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महाकुंभ 2025: संगम घाट पर भगदड़, कई श्रद्धालु हताहत, 29 जनवरी मौनी अमावस्या का स्नान रद्द

महाकुंभ 2025: संगम घाट पर भगदड़, कई श्रद्धालु हताहत

प्रयागराज, 2025 – महाकुंभ मेले के दौरान प्रयागराज के संगम घाट पर मौनी अमावस्या स्नान के दौरान भगदड़ मच गई, जिससे कई लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों घायल हुए। यह हादसा महाकुंभ के सबसे महत्वपूर्ण दिनों में से एक पर हुआ, जब करोड़ों श्रद्धालु पुण्य स्नान के लिए एकत्रित हुए थे।


1. भगदड़ का कारण

  • संगम नोज पर अत्यधिक भीड़ और प्रबंधन की कमी भगदड़ का मुख्य कारण बनी।
  • सिर्फ एक प्रवेश और निकास मार्ग होने के कारण श्रद्धालु न आगे बढ़ पा रहे थे और न ही पीछे हट पा रहे थे।
  • बैरिकेड्स टूट गए, जिससे लोग गिरने लगे और भगदड़ मच गई।
  • श्रद्धालुओं द्वारा सिर पर भारी सामान ले जाने और दृश्यता की कमी ने स्थिति को और बिगाड़ दिया।

2. हताहतों की संख्या

  • 15 से अधिक लोगों की मौत की खबर है, जबकि 70 से अधिक श्रद्धालु घायल हुए हैं।
  • स्वरूप रानी मेडिकल कॉलेज में 14 शव लाए गए हैं।
  • प्रशासन ने अभी तक आधिकारिक पुष्टि नहीं की है।

3. प्रशासनिक प्रतिक्रिया

  • मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपील की कि श्रद्धालु संगम नोज की बजाय अन्य घाटों पर स्नान करें।
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने सीएम योगी से बात कर स्थिति की समीक्षा की।
  • एनएसजी कमांडो और 70 से अधिक एम्बुलेंस को घटनास्थल पर तैनात किया गया।

4. आखाड़ों की प्रतिक्रिया

  • हादसे के बाद आखाड़ों ने मौनी अमावस्या का 'अमृत स्नान' स्थगित कर दिया।
  • आखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी ने कहा कि पहले भक्तों को स्नान करने का अवसर दिया जाएगा।

5. श्रद्धालुओं के अनुभव

  • कई श्रद्धालुओं ने दर्दनाक अनुभव साझा किए
  • एक भक्त ने बताया, "मेरी माँ ने मेरा हाथ पकड़ा था, लेकिन भीड़ इतनी ज्यादा थी कि कई लोग कुचल गए।"
  • कई लोग निकास मार्ग न मिलने के कारण भीड़ में फंस गए

6. सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन

  • 60,000 सुरक्षा कर्मी तैनात किए गए थे, लेकिन भीड़ का दबाव बहुत अधिक था।
  • मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि स्थिति अब नियंत्रण में है, लेकिन भीड़ का दबाव बना हुआ है।

7. राजनीतिक प्रतिक्रिया

  • AAP ने VIP संस्कृति और प्रशासन की लापरवाही को हादसे का जिम्मेदार ठहराया।
  • कांग्रेस ने केंद्र और यूपी सरकार की आलोचना करते हुए बेहतर प्रबंधन की मांग की।

8. महाकुंभ का महत्व

  • महाकुंभ दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है, जिसमें करोड़ों भक्त पुण्य स्नान करने आते हैं।
  • इस बार मौनी अमावस्या पर 10 करोड़ से अधिक भक्तों के आने का अनुमान था।

9. अन्य प्रशासनिक उपाय

  • उत्तराखंड सरकार ने टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर जारी किए।
  • प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की।
  • सुरक्षा उपायों को और कड़ा करने का आश्वासन दिया गया है।

निष्कर्ष

यह घटना महाकुंभ के इतिहास में एक दुखद अध्याय के रूप में दर्ज हो गई है। प्रशासन ने भविष्य में बेहतर प्रबंधन और सुरक्षा उपाय लागू करने का वादा किया है ताकि ऐसी घटनाओं को दोबारा होने से रोका जा सके।

📌 अपील: श्रद्धालुओं से अनुरोध है कि वे प्रशासन के निर्देशों का पालन करें और भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में सतर्क रहें।


📌 टैग्स:

महाकुंभ 2025, प्रयागराज, भगदड़, मौनी अमावस्या, संगम घाट, धार्मिक आयोजन, कुंभ मेला, सुरक्षा प्रबंधन

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