Ladli Behna Yojana: मध्य प्रदेश में 97 लाख लाड़ली बहनों को 450 रुपये में मिलेगा रसोई गैस सिलेंडर, ऐसे होगा पंजीयन - e4you.in
Ladli Behna Yojana: 82 लाख उज्जवला योजना की हितग्राही मिलाकर कुल एक करोड़ 97 लाख हैं रसोई गैस के पंजीयन। एक करोड़ 31लाख हैं मध्य प्रदेश में लाड़ली बहना। महिला के नाम से गैस कनेक्शन होने पर मिलेगा लाभ। एक सितंबर से लागू की योजना।
HighLights
- उज्जवला योजना की हितग्राही लाड़ली बहना योजना की भी हितग्राही हैं।
- कुल 97 लाख लाड़ली बहनोें को रसोई गैस योजना का लाभ मिलेगा।
- मध्य प्रदेश में एक करोड़ 97 लाख घरेलू रसोई गैस कनेक्शन हैं।
Ladli Behna Yojana: भोपाल (राज्य ब्यूरो)। मध्य प्रदेश में एक करोड़ 31 लाख लाड़ली बहनों को एक हजार रुपये प्रतिमाह देने के बाद शिवराज सरकार ने एक और बड़ा कदम उठाते हुए रसोई गैस सिलेंडर 450 रुपये में उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है।
उज्जवला योजना के अंतर्गत पंजीकृत 82 लाख उपभोक्ता के अलावा मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना में पंजीकृत लगभग 15 लाख महिलाएं (एलपीजी कनेक्शनधारी) भी इसकी पात्र होने का अनुमान है। उज्जवला योजना की हितग्राही लाड़ली बहना योजना की भी हितग्राही हैं।
उन्हीं महिलाओं को मिलेगा योजना का लाभ
इस तरह कुल 97 लाख लाड़ली बहनोें को रसोई गैस योजना का लाभ मिलेगा। प्रदेश में एक करोड़ 97 लाख घरेलू रसोई गैस कनेक्शन हैं। इन्हें गैस एजेंसी को गैस सिलेंडर भरवाने पर पूरी राशि देनी होगी। केंद्र सरकार के अनुदान और राज्य द्वारा निर्धारित विक्रय दर 450 रुपये को कम करने के बाद जो राशि बचेगी, उसे हितग्राही के आधार से लिंक खाते में बतौर अनुदान अंतरित कर दी जाएगी। योजना के लाभ उन्हीं महिलाओं को मिलेगा, जिनके नाम से गैस कनेक्शन होगा।
सीएम शिवराज ने पहले की थी यह घोषणा
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पहले यह घोषणा की थी कि सावन में जिन लाड़ली बहनों ने रसोई गैस सिलेंडर भरवाए हैं, उन्हें 450 रुपये का अनुदान दिया जाएगा। इसे विस्तार देते हुए अब यह व्यवस्था कर दी गई है कि एक सितंबर से प्रधानमंत्री उज्जवला और मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना में पंजीकृत वे महिलाएं, जिनके नाम से रसोई गैस कनेक्शन हैं, उन्हें 450 रुपये में रसोई गैस उपलब्ध कराई जाएगी। शेष अंतर की राशि अनुदान के रूप में दी जाएगी।
दो सौ रुपये का अनुदान केंद्र सरकार की ओर से
उज्जवला योजना में दो सौ रुपये का अनुदान केंद्र सरकार पहले से दे रही है। प्रतिमाह एक सिलेंडर पर ही अनुदान मिलेगा। इसके लिए उपभोक्ता को पहले आयल कंपनी द्वारा निर्धारित दर का भुगतान कर सिलेंडर भरवाना होगा। इसके बाद केंद्र सरकार के सभी अनुदान और स्वयं द्वारा निर्धारित फुटकर विक्रय दर (450 रुपये) को कम करके शेष अंतर की राशि आधार लिंक खाते में जमा की जाएगी।
हितग्राहियों की पहचान का काम सभी आयल कंपनियां से प्राप्त डेटा के आधार पर शासन द्वारा स्वयं भी किया जाएगा। पंजीकृत हितग्राहियों की जानकारी 25 सितंबर से पोर्टल पर प्रदर्शित होगी। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि योजना पर वार्षिक 1,200 करोड़ रुपये का वित्तीय भार सरकार पर आ सकता है।
ऐसे होगा पंजीयन
- मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना के पोर्टल पर ऐसी बहनों का पंजीयन किया जाएगा, जिनके नाम पर कनेक्शन है। इसमें प्रधानमंत्री उज्जवला योजना की लाभार्थी भी हो सकती हैं।
- पंजीयन उन सभी केंद्रों पर होगा, जहां लाड़ली बहना योजना का पंजीयन होता है।
- पंजीयन के लिए उपभोक्ता नंबर और कनेक्शन आइडी देनी होगी।
- मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना की पंजीयन आइडी
ऐसे होगी अनुदान की गणना
- आयल कंपनियों द्वारा प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के उपभोक्ताओं के गैस कनेक्शन नंबर और उनके द्वारा माहवार भरवाए गए सिलेंडर की जानकारी खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग को उपलब्ध कराई जाएगी।
- इसके अनुसार अनुदान की गणना करके राशि का भुगतान कंपनी के बैंक खाते में कर दिया जाएगा और फिर कंपनी द्वारा हितग्राही के बैंक खाते में अनुदान की राशि का भुगतान किया जाएगा।
- चार जुलाई से 31 अगस्त तक गैस सिलेंडर भरवाने वाले प्रधानमंत्री उज्जवला गैस कनेक्शनधारी उपभोक्ताओं को भी अनुदान की राशि इस प्रक्रिया से उपलब्ध कराई जाएगी।
- मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना में पंजीकृत घरेलू गैस कनेक्शनधारी बहनों की आइडी की जानकारी आयल कंपनी का विभाग उपलब्ध कराएगा।
- कंपनी इस डेटा का मिलान लाड़ली बहना के डेटा से करने के बाद अंतर की राशि का भुगतान किया जाएगा।
शिकायत के लिए बनाई जाएगी आनलाइन व्यवस्था
विभागीय अधिकारियों का कहना है कि योजना अंतर्गत पात्रता रखने वाले हितग्राहियों को राज्य अनुदान का भुगतान में कोई परेशानी आती है तो उसके निराकरण के लिए आनलाइन व्यवस्था बनाई जाएगी। योजना का क्रियान्वयन खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग द्वारा किया जाएगा और कलेक्टर निगरानी करेंगे। राज्य स्तर पर भी विभाग के प्रमुख सचिव की अध्यक्षता में निगरानी समिति बनाई जाएगी, जिसमें आयल कंपनी के कर्मचारी भी रहेंगे। हितग्राहियों के पंजीयन कार्य में पंचायत एवं ग्रामीण विकास और नगरीय विकास एवं आवास विभाग के कर्मचारियों की सहायता ली जाएगी।