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सभी परीक्षाओं के लिए इंपोर्टेंट कंप्यूटर क्वेश्चन वन लाइनर पीडीएफ डाउनलोड करने के लिए आपको नीचे लिंक दी जा रही है पोस्ट को पूरा पढ़ें
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इलेक्ट्रॉनिकी

• प्रौद्योगिकी के रूप में इलेक्ट्रॉनिकी वह क्षेत्र है जो विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक युक्तियों (प्रतिरोध, संधारित्र, इन्डक्टर, इलेक्ट्रॉन ट्यूब, डायोड, ट्रान्जिस्टर, एकीकृत परिपथ (IC) आदि) का प्रयोग करके उपयुक्त विद्युत परिपथ का निर्माण करने एवं उनके द्वारा विद्युत संकेतों को वांछित तरीके से बदलने (manipulation) से संबंधित है। इसमें तरह-तरह की युक्तियों का अध्ययन, उनमें सुधार तथा नयी युक्तियों का निर्माण आदि भी शामिल है।

• परिपथों के आधार पर इलेक्टानिक प्रौद्योगिकी को भागों में बांटकर अध्ययन किया जाता है - मुख्यतः दो

• एनालाग इलेक्ट्रॉनिकी - इन परिपथों में विद्युत संकेत सतत (अनालॉग) होते हैं और उनका प्रसंस्करण करने के बाद भी वे सतत ही बने रहते हैं। उदाहरण के लिये ट्रान्जिस्टर- प्रवर्धक एक एनालाग सिस्टम है।

• डिजिटल या अंकीय इलेक्ट्रॉनिकी - इसमें विद्युत संकेत अंकीय होते हैं। अंकीय संकेत बहुत तरह के हो सकते हैं किन्तु बाइनरी डिजिटल संकेत सबसे अधिक उपयोग में आते हैं। शून्य/एक, ऑन/ऑफ, हाँ/नहीं, लो/हाई आदि बाइनरी संकेतों के कुछ उदाहरण हैं।

• जबसे एकीकृत परिपथों (इन्टीग्रेटेड सर्किट) का प्रादुर्भाव हुआ है और एक छोटी सी चिप में लाखों करोंड़ों इलेक्ट्रॉनिक युक्तियाँ भरी जाने लगीं हैं तब से डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक बहुत महत्वपूर्ण हो गयी है।

आधुनिक व्यक्तिगत कम्प्यूटर (पीसी) तथा सेल फोन, डिजिटल कैमरा आदि डिजिटल इलेक्ट्रॉनिकी की देन हैं।

इलेक्ट्रॉनिकी का इतिहास

● 1883 में थॉमस अल्वा एडिसन ने पाया कि निर्वात में इलेक्ट्रान धातु के एक चालक से दूसरे चालक में प्रवाहित हो सकते हैं। बाद में इसी सिद्धान्त पर निर्वात डायोड और ट्रायोड बने।

• 1893 में निकोलाई टेस्ला द्वारा रेडियो संचार का प्रदर्शन किया गया।

1896 में मारकोनी ने रेडियो संचार का व्यावहारिक प्रदर्शन करके दिखाया।

● 1904 में जॉन अम्ब्रोस फ्लेमिंग ने पहला डायोड बनाया जिसे रेडियो ट्यूब कहा गया।

● 1906 में रॉबर्ट बान लीबेन और ली डी फारेस्ट ने स्वतन्त्र रूप से ट्रायोड का निर्माण किया जो प्रवर्धक (एम्प्लिफायर) का काम करने में सक्षम थी। इसी के साथ इलेक्ट्रॉनिकी के विकास का दौर आरम्भ हुआ।

इलेक्ट्रान ट्यूबों का पहला उपयोग रेडियो संचार में हुआ। ●

● 1947 में बेल प्रयोगशाला में कार्यरत विलियम शाक्ले ने ट्रांजिस्टर का आविष्कार किया। इस आविष्कार के फलस्वरूप इलेक्ट्रॉनिकी निर्वात-नलिका (वेक्यूम ट्यूब) पर आधारित इलेक्ट्रॉनिक युक्तियों से हटकर एक नये युग में प्रवेश कर गयी। अब छोटे-छोटे रेडियो आने लगे।

