मंकीपॉक्स (Mpox) Clade 1b: भारत में पहला मामला
भारत ने हाल ही में मंकीपॉक्स (Mpox) के Clade 1b स्ट्रेन का पहला मामला दर्ज किया है। यह वायरस का वही वेरिएंट है, जिसे विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया है। यह मामला महाराष्ट्र में दर्ज किया गया है, और संक्रमित व्यक्ति को आइसोलेशन में रखा गया है। WHO और स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा इस स्थिति को गंभीरता से लिया गया है, और सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।
मंकीपॉक्स (Mpox) की शुरुआत
मंकीपॉक्स की शुरुआत 1958 में हुई थी, जब इसे सबसे पहले बंदरों में देखा गया था। हालांकि, इंसानों में इसका पहला मामला 1970 में कांगो (Democratic Republic of Congo) में सामने आया। यह बीमारी मुख्य रूप से मध्य और पश्चिमी अफ्रीका के ग्रामीण क्षेत्रों में पाई जाती है और छोटे स्तनधारी जानवरों, जैसे कि चूहे और गिलहरियों, के माध्यम से फैलती है।
लक्षण और सावधानियाँ
मंकीपॉक्स के Clade 1b स्ट्रेन के लक्षणों में शामिल हैं:
- बुखार
- त्वचा पर रैश और फुंसियाँ
- सिरदर्द और मांसपेशियों में दर्द
- लिम्फ नोड्स की सूजन
सावधानी के लिए सलाह दी जाती है कि संक्रमित व्यक्तियों से दूरी बनाए रखें, नियमित रूप से हाथ धोएं, और संदिग्ध लक्षण दिखाई देने पर तुरंत चिकित्सा सहायता लें।
मंकीपॉक्स का टीका
मंकीपॉक्स के लिए कोई विशिष्ट टीका उपलब्ध नहीं था, लेकिन चेचक (Smallpox) का टीका मंकीपॉक्स के खिलाफ भी प्रभावी पाया गया है। वर्तमान में ACAM2000 और JYNNEOS (Imvamune या Imvanex) टीके मंकीपॉक्स के खिलाफ प्रभावी माने जाते हैं। WHO ने उच्च जोखिम वाले लोगों के लिए इन टीकों की सिफारिश की है।
सरकार और WHO की तैयारियां
भारत सरकार और WHO इस स्थिति पर कड़ी नजर रखे हुए हैं। संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए सभी लोगों की पहचान की जा रही है और उनकी जांच की जा रही है। सभी राज्यों को सतर्क कर दिया गया है और अस्पतालों में तैयारी की जा रही है ताकि वायरस के प्रसार को रोका जा सके।