मुख्य बिंदु:
1. खाली पड़ी जमीनों का संरक्षण:
इन जमीनों को अवैध कब्जे से मुक्त करके शहर को व्यवस्थित किया गया, जिससे न केवल शहर की सुंदरता में इजाफा हुआ, बल्कि अनाधिकृत निर्माणों से भी बचाव हुआ।
2. मल्टीप्लेक्स और मॉल की स्थापना:
विरोधी आरोप लगाते हैं कि समदरिया द्वारा इन जमीनों पर मल्टीप्लेक्स और मॉल बनाए गए, लेकिन यह परियोजनाएं शहर के विकास के लिहाज से महत्वपूर्ण रही हैं, क्योंकि इनसे न केवल रोजगार के अवसर बढ़े हैं, बल्कि शहर की इन्फ्रास्ट्रक्चर और सांस्कृतिक गतिविधियों में भी बढ़ोतरी हुई है।
3. राजस्व का लाभ:
इन जमीनों को बिकवाने से सरकार को भी राजस्व का लाभ हुआ है, जो विकास कार्यों के लिए उपयोग में लाया गया। इससे रीवा के बुनियादी ढांचे में सुधार हुआ है।
4. कृष्णा राज कपूर ऑडिटोरियम का निर्माण कार्य:
समदरिया द्वारा कई महत्वपूर्ण बिल्डिंग्स और परियोजनाओं को रीवा में स्थापित किया गया, जैसे कृष्णा राज कपूर ऑडिटोरियम, जो शहर की सांस्कृतिक गतिविधियों और मनोरंजन के स्तर को बढ़ाता है।
निष्कर्ष:
इन आरोपों का विश्लेषण करते हुए यह कहा जा सकता है कि राजेंद्र शुक्ल ने रीवा को विकसित करने के लिए कई रणनीतिक निर्णय लिए, जिनसे शहर को आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से फायदा हुआ। इन योजनाओं के परिणामस्वरूप रीवा की सूरत बदली और शहर का समग्र विकास हुआ है।