● 1958 में एकीकृत परिपथ (IC) का आविष्कार हुआ। इसके पहले इलेक्ट्रॉनिक परिपथ अलग-अलग इलेक्ट्रॉनिक युक्तियों को जोड़कर बनाये जाते थे जिससे अधिक जगह घेरते थे, अधिक सविद्युत शक्ति लेते थे, विश्वसनीयता कम थी।

● आधुनिक पीसी, एवं मोबाइल आदि IC के आविष्कार के कारण ही इतने छोटे, सस्ते एवं इतने कार्यक्षम हो सके।

● 1969 मे माइक्रोप्रोसेसर का विकास (इन्टेल में कार्यरत मार्सिअन हॉफ (Marcian Hoff) द्वारा) किया गया।

एकीकृत परिपथ (IC)

एकीकृत परिपथ (इन्टीग्रेटेड सर्किट (IC)) को सूक्ष्मपरिपथ (माइक्रोसर्किट), सूक्ष्मचिप, सिलिकॉन चिप, या केवल चिप के नाम से भी जाना जाता है। यह सिलिकॉन से बनी होती है।

• यह प्रोगाम लॉजिक और कंप्यूटर मेमोरी के लिए बनाई जाती है।

● 1958 में इसका अविष्कार रॉबर्ट नॉयस और जैक किल्बे ने किया था। पहली सूक्ष्मचिप में जहां एक ट्रांजिस्टर, एक कैपेसिटर और तीन रजिस्टर थे, वहीं आज की सूक्ष्मचिप में एक छोटी सी जगह में लगभग 125 मिलियन ट्रांजिस्टर समाए होते हैं।

■ IC का वर्गीकरण

आईसी द्वारा प्रसंस्कृत संकेत के आधार पर

• इसके आधार पर तीन भागों में बांटा जाता है.

• एनालॉग आईसी (Analog IC) - जिनका परिपथ किसी एनालॉग प्रकृति के काम के लिये बना होता है। जैसे - माइक्रोफोन एक ऐसी डिवाइस है जो ध्वनि को इलेक्ट्रिकल सिग्नल में परिवर्तित करती है।

● डिजिटल आईसी (Digital IC) - बाइनरी नंबर 1 और 0 पर काम करने वाली IC डिजिटल IC होती है इसमें बहुत सारे लॉजिक गेट्स होते है जिनके द्वारा IC को 1 और 0 के फॉर्म में आउटपुट मिलता है। 1 का मतलब होता है High यानी सिग्नल है और O का मतलब होता है Low यानी सिग्नल नही है।

• सभी लॉजिक आईसी, माइक्रोप्रोसेसर, डीएसपी आदि डिजिटल आईसी है।


• मिश्रित संकेत आईसी (Mixed signal IC) इन एकीकृत परिपथों पर एनॉलॉग और डिजिटल दोनो ही परिपथ मौजूद होते हैं। उदाहरण के लिये कुछ माइक्रोकन्ट्रोलरों पर दोनो तरह के परिपथ होते हैं। एडीसी (ADC) तथा डीएसी (DAC) के एकीपरि (एकीकृत परिपथ) इस श्रेणी में आते हैं।

ट्रांजिस्टरों की संख्या के आधार पर

• डिजिटल एकीकृत परिपथों को उनमें प्रयुक्त ट्रांजिस्टरों की संख्या के आधार पर स्माल स्केल इंटीग्रेटेड (SSI), मिडियम स्केल इंटीग्रेटेड (MSI), लार्ज स्केल इंटीग्रेटेड (LSI), वेरी लार्ज स्केल इंटीग्रेटेड (VLSI), अल्ट्रा लार्ज स्केल इंटीग्रेटेड (ULSI) आदि में बांटा जाता है।

नाम SSI (Small-Scale Integration ) MSI (Medium Scale Integration ) LSI (Large Scale Integration ) VLSI (Very LargeScale Integration) ULSI (Ultra LargeScale Integration) वर्ष 1964 1968 1971 1980 1984 ट्रांजिस्टरों की संख्या 1 to 10 10 to 500 500 to 20,000 20,000 to 10,00,000 10,00,000 से अधिक

• इंटीग्रेटेड सर्किट के लाभ

• इनका आकार छोटा होता है।

• इनकी कीमत कम होती है।

● सर्किट के विभिन्न भागो के बीच तापान्तर निम्न होता है। ● Interconnection Errors नहीं होती है।

• उच्च स्तर की विश्वनीयता प्राप्त होती है क्योकि सभी Components एक साथ बनाये जाते है।

• जटिल से जटिल सर्किट बनाये जा सकते

माइक्रोप्रोसेसर

• माइक्रोप्रोसेसर एक ऐसा डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक युक्ति है जिसमें लाखों ट्रांजिस्टरों को एकीकृत परिपथ (इंटीग्रेटेड सर्किट या आईसी) के रूप में प्रयोग कर तैयार किया जाता है।

• माइक्रोप्रोसेसर को प्रोसेसर, सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (सी.पी.यू.) 'चिप' के नाम से भी जाना जाता है। यह कंप्यूटर का मस्तिष्क है और कंप्यूटर में होने वाला सारा का सारा काम उस पर निर्भर है।

● कंप्यूटर को दिया जाने वाला हर निर्देश माइक्रोप्रोसेसर के पास पहुंचता है और वह डाटा प्रोसेसिंग करता है।

• सिर्फ कंप्यूटर ही नहीं, कैलकुलेटर से लेकर घड़ियों और टेलीविजन तक हर इलेक्ट्रानिक उपकरण में किसी न किसी प्रकार का माइक्रोप्रोसेसर लगा होता है।

• एक माइक्रोप्रोसेसर हार्डवेयर व सॉफ्टवेयर में हो रहे तालमेल को नियंत्रित करने के काम आता है। और हम इसे ऐसा डिवाइज भी कह सकते हो जो सॉफ्टवेयर के निर्देशो को कंट्रोल करने के काम आता है।

• माइक्रोप्रोसेसर के आविष्कार का श्रेय इंटेल-4004 नामक माइक्रोप्रोसेसर को जाता है। इंटेल-4004 का आविष्कार 1969 में हुआ था।

• प्रोसेसर की शक्ति गीगाहर्टज (GHz) पर निर्भर करती है, यानि जो प्रोससेर जितने ज्यादा गीगाहर्टज (GHz) का होगा उतनी ही तेजी से गणना करेगा।

प्रोसेसर कोर

• कोर (Core) माइक्रोप्रोसेसर के अंदर लगी एक गणना करने वाली यूनिट या चिप होती है, इसी चिप पर प्रोसेसर की गति निर्भर करती है।

• एक कोर वाले प्रोसेसर को Single Core Processor कहते हैं । Single Core Processor ज्यादा बोझ पडते ही हैंग होने लगता था, इसलिये इसकी क्षमता बढाने के लिये प्रोसेसर में अतिरिक्त कोर (Core) लगाये जाते हैं

इनकी संख्या के आधार पर ही प्रोसेसर के नाम रखे गए है - •

● Dual Core इस प्रोसेसर में दो कोर या प्रोसेसर होते हैं। वे सिंगल प्रोसेसर की तुलना में दोगुने तेज होते हैं।

• Quad Core क्वाड-कोर प्रोसेसर में चार कोर होते हैं।

• Hexa Core- यह मल्टी-कोर प्रोसेसर है जो छह कोर के साथ आता है।

• Octa Core- यह प्रोसेसर आठ प्रोसेसर कोर से बना है।

Deca Core - यह प्रोसेसर के एक ही चिप पर 10 सिपीयू कोर होते हैं। ●


सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी

कंप्यूटर शब्दावली

एड्रेस बार (Address bar) - यह आपके वेब ब्राउजर का वह हिस्सा होता है जहां आप कोई भी वेब एड्रेस टाइप करते हैं

एंटीवायरस (Antivirus) - एंटीवायरस (Antivirus) एक प्रकार के Software होते हैं जो आपके Computer को Computer Virus से Protect करते हैं

एक्टिव सेल (Active cell) - इस शब्द का प्रयोग Microsoft Excel में किया जाता है, जो cell माउस या की-बोर्ड की सहायता से select किया जाता है और उस सेल के चारों ओर गहरा काला बॉर्डर बन जाता है, इस सेल को एक्टिव सेल (Active cell) कहते हैं

अबेकस (Abacus) - अबेकस (Abacus) अबेकस पहला ऐसा कंप्यूटर था, जो गणना कर सकता था। अबेकस का निर्माण लगभग 3000 वर्ष पूर्व चीन में किया गया था।

• एक आयताकार फ्रेम में लोहे की छड़ोँ में लकड़ी की गोलियाँ लगी रहती थी जिनको ऊपर नीचे करके गणना या केलकुलेशन की जाती थी।

एक्सेस (Access) - जब आप अपने कंप्यूटर या ईमेल पर वैध तरीके से अपनी पहुंच बनाते हैं या खोलते हैं जिसके लिये आप Username और password का प्रयोग करते हैं और तो साधारण भाषा में कहा जायेगा कि आप अपने खाते को एक्सेस (access ) कर पा रहे हैं।

अकाउंट (Account) - यह एक प्रकार की मेंबरशिप होती है जो आप किसी भी नेटवर्क पर जैसे ऑनलाइन शॉपिंग, ऑनलाइन बैंकिग, ईमेल सर्विस या अपने पर्सनल कंप्यूटर पर बनाते हैं,

● अकाउंट (Account) बनाने के लिये आपकी निजी जानकारी जैसे आपका नाम, पता आपका मोबाईल नंबर या आपका ईमेल आईडी भी शामिल हो सकता है।

एक्रोबेट रीडर (Acrobat Reader) Adobe कंपनी ने एक फाइल फार्मेट डेवलप की है जिसका नाम .PDF है यानि Portable Document Format इस PDF को रीड करने के लिये या ओपन करने के लिये बनाया गया।

एडमिन (admin ) - इसे Administrator या superuser भी कहते हैं, अगर आपके पास Computer, किसी नेटवर्क या किसी सोशल मीडीया ग्रुप का पूरा कंट्रोल है तो आप एडमिन (admin) या Administrator कहलायेगें।

ऐडसेंस (AdSense ) - इसे Google Ad Sense के नाम से जाना जाता है ऐडसेंस (AdSense) वेबसाइट और ब्लॉग स्वामियों को वेबसाइट और ब्लॉग की सामग्री से ऑनलाइन पैसे कमाने का तरीका प्रदान करता है।

• एडवेयर ( Adware) यह एक प्रकार का वायरस होता है जो आपके ब्राउजर में अपने आप इंस्टॉल हो जाता है, और आपको पूरे वेबपेज पर अनचाहे और जरूरत से ज्यादा विज्ञापन प्रदर्शित करता है

एंड्राइड (Android) - एंड्रॉयड मोबाइल फोन की दुनिया का सबसे तेजी से प्रगति करता आपरेटिंग सिस्टम है। जिसको गूगल के द्वारा बनाया गया है।

एप्लीकेशन (Application) - सभी Computer और Android प्रोग्राम जो अलग-अगल काम करने के लिये बनायें जाते हैं Application Microsoft Word, Microsoft Excel, Adobe Photoshop, Google Chrome आदि लोकप्रिय एप्लीकेशन हैं।

एफिलिएट (Affiliate) - ई-कॉमर्स (E-commerce) कंपनियां नये ग्राहकों को जोड़ने और प्रचार करने के लिये एफिलिएट मार्केटिंