सरकार ने सरपंचों को बनाया पॉवरफुल, लिखेंगे सचिव-रोजगार सहायकों की ACR
BHOPAL (e4you News) मध्य प्रदेश में अब सरपंचों को 25 लाख रुपए तक के काम कराने के अधिकार होंगे। इनकी तकनीकी स्वीकृति के लिए भटकना भी नहीं होगा। हर पंचायत का अपना खुद का तीन मंजिला मॉडल भवन होगा। जनपद पंचायतों की बेशकीमती भूमि पर भी व्यावसायिक गतिविधियों की स्वीकृति हो इसके लिए भी गाइड लाइन तैयार कर रहे हैं। प्रदेश के मजदूरों के बच्चों को भी अब बेहतर शिक्षा के अवसर मिलेंगे। सरकार ने इसकी चिंता की है। श्रम विभाग के स्कूल और श्रमोदय आदर्श आईटीआई में इसके लिए रोजगारपरक कोर्स उपलब्ध हैं। मजदूर परिवार के खिलाड़ियों को संभाग स्तर पर होने वाली खेलकूद स्पर्धाओं में प्रतिभा निखारने का अवसर मिलेगा।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल ने विभाग की तैयारियों और कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी देते हुए कहीं। पटेल ने विभागों की आगामी गतिविधियों को भी विस्तार साझा किया। उन्होंने कहा सरकार ने सरपंचों को भी ज्यादा अधिकार दिए हैं। अब उनके पास 25 लाख रुपए तक के काम स्वीकृत करने का अधिकार होगा। इन कामों की तकनीकी स्वीकृति सहायक यंत्री जनपद स्तर पर ही देंगे। यानी सरपंचों को ऐसे काम के लिए बार-बार जिला पंचायत स्तर पर भटकने से निजात मिल जाएगी। यही नहीं अब सरपंचों के हाथ रोजगार सहायक और सचिवों की एसीआर लिखने का भी अधिकार आ गया है।
1400 पंचायतों को जल्द मिलेंगे मॉडल भवन
पंचायत विभाग की कार्ययोजना पर चर्चा के दौरान उन्होंने कहा प्रदेश की भवन विहीन पंचायतों के पास अब अपना मॉडल भवन होगा। यह भवन ई-पंचायत की व्यवस्था के अनुरूप होगा। इसकी नींव इतनी मजबूत होगी जिस पर भविष्य में तीन मंजिला भवन खड़ा किया जा सकेगा। इसके लिए 37 लाख और 47 लाख रुपए की लागत वाले दो मॉडल तैयार किए गए हैं। हमारा लक्ष्य है पहले चरण में 1400 पंचायत भवनों का भूमिपूजन 1 नवम्बर को हो और एक साल बाद यानी 2 अक्टूबर 2025 को इसी भवन में पहली ग्रामसभा भी कराई जाए। विभाग का प्रयास है अगले ढाई साल में पंचायतों में नया सामुदायिक भवन और पंचायत कार्यालय हो।
बदहाल गौशालाओं की बदलेगी तस्वीर
पंचायत मंत्री ने बताया कांग्रेस सरकार के समय खोली गई तीन हजार से ज्यादा गौ शालाओं की वजह से पंचायतों में व्यवस्था गड़बड़ाई थी। इन गौशालाओं तक पहुंचने न सड़क थी और न गायों को पानी उपलब्ध कराने नलकूप या दूसरे साधन और बिजली के कनेक्शन थे। अब हमने इस काम को चुनौती की तरह लिया है। विभाग ऐसी गौशालाओं में सभी इंतजाम कराने में जुटा है। इस गौशालाओं के संचालन की जिम्मेदारी उठाने आगे वालों को भी यह काम सौंपने पर विचार कर रहे हैं। गांव में पेयजल और सिंचाई के लिए खोदे जाने वाले कुओं के लिए मिलने वाली सब्सिडी राशि में भी विसंगति है। पेयजल के लिए खोदे जाने वाले कुएं के लिए 6 लाख रुपए मिलते हैं जबकि सिंचाई के लिए उपयोगी कुओं के लिए केवल ढाई लाख का अनुदान मिलता है। विभाग इस विसंगति को दूर करने का भी प्रयास कर रही है।
अब सरपंच के हाथ में फिर सचिव-सहायक की ACR
पंचायत मंत्री ने कहा अब तक रोजगार सहायक और सचिवों की एसीआर लिखी ही नहीं जा रही थी। जबकि इसका प्रावधान पहले से है, हमने आदेश जारी कर दिया है। बीते दो साल में जिन रोजगार सहायक और सचिवों की एसीआर पर सरपंच के हस्ताक्षर नहीं होंगे उनकी सेवा समाप्त हो जाएगी। सरपंच की मौजूदगी में हर मंगलवार को पंचायत में जनसुनवाई कराने के भी निर्देश दिए गए हैं। इस जनसुनवाई में पंचायत सचिव के अलावा पटवारी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, ग्राम विस्तार अधिकारी मौजूद रहें इसके लिए संबंधित विभागों को पत्र भी लिखे गए हैं। अब तीन साल के कार्यकाल के बाद ही सरपंच के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकेगा और इसके लिए तीन चौथाई बहुमत भी जरूरी होगा। जल्द ही इस प्रस्ताव को विधानसभा में रखकर स्वीकृत कराएंगे।
श्रमिक परिवारों को मिलेंगे बेहतर अवसर
1.मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा श्रमिक परिवारों के बेटा-बेटियों को अच्छी शिक्षा के अवसर मिलें इसके लिए विभाग नए प्रकल्प खोज रहा है। हम आवासीय श्रम विद्यालयों की संख्या बढ़ाने और उन्हें नवोदय विद्यालय की तर्ज पर विकसित करने जा रहे हैं।2. श्रम कल्याण मंडल की मुगालिया छाप में संचालित श्रमोदय आईटीआई आदर्श आईटीआई के रूप में विकिसत हुई है। इसमें श्रमिक परिवार के बच्चों के लिए सिविल इंजीनियरिंग असिस्टेंट, तकनीशियन मैकाटॉनिक्स, एडवांस सीएनसी मशीनिंग तकनीशियन कोर्स शुरू कराए गए हैं।
3. मजदूर परिवार के प्रतिभाशाली बच्चे अब खेल स्पर्धाओं में भी जगह बना सकेंगे। इसके लिए उनके लिए अलग से संभाग स्तर पर खेल-कूद स्पर्धाओं का भी आयोजन किया जाएगा। ऐसे आयोजन दो संभागों में हो चुके हैं।
4. श्रम विभाग 18 बड़े शहरों में रैन बसेरों के स्थान पर ज्यादा सुविधा वाले श्रमिक विश्राम गृह बनाने की योजना पर काम कर रहा है। इनमें वे श्रमिक रह सकेंगे जो दूसरे शहर या गांव से मजदूरी के लिए आते हैं और उनके पास रहने का ठिकाना नहीं होता।
5. विभाग इसी साल से 50 दिव्यांग श्रमिकों का चयन कर उन्हें इलेक्ट्रिक स्कूटर जैसे वाहन उपलब्ध कराने जा रहा है। इस संबंध में विभाग ने तैयारी कर ली है।
6. अब तक केवल मजदूर के अंतिम संस्कार के लिए सहायता दी जाती थी लेकन अब यह सहायता उनके परिजन की अंत्येष्टि के लिए भी उपलब्ध होगी। इसके साथ ही श्रम कल्याण मंडल की अनुग्रह सहायता योजना का लाभ श्रमिक के पूरे परिवार या आश्रितों को मिलेगा।
7. अब तक मजदूर परिवारों को श्रम कल्याण मंडल की योजनाओं के लिए लोक सेवा केंद्रों के जरिए ऑनलाइन आवेदन करना होते थे। लेकिन अब वे 27 श्रम कल्याण केंद्रों के माध्यम से भी आवेदन कर पाएंगे।