स्मार्ट मीटर से नया खेल खेल रहा है एमपी गवर्नमेंट का बिजली विभाग
जहां दिल्ली और पंजाब जैसे राज्यों में 300 यूनिट तक बिजली मुफ्त दी जा रही है, वही मध्य प्रदेश सरकार अपने उपभोक्ताओं को उल्टा परेशान करने में लगी हुई है। पहले, 100 यूनिट तक का बिजली बिल सिर्फ ₹100 आता था, लेकिन अब स्मार्ट मीटर लगाने के बाद स्थिति पूरी तरह बदल गई है। उपभोक्ताओं को अक्सर ₹100 से अधिक का बिल मिल रहा है, और इसका मुख्य कारण है एक माह से 10 दिन बाद से ली गई रीडिंग, जिससे खपत 100 यूनिट से अधिक हो जाती है। ऐसे में सरकार अपने बनाए गए नियम से बच जाती है, और 100 यूनिट पर ₹100 वाली योजना का लाभ उपभोक्ताओं को नहीं मिल पाता।
जैसा कि आप सभी जानते हैं कि 20 से अधिक वर्षों से भारतीय जनता पार्टी की मध्य प्रदेश में सरकार है। यह सरकार बेखौफ हो चुकी है और जनता का खून चूसने में लगी है। जनता को कोई राहत देने के नाम पर कुछ नहीं सोच रही है। स्मार्ट मीटर जनता के लिए नहीं, बल्कि सरकार के लिए लगाए जा रहे हैं, जिससे ऑनलाइन बिजली कनेक्शन काटा जा सके और बिजली वसूलने में आसानी हो।
कई उपभोक्ताओं की शिकायत है कि बिजली के बिल 10 तारीख को ऑनलाइन जारी किए जाते हैं, लेकिन बिल में रीडिंग की तारीख महीने की पहली तारीख दिखाई जाती है। जबकि वास्तविकता यह है कि 1 तारीख को उतनी रीडिंग नहीं होती, बल्कि कम होती है। उपभोक्ताओं का मानना है कि बिल में दर्ज की गई रीडिंग दरअसल 10 तारीख की होती है, जिससे उनकी खपत बढ़ी हुई दिखती है और उन्हें सरकारी छूट नहीं मिल पाती।
जैसा कि आपको पता है, मध्य प्रदेश में 100 यूनिट तक बिजली का बिल ₹100 आता है, लेकिन अगर खपत 150 यूनिट तक होती है, तो बिल सीधे ₹500 हो जाता है। इसके बाद प्रति यूनिट ₹8 की दर से बिल जारी किया जाता है।
इसलिए, आप सभी से अनुरोध है कि एकजुट होकर सरकार के खिलाफ आवाज उठाएं। इस वीडियो को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाएं और वीडियो में कमेंट करना न भूलें। मैं आपकी कमेंट के आधार पर नया वीडियो तैयार करूंगा।