विद्युत विभाग की मनमानी: उपभोक्ताओं को हो रही परेशानियाँ
रीवा जिले में हाल ही में विद्युत विभाग की लापरवाही और मनमानी की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। उपभोक्ताओं को भारी-भरकम बिजली बिल थमाने के कई मामले सामने आए हैं, और सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि कई बार उपभोक्ता अपने बिल पहले ही चुका चुके होते हैं, लेकिन उन्हें दोबारा से बिल भेज दिया जाता है। यह घटनाएँ न केवल उपभोक्ताओं को आर्थिक रूप से प्रभावित कर रही हैं बल्कि मानसिक तनाव का भी कारण बन रही हैं।बिना मीटर लगे आया बिजली का बिल
हाल ही में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया जब पदमधर कॉलोनी निवासी उमेश को बिना किसी मीटर के 1,27,000 रुपये का बिल भेज दिया गया। उमेश ने शिकायत की कि उनके यहाँ स्मार्ट मीटर तो लगा ही नहीं है, लेकिन कागजों में यह दर्ज किया गया कि उनके यहाँ स्मार्ट मीटर लगाया गया है। जब वे बिजली विभाग के कार्यालय गए तो न केवल उनकी शिकायत सुनी नहीं गई, बल्कि उनके साथ दुर्व्यवहार भी किया गया। उमेश ने बताया कि पूर्व में उन्हें हर महीने 500 से 1,000 रुपये तक के बिजली बिल मिलते थे, लेकिन अचानक से यह बिल 1,27,000 रुपये तक पहुँच गया।
नेहरू नगर का मामला
नेहरू नगर निवासी एक अन्य उपभोक्ता के यहाँ भी एक और अनोखा मामला सामने आया। उन्होंने पहले ही अपना बिजली का बिल जमा कर दिया था, फिर भी उन्हें पुनः एक नया बिल भेज दिया गया। जब वे अपनी पहले से जमा बिल की रसीद लेकर कार्यालय पहुँचे, तो उन्हें फिर से बिल जमा करने के लिए कहा गया। इस मामले में भी उपभोक्ता के साथ दुर्व्यवहार किया गया।
बिजली विभाग की लापरवाही और उपभोक्ता की समस्याएं
रीवा जिले में विद्युत विभाग की ओर से इस तरह की लापरवाही और मनमानी के कई मामले सामने आ रहे हैं। उपभोक्ता इन घटनाओं से परेशान होकर शिकायत दर्ज कराने जाते हैं, लेकिन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी उनकी शिकायत सुनने के लिए तैयार नहीं होते। उपभोक्ता दिनभर कार्यालयों के चक्कर काटते रहते हैं, लेकिन उनकी समस्याओं का कोई समाधान नहीं होता।
समाधान की राह
इन घटनाओं ने उपभोक्ताओं के बीच असंतोष पैदा कर दिया है और अब यह देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है। अगर यह स्थिति यूं ही जारी रही, तो यह न केवल उपभोक्ताओं के लिए एक गंभीर समस्या बनेगी, बल्कि बिजली विभाग की छवि को भी नुकसान पहुंचेगा।