रीवा जिले में भ्रष्टाचार के खिलाफ उठी आवाज़: एक जागरूक नागरिक का साहस
रीवा जिले में भ्रष्टाचार थमने का नाम नहीं ले रहा है, बल्कि दिन-प्रतिदिन और अधिक बढ़ता जा रहा है। सबसे गंभीर स्थिति राजस्व विभाग की है, जहां भ्रष्टाचार का बोलबाला चरम पर है।
ताजा मामला रीवा कलेक्ट्रेट कार्यालय का है, जहां भू-अर्जन शाखा के एक बाबू को 1,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त ने रंगे हाथों पकड़ लिया है। जी हाँ, यह वही भ्रष्टाचार है, जो हमारे समाज की जड़ें खोखली कर रहा है। लेकिन इस बार, एक जागरूक नागरिक सुनील पाण्डेय ने इसे चुनौती दी। सुनील पाण्डेय, जो जोरौट गांव के निवासी हैं, ने साहस के साथ कलेक्ट्रेट कार्यालय के इस बाबू के खिलाफ लोकायुक्त में शिकायत दर्ज कराई।आरोपी हीरामणि तिवारी, जो सहायक ग्रेड 3 पद पर कार्यरत हैं, पर आरोप था कि उन्होंने शिकायतकर्ता से 1,500 रुपये की रिश्वत पहले ही ले ली थी, और दूसरी किस्त के रूप में 1,000 रुपये की मांग कर रहे थे। यह रिश्वत शिकायतकर्ता के वारिसाना भूमि के मुआवजा भुगतान के एवज में मांगी जा रही थी।
लोकायुक्त पुलिस ने शिकायत की पुष्टि के बाद, आरोपी को रंगे हाथों रिश्वत लेते हुए पकड़ लिया। यह कार्रवाई एक मजबूत संदेश देती है कि भ्रष्टाचार करने वाले अब सुरक्षित नहीं हैं। यह भी महत्वपूर्ण है कि सुनील पाण्डेय जैसे जागरूक नागरिकों ने भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई और लोकायुक्त से शिकायत की।
भ्रष्टाचार के खिलाफ उठाइए कदम
हम सभी को सुनील पाण्डेय से प्रेरणा लेनी चाहिए। भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने का एकमात्र तरीका है, हमारी जागरूकता और साहस। अगर आप भी कहीं भ्रष्टाचार होते हुए देखें, तो तुरंत लोकायुक्त से संपर्क करें। जब तक हम आवाज नहीं उठाएंगे, भ्रष्टाचारियों का हौसला और बढ़ता रहेगा।
याद रखें, हमारी एक छोटी सी पहल समाज में बड़ा बदलाव ला सकती है। आइए, हम सभी मिलकर इस देश से भ्रष्टाचार को मिटाने का संकल्प लें और भ्रष्टाचार के खिलाफ खड़े हों!