साइबर तहसील: नागरिकों के लिए एक वरदान
29 फरवरी को मध्य प्रदेश के सभी जिलों में एक साथ साइबर तहसील का शुभारंभ होगा। यह नागरिकों के लिए एक वरदान है, क्योंकि यह राजस्व प्रकरणों के निराकरण में तेजी लाएगा और भ्रष्टाचार को कम करेगा।
साइबर तहसील क्या है?
साइबर तहसील एक ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म है जो नागरिकों को राजस्व सेवाओं तक आसानी से पहुंच प्रदान करता है। नागरिक इस प्लेटफ़ॉर्म का उपयोग करके निम्नलिखित सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं:
- भू-अभिलेखों की प्रतिलिपि प्राप्त करना
- नामांतरण और बंटवारे के लिए आवेदन करना
- ऋण प्रमाण पत्र प्राप्त करना
- आय प्रमाण पत्र प्राप्त करना
- अन्य राजस्व प्रकरणों का निराकरण
साइबर तहसील के लाभ:
- समय की बचत: नागरिकों को अब राजस्व कार्यालयों के चक्कर लगाने की आवश्यकता नहीं होगी। वे घर बैठे ही ऑनलाइन सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं।
- पारदर्शिता: साइबर तहसील प्रणाली पारदर्शी है। नागरिक अपनी आवेदन की स्थिति और प्रगति को ऑनलाइन ट्रैक कर सकते हैं।
- भ्रष्टाचार में कमी: साइबर तहसील प्रणाली भ्रष्टाचार को कम करने में मदद करेगी। नागरिकों को अब दलालों या अधिकारियों को रिश्वत देने की आवश्यकता नहीं होगी।
नई जानकारी और तथ्य:
- मध्य प्रदेश सरकार ने 2022 में साइबर तहसील योजना शुरू की थी।
- पहले चरण में, योजना को 10 जिलों में लागू किया गया था।
- योजना सफल रही है और अब इसे सभी जिलों में लागू किया जा रहा है।
- साइबर तहसील पोर्टल पर अब तक 10 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं।
- 90% से अधिक आवेदनों का समय पर निराकरण किया गया है।
मेरा दृष्टिकोण:
मेरा मानना है कि साइबर तहसील नागरिकों के लिए एक वरदान है। यह नागरिकों को राजस्व सेवाओं तक आसानी से पहुंच प्रदान करेगा, समय और धन बचाएगा, और भ्रष्टाचार को कम करेगा।