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रीवा सूत्र सेवा में अब इलेक्ट्रिक बसें Sutra Seva Electric Buses संचालित की जाएंगी इसके लिए रीवा नगर निगम को प्रथम चरण में सात रूटों पर यात्री बसें संचालित कराने की अनुमति मिल गई है - mama news

रीवा से 7 रूटों में दौड़ेंगी इलेक्ट्रिक बसें: नगर निगम के प्रस्ताव को शासन की मंजूरी, इन रूटों पर चलाई जाएंगी सूत्र-सेवा की इलेक्ट्रिक बसें

सूत्र सेवा में अब इलेक्ट्रिक बसें संचालित की जाएंगी। इसके लिए रीवा नगर निगम को प्रथम चरण में सात रूटों पर यात्री बसें संचालित कराने की अनुमति मिल गई है।

रीवा. सूत्र सेवा में अब इलेक्ट्रिक बसें (Sutra Seva Electric Buses) संचालित की जाएंगी। इसके लिए रीवा नगर निगम को प्रथम चरण में सात रूटों पर यात्री बसें संचालित कराने की अनुमति मिल गई है। अब नगर निगम टेंडर आमंत्रित करने की तैयारी कर रहा है। अगले महीने योजना के नए स्वरूप के साथ ही टेंडर की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

13.83 करोड़ रुपए खर्च करने की तैयारी

पहले चरण में रीवा शहर के लिए जो प्रारूप तैयार किया गया था उसके अनुसार बसों का संचालन नहीं हो पाया है। कुछ समय पहले ही शासन ने डीजल बसों की जगह पर इलेक्ट्रिक बसों के संचालन का निर्देश दिया था। जिस पर नगर निगम ने अपने स्तर पर कार्ययोजना तैयार करके शासन को भेजा था।

अमृत योजना के प्रथम चरण में शहरों में यात्री बसें संचालित करने के लिए सूत्र सेवा की शुरुआत की गई थी। इसमें रीवा नगर निगम को भी तीन क्लस्टर के जरिए बसों का संचालन करना था। इसकी शुरुआत भी की गई थी लेकिन बदलते समय के अनुसार योजना को अपडेट किया जा रहा है। शहर में सूत्र सेवा के तहत चलने वाली डीजल बसों की संख्या नहीं बढ़ाई जाएगी और न ही जिन क्लस्टर में बसें चलाने की तैयारी थी उस पर आगे काम होगा।

पहले चरण में सात इलेक्ट्रिक बसों का संचालन शुरू होगा जिसके लिए 13.83 करोड़ रुपए खर्च करने की तैयारी है। अभी रीवा से आसपास के दूसरे शहरों को जोडऩे के लिए बसें चलाई जाएंगी। इसके बाद अगले चरण में शहर के भीतर इलेक्ट्रिक एसी बसों का संचालन किया जाएगा।

रीवा से इन 7 रूटों पर चलाई जाएंगी बसें

रूट

दूरी

रीवा से मैहर70 किमी
रीवा से मऊगंज66 किमी
रीवा से चित्रकूट132 किमी
रीवा से सीधी71 किमी
रीवा से चाकघाट82 किमी
रीवा से हनुमना92 किमी
रीवा से सिरमौर39 किमी

एसी बसों की डिमांड अधिक

सूत्र सेवा के तहत एसी बसें भी बाद में चलाई गई। इन बसों का संचालन रीवा से सतना, जबलपुर और छतरपुर के लिए किया गया। इनकी एक खाशियत यह भी रही है कि एसी बसों की टाइमिंग सही है जिसकी वजह से इनके प्रति यात्रियों का आकर्षण अधिक है। जबकि शहर के भीतर चलने वाली बसों की टाइमिंग का कोई निर्धारण नहीं है। इस कारण अब तक शहर के भीतर आटो ही एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचने के लिए प्रमुख माध्यम बने हुए हैं।

पहले चरण की योजना कारगर नहीं हो पाई

सूत्र सेवा के तहत शहर के भीतर दूसरे शहरों को जोडऩे के लिए यात्री बसें प्रारंभ करने की जो योजना बनाई गई थी वह कारगर साबित नहीं हो पाई। शुरुआती दौर में बस आपरेटर्स तैयार नहीं हुए तो नगर निगम को अपनी योजना में संशोधन करना पड़ा। पहले 116 बसें चलाने की तैयारी की गई फिर इसमें संख्या घटाकर 93 बसों का मसौदा तैयार किया गया। इसके लिए भी जब बस आपरेटर तैयार नहीं हुए तो 60 बसों के लिए तीन क्लस्टर बनाए गए और निविदा जारी की गई। बड़ी मुश्किल से एक क्लस्टर के लिए टेंडर आया जिसमें 23 बसें चलाना था। पहले छह बसें चलाई गईं फिर पांच और बढ़ाई। सौ दिन के भीतर निर्धारित सभी बसें चलाना था लेकिन लेटलतीफी होती गई और अब तक में 19 बसें ही चलाई जा सकी हैं। अन्य क्लस्टर के लिए टेंडर में कोई आपरेटर दिलचस्पी नहीं दिखाए जिसके चलते अब योजना का स्वरूप बदलकर नए रूप में लागू करने की तैयारी है।

इलेक्ट्रिक बसों के संचालन कर निर्देश शासन की ओर से प्राप्त हुआ है। इसके लिए पहले ही कार्ययोजना बनाकर भेजी गई थी। पहले चरण में सात रूटों पर बसों का संचालन प्रारंभ होगा, इसके बाद अन्य रूटों पर भी विस्तार किया जाएगा। - मुरारी कुमार, चीफ आपरेटिंग आफिसर रीवा।
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