09 May 2022

डॉ PC द्विवेदी रीवा - online banking fraud के द्वारा गवाए गए 900000 से अधिक रुपए बरामद / अपराधी गिरफ्तार

पुलिस द्वारा फर्जी बेवसाईट बनाकर लोगों के बैंक से पैसा निकालने वाले अंतर्राज्यीय गिरोह के 03 आरोपियों को किया गिरफ्तार एवं 09 लाख 89 हजार रूपये जप्त
Dr PC Dwivedi right hand on photo

*रीवा*  दिनांक 21/04/2022 को फरियादी पी 0 सी 0 द्विवेदी द्वारा थाना अमहिया में आकर आवेदन दिया गया कि उनको क्रेडिट कार्ड संबंधी असुविधा होने पर उन्होंने गूगल पर बैंक की बेवसाईट को सर्च किया उसमे दिये गये कस्टमर केयर नंबर से बात की जिनके द्वारा आवेदक को आनलाईन फार्म भरवाया और आवेदक के खाते की ओटीपी लेकर 10 लाख रूपये निकाल लिया हैं । जिस पर थाना अमहिया में अपराध क्रमांक- 154 / 22 धारा 420 ता o हि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया । विवेचना के दौरान सायबर सेल रीवा से जानकारी प्राप्त हुई कि घटना कारित करने वाले आरोपी जामताड़ा ( झारखण्ड ) में रहते है । घटना के संबंध में पुलिस अधीक्षक को घटना कारित करने वाले आरोपियों के बारे में जानकारी से अवगत कराया । जिस पर पुलिस अधीक्षक रीवा द्वारा सायबर सेल रीवा उनि गौरव मिश्रा एवं अमहिया थाना प्रभारी श्री शिवा अग्रवाल की संयुक्त टीम गठित कर जामताड़ा झारखण्ड के लिये रवाना किया । गठित टीम द्वारा सायबर सेल से प्राप्त जानकारी के अनुसार जामताड़ा झारखण्ड में अलग - अलग जगह दबिस देकर 03 आरोपियों को गिरफतार किया गया । वारदात करने के तरीके : - वारदात के तरीके के संबंध में पूछे जाने पर आरोपियों ने बताया कि , हम एक गिरोह के रूप में घटना को संचालित करते थे । हमारी टीम का एक साथी जो कंप्यूटर के संबंध जानकारी रखता है वह विभिन्नों बैंको की फर्जी बेवसाईट , फर्जी डोमेन का सहारा लेकर बनाता था और उसको गूगल पर अपलोड कर देता था । जब कोई बैंक कस्टमर खाते संबंधी समस्या आने पर संबंधित बैंक के कस्टमर केयर का नंबर गूगल पर सर्च करता है तो वहाँ पर हमारी फेक बेवसाईट भी खुल जाती है जिस पर हमारे द्वारा प्रदान किया गया मोबाईल नंबर उपलब्ध होता है । जैसे ही कस्टमर उस दिये गये नंबर पर फोन लगाता है तो हमलोग उससे बैंक कर्मचारी बनकर बात करके उससे उसके खाते की गोपनीय जानकारी प्राप्त कर लेते या तो एक गूगल फार्म उसी बेवसाईट पर भरने के लिये कहते है जिस पर कस्टमर के बैंक खाते संबंधी सभी जानकारी लेख की जानी रहती है । उक्त जानकारी प्राप्त होते ही हम लोग पैसे ट्रॉसफर किये जाने के विभिन्न प्रकार के डिजिटल माध्यमों का उपयोग करते हुये उन पैसों को अपनी सुविधानुसार अपने व अपने गिरोह के अन्य सदस्यों के बैंक खातो में ट्रॉसफर कर लेते थे फिर उन पैसों एटीएम बूथ के माध्यम से निकाल लेते थे या तो विभिन्न प्रकार के ऑनलाईन खरीदारी में उपयोग करते थें । हमारे संबंध में पुलिस व अन्य किसी को जानकारी ना हो इसके लिये हम अपनी सिम व मोबाईल बदलते रहते थे और उक्त संपूर्ण घटनाक्रम को अपने निवास स्थान से दूर जाकर संचालित करते थे जिससे किसी को हमारे मोबाईल की सही जानकारी प्राप्त नही हो सके । एक फर्जी बेवसाईट व फर्जी कस्टमर केयर नंबर को को एक निश्चित समय तक उपयोग करने के बाद गूगल से उसे हटाकर उसे अपनी बैंक संबंधी फर्जी नई बेवसाईट बनाकर नया कस्टमर प्रदान पर गूगल पर अपलोड करते थे इसके बाद पुनः घटना को संचालित करते थे । जप्त मसरूका : - 01.09 लाख 89 हजार रूपये नगद 02.03 पास बुक एवं 06 एटीएम कार्ड 03. 12 मोबाईल फोन एवं सिम कार्ड । 04.9 लाख 89 हजार रूपये । 

*गिरफ्तार आरोपी* : - 01. मुसर्रफ अंसारी पिता गफ्फार मिया उम्रः- 29 निवासी- कर्माटाण जिला- जामताड़ा झारखण्ड 02. मनुवर अंसारी पिता मुस्तफा अंसारी उम्र : - 30 निवासी कर्माटाण जिला- जामताड़ा झारखण्ड 03. फैज आलम पिता मोहम्मद मंसूर आली उम्रः - 20 निवासी- रिंगों - चिंगों जिला- जामताड़ा झारखण्ड । 

*महत्वपूर्ण भूमिका :* - थाना प्रभारी अमहिया शिवा अग्रवाल , सायबर सेल प्रभारी निरी ० वीरेन्द्र पटेल , उनि गौरव मिश्रा , उनि दीपक तिवारी , सउनि राजेश तिवारी , आर ० पियूष मिश्रा , आर 0 मनीष सिंह , सायबर सेल प्रआर ० कृष्ण कुमार नामदेव , आर ० सुभाष भारती , आर ० मानेन्द्र शर्मा , आर ० वरूणेन्द्र सिंह परिहार , आर ० भावेश द्विवेदी की महत्वपूर्ण भूमिका रही ।

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