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कच्छा(chaddi)-बनियान में काम करता दिखा कॉलेज का स्टेनो कर्मचारी, वजह पूछी तो बताया .....

कच्छा-बनियान में काम करता दिखा कॉलेज कर्मचारी, वजह पूछी तो बताया...

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जॉब सेक्टर में आजकल कम्फर्ट जोन में काम करने का ट्रेंड है. कर्मचारियों को मानसिक तनाव से दूर रखने के लिए कंपनियां नई तरह की पहल करती रहती हैं. मसलन, ज्यादा बोनस, काम की भरपूर प्रशंसा, दोपहर में एक बार अंगड़ाई, सर या मैडम जैसे संबोधन शब्दों का इस्तेमाल बंद, फॉर्मल कपड़े छोड़ कैजुअल ड्रेसअप के कल्चर को बढ़ावा देना, वगैरा-वगैरा. लेकिन सरकारी नौकरी है तो कम्फर्ट जोन की जरूरत ही क्या है. आदमी वैसे ही सारी उम्र के लिेए मानसिक तनाव से मुक्त रहता है. कम से कम वित्तीय स्थिति के मामले में ये आम राय है. लेकिन अखिलेश साहू कम्फर्ट जोन के मामले में कई कदम आगे निकल चुके हैं. उन्हें काम करते हुए किसी भी तरह की असुविधा नहीं चाहिए. किसी भी तरह की मतलब किसी भी तरह की. इसमें कपड़े भी काउंट होते हैं.


'मतलब!'

मतलब ये कि अखिलेश बाबू सिर्फ कच्छा-बनियान में ऑफिस में काम करते दिखे हैं. सोशल मीडिया पर उनकी तस्वीरें वायरल हैं. यहां भी देख लें.

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स्टेनो अखिलेश साहू पोज़ करते हुए. (फ़ोटो/आजतक)

उत्तर प्रदेश के हमीरपुर स्थित एक कॉलेज में स्टेनो का काम करते हैं अखिलेश साहू. वो अपने कार्यालय के अंदर कच्छे-बनियान में दिखे हैं. तस्वीरों में कभी वो कुर्सी पर बैठकर पोज़ दे रहे हैं तो कभी खड़े होकर. फ़ोटोज़ बीती 1 जुलाई की बताई जा रही हैं, लेकिन सोशल मीडिया पर 20 जुलाई से वायरल हैं.

आजतक से जुड़े नाहिद अंसारी की रिपोर्ट के मुताबिक मामला हमीरपुर के सदर थाना कोतवाली इलाके के राजकीय पीजी कॉलेज, कुछेछा का है. अखिलेश कॉलेज के स्टोनो तो हैं ही, कार्यालय अधीक्षक का चार्ज भी इनके पास है. उनकी कच्छा-बनियान तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद हमीरपुर के डीएम चंद्र भूषण त्रिपाठी ने कॉलेज के प्रिंसिपल को चिठ्ठी लिखकर जानकारी मांगी और कार्रवाई करने को कहा.

रिपोर्ट के मुताबिक कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सिराज़ ख़ान ने बताया कि फ़ोटोज़ 1 जुलाई की हैं. और उन्होंने 3 जुलाई से कॉलेज का कार्यभार संभाला है. इसलिए उन्हें इस प्रकरण की कोई जानकारी नहीं है. वो एक कमेटी बनाकर जांच करवाएंगे. बाद में आगे की कार्रवाई होगी.

बारिश में भीग गए थे स्टेनो

उधर अखिलेश ने अपनी तस्वीरों को लेकर सफाई दी है. आजतक से बातचीत में उन्होंने बताया,

“यह फ़ोटो 1 जुलाई की है. उस दिन कॉलेज बंद था. कॉलेज में दो चपरासियों का तबादला हुआ था. मैं छुट्टी के दिन दोनों चपरासियों को रिलीव करने के लिए कॉलेज आ रहा था. उसी समय बारिश होने लगी और मैं भीग गया. इसलिए कॉलेज पहुंचकर मैंने कपड़े उतारकर सुखाने के लिए टांग दिए. कपड़े मैंने इसलिए खोले क्योंकि कॉलेज में कोई नहीं था. बाद में मैं कुर्सी पर बैठ गया.”  

इस मामले में अभी जांच कमेटी की रिपोर्ट का इंतजार है. वैसे जो फ़ोटोज़ सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं, उन पर 1 जुलाई की ही तारीख़ लिखी हुई है. और ये फ़ोटोज़ किसी वीरेन्द्र सिंह नाम के व्यक्ति के कैमरा से क्लिक की गई हैं. अगर उस दिन कॉलेज की छुट्टी थी और वहां कोई नहीं था, तो वीरेन्द्र सिंह कौन है. दोनों फ़ोटोज़ में स्टेनो अखिलेश के हाथ में अपना फ़ोन है.

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