MP News: एस्मा लगाने के बावजूद पूरे प्रदेश में 70 हजार बिजली कर्मचारी का लामबंद, लोगों की बड़ी परेशानी
भोपाल। MP News: पूरे मध्यप्रदेश में अपनी 8 सूत्रीय मांगा को लेकर मध्य प्रदेश विद्युत विभाग के सभी कर्मचारी और पेंशनर शुक्रवार से अपने प्रमुख संगठनो के आवाहन पर हड़ताल पर चले गए हैं। हड़ताल के चलते 70 हजार विद्युत कर्मी व 56 हजार पेंशनर्स विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इससे लोगों की परेशानी बढ़ गई है। राजधानी में पेंडिंग शिकायतों का आंकड़ा 6 सौ के ज्यादा तो भोपाल सर्कल में 9 सौ पार कर गया है।
संघ की ओर से निर्देश जारी
हड़ताल को लेकर सभी कर्मचारियों को आल इंडिया अभियंता संघ ने इस सिलसिले में निर्देश जारी कर दिए हैं। जिसके अनुसार कोई भी कर्मी कार्यालय नहीं जाएगा। फ्यूज आफ काल एंड मैंटेनेंस अटैंड नहीं करेगा। मोबाइल बंद रखेगा।
इन मांगों पर अड़े कर्मचारी
मुख्य रूप से निजीकरण रोकने की मांग लंबे समय से रखी जा रही है। हड़ताल पर गए कर्मचारियों का कहना है कि पेंशन सुरक्षा व 2005 से नियुक्त कर्मियों को पुरानी पेंशन, सातवें वेतन में कालम विलोपित करने, संविदा कर्मियों के नियमितिकरण, आउटसोर्स कर्मियों की वेतन वृद्धि व 20 लाख तक का दुर्घटना बीमा करने सहित अन्य मांगों को लेकर विद्युत कर्मी अड़ गए हैं। वे आर-पार की लड़ाई का मन बना चुके हैं। कनिष्ठ अभियंता, प्रोग्रामर व अन्य कर्मियों की वेतन विसंगति, उच्च शिक्षा प्राप्त कनिष्ठ अभियंता को सहायक अभियंता की नीति, अनुकम्पा नियुक्ति में शासन अनुसार सुधार की मांगों को लेकर पूर्व में भी आंदोलन हो चुका है।
कर्मचारियों पर सरकार ने लगाया एस्मा
सरकार के एस्मा यानी एसेंशियल सर्विसेज मैनेजमेंट एक्ट (अत्यावश्यक सेवा अनुरक्षण कानून) लगाने के बावजूद मध्यप्रदेश के 70 हजार बिजली कर्मी हड़ताल से पीछे नहीं हटे हैं। आपको बता दें गुरुवार को ही तीनों विद्युत वितरण कंपनियों और पावर ट्रांसमिशन और जनरेशन कंपनियों के कर्मचारियों की सेवा को अति आवश्यक घोषित करते हुए एस्मा लागू कर दिया था।
यह आदेश तीन महीने के लिए लागू किया गया है। गृह विभाग के उपसचिव ने इसके आदेश जारी कर दिए। लेकिन इसके बावजूद शुक्रवार को उन्होंने हड़ताल की।
आज भी हड़ताल पर रहेंगे कर्मचारी
जानकारी के अनुसार शनिवार यानि आज भी बिजली कर्मी हड़ताल पर रहेंगे। इसके चलते आशंका जताई जा रही है कि लोगों की परेशानी और अधिक बढ़ सकती है। इसका कारण है कि शुक्रवार को संगठनों और सरकार के बीच किसी भी प्रकार की कोई बातचीत नहीं हुई। बिजली संयुक्त संगठन के प्रदेश मीडिया प्रभारी लोकेंद्र श्रीवास्तव द्वारा मीडिया को दी गई जानकारी के अनुसार मांगें पूरी नहीं होने हड़ताल जारी रहेगी।