाहते हैं, तो टीआरएस कॉलेज आपके लिए सही विकल्प नहीं है।
❌ प्लेसमेंट और रोजगार के अवसर नहीं हैं।
❌ छात्रों के बीच गुटबाजी और हिंसा होती रहती है।
❌ शिक्षकों की स्थायी नियुक्तियां नहीं होतीं, जिससे पढ़ाई का स्तर गिर गया है।
❌ सरकारी नौकरियों की कोई गारंटी नहीं है।
❌ कॉलेज का माहौल पढ़ाई से ज्यादा राजनीति और झगड़ों से प्रभावित रहता है।
अगर आप एक सुरक्षित, अनुशासित और रोजगारपरक शिक्षा चाहते हैं, तो बेहतर होगा कि आप किसी अन्य कॉलेज का चयन करें।