लाडली बहन योजना: नई बहनों की प्रतीक्षा और सरकार की उदासीनता
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मध्य प्रदेश की लाडली बहन योजना का शुभारंभ पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा किया गया था। इस योजना का उद्देश्य राज्य की महिलाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करना था, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकें और अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को मजबूत कर सकें। योजना के पहले दो चरणों में लाखों महिलाएं लाभान्वित हुईं, लेकिन अब योजना का तीसरा चरण आने का इंतजार कर रही नई पात्र महिलाएं निराश हैं।तीसरे चरण की प्रतीक्षा
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के पद छोड़ने के बाद, इस योजना के तहत कोई नया फॉर्म नहीं भरा गया है। यह एक गंभीर मुद्दा बन गया है क्योंकि लाखों महिलाएं, जो इस योजना में शामिल होने की पात्र हैं, अपने फॉर्म भरने के लिए इंतजार कर रही हैं। लेकिन सरकार की ओर से कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है। ऐसा प्रतीत होता है कि वर्तमान सरकार को इस बात का अहसास है कि नई बहनों से इस मामले पर कोई दबाव नहीं बनाया जा रहा है, और इसीलिए सरकार योजना का तीसरा चरण शुरू करने में देरी कर रही है।
योजना में हुए बदलाव
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के जाने के बाद योजना में केवल दो प्रमुख बदलाव हुए हैं। पहला, लाडली बहन पोर्टल पर नए मुख्यमंत्री की फोटो को स्थान दिया गया है, और दूसरा, रक्षाबंधन के अवसर पर बहनों को 250 रुपये की अतिरिक्त राशि दी गई।
सितंबर में यह खबर आई है कि बहनों को फिर से 1250 रुपये ही दिए जाएंगे, 1500 रुपये नहीं मिलेंगे। जब कोई बड़ा त्यौहार आएगा, तब ही बहनों को 250 रुपये की अतिरिक्त राशि दी जाएगी।
नई लाडली बहनों की स्थिति
नई पात्र बहनों की स्थिति निराशाजनक है। वे सोच रही हैं कि या तो सरकार इस योजना को बंद कर दे, या फिर उन्हें भी इसका हिस्सा बनाए। लेकिन दुख की बात यह है कि वे केवल सोच रही हैं और इसके लिए आवाज नहीं उठा रही हैं। इस उदासीनता का लाभ सरकार को मिल रहा है, और यही कारण है कि तीसरा और चौथा चरण अभी तक शुरू नहीं किया गया है।
निष्कर्ष
लाडली बहन योजना एक महत्वपूर्ण पहल थी, जिसने लाखों महिलाओं को सहायता प्रदान की। लेकिन योजना के तीसरे चरण की प्रतीक्षा कर रही नई बहनों की उम्मीदें अब धूमिल होती जा रही हैं।