Deepfake पर शिकंजा कसने के लिए भारत सरकार को मिला Google का साथ, AI जनरेटेड कंटेंट पर रहेगी पैनी नजर - Google Collaborates With Indian Government To Fight Deepfakes And AI Generated Content
एआई टेक्नोलॉजी का गलत इस्तेमाल वर्तमान में चिंता का एक बड़ा विषय बना हुआ है। एआई की मदद से जनरेट होने वाले डीपफेक कंटेंट को लेकर भी चिंता बढ़ रही है। ऐसे में भारत सरकार की कोशिश है कि इस तरह के स्कैम के प्रति लोगों की जागरुकता बढ़े। डीपफेक कंटेंट के प्रचार-प्रसार को रोकने में अब टेक कंपनी गूगल भी भारत सरकार की मदद करती नजर आएगी।
टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। एआई टेक्नोलॉजी का गलत इस्तेमाल वर्तमान में चिंता का एक बड़ा विषय बना हुआ है। एआई की मदद से जनरेट होने वाले डीपफेक कंटेंट को लेकर भी चिंता बढ़ रही है।
ऐसे में भारत सरकार की कोशिश है कि इस तरह के स्कैम के प्रति लोगों की जागरुकता बढ़े। डीपफेक कंटेंट के प्रचार-प्रसार को रोकने में अब टेक कंपनी गूगल भी भारत सरकार की मदद करती नजर आएगी।
डीपफेक का प्रचार-प्रसार रोकना एक चुनौती
हाल ही में गूगल ने डीपफेक कंटेंट से लड़ाई को लेकर सरकार का साथ देनी की बात कही है। कंपनी ने कहा है कि इंटरनेट पर गलत जानकारियों के प्रचार-प्रसार और जनता को जागरुक करने के क्रम में वह सरकार का साथ देगी। जनता को झूठी खबरों से अवगत करवाना एक चुनौती है, इस चुनौती का सामना गूगल भी करेगा।
गूगल ने उन तरीकों के बारे में भी जानकारी दी है, जिसकी मदद से इस तरह के कंटेंट को कम और पूरी तरह से खत्म करने में मदद मिल सकेगी।
भारत में डीपफेक टेक्नोलॉजी के प्रचार-प्रसार को रोकने के लिए कंपनी मशीन लर्निंग और रिव्यूर्स की मदद लेती है।
एआई जनरेटेड कंटेंट को लेकर नए नियम
फर्जी तस्वीरें
गूगल ने कहा है कि फर्जी तस्वीरों से बचने के लिए वह एम्बेडेड वाटरमार्क और मेटाडाटा लेबलिंग की मदद ले रही है।
यूट्यूब कंटेंट
मालूम हो कि गूगल की ओर से यूट्यूब पर भी ऐसा सिस्टम लाया जा रहा है, जिसकी मदद से एआई जनरेटेट कंटेंट की पहचान करना आसान होगा। खास कर यूट्यूब क्रिएटर्स के लिए इस तरह के सिस्टम को लाया जा रहा है, ताकि एआई के इस्तेमाल को वे खुद वीडियो अपलोड करते समय जानकारी दे सकें।
ऐड्स को लेकर बदले नियम
कंपनी ने जानकारी दी है कि गूगल ने चुनावी विज्ञापन नीति में भी बदलाव किया है। इस नए बदलाव के साथ प्रकाशकों को विज्ञापन में इस्तेमाल किए कंटेंट को लेकर जानकारी देनी होगी। उन्हें यह जानकारी देनी होगी कि ऐड में डिजिटली जनरेटेड कंटेट का इस्तेमाल किया गया है।
गूगल सर्च में डीपफेक और AI जनरेटेड कंटेंट का पता लगाने के लिए भी कंपनी की ओर से नॉलेज पैनल और फीचर स्निपेट की सुविधा पेश की गई है।