रानी कमलापति-जबलपुर वंदे भारत ट्रेन को रीवा तक चलाने की योजना, सर्वे शुरू; जानिए वजह
रानी कमलापति-जबलपुर वंदे भारत ट्रेन को रीवा तक मिल सकता है एक्सटेंशन
पीएम मोदी ने बीते 27 जून को भोपाल से 5 वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई. जिसमें से दो ट्रेनें मध्यप्रदेश के लिए है. जिसमें रानी कमलापति-जबलपुर और इंदौर-भोपाल वंदे भारत ट्रेन शामिल हैं. लेकिन दोनों ही ट्रेनों में पर्याप्त संख्या में सवारियां नहीं मिल रही हैं. जिसके चलते इन ट्रेनों से रेलवे की उम्मीद मुताबिक़ कमाई नहीं हो पा रही है. अब इन दोनों ही ट्रेनों के एक्सटेंशन की योजना रेलवे बना रहा है. सूत्र बताते हैं कि रानी कमलापति-जबलपुर वंदे भारत ट्रेन को रीवा और इंदौर-भोपाल वंदे भारत ट्रेन को खजुराहो तक चलाने की योजना पर रेलवे ने सर्वे भी शुरू कर दिया है. इसी तरह इंदौर से भोपाल के बीच चल रही वंदे भारत एक्सप्रेस को खजुराहो तक बढ़ाकर पर्यटकों के माध्यम से ट्रेन को पर्याप्त संख्या में सवारियां मिल सकेंगी.
लंबे समय से मांग
रीवा-भोपाल या रीवा-इंदौर के बीच वंदे भारत ट्रेन चलाए जाने की मांग लंबे समय से उठ रही है. पश्चिम मध्य रेलवे ने इस पर काम भी शुरू कर दिया था. माना जा रहा था कि बीते 25 अप्रैल को पीएम मोदी अपने रीवा प्रवास के दौरान रीवा से चलने वाली वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखा सकते हैं. लेकिन तैयारी पूरी न हो पाने और समय पर रैक न मिल पाने की वजह से ट्रेन का संचालन नहीं हो सका. हालांकि इसके बावजूद भी जनप्रतिनिधियों ने हार नहीं मानी, रीवा के लिए वंदे भारत ट्रेन की मांग समय-समय पर और तेज होती गई. अब एक बार फिर रीवा वासियों के लिए अच्छी खबर आ गई है.
वंदे भारत ट्रेन में कितनी सीटें हैं
भोपाल के रानी कमलापति से जबलपुर के बीच चलने वाली भोपाल वंदे भारत ट्रेन में 8 कोच हैं. इनमें 7 चेयरकार हैं. इनमें 546 सीटे हैं. वहीं एक एग्जीक्यूटिव में कुल 46 सीटें हैं. इतने ही सीटें इंदौर-भोपाल वंदे भारत में भी हैं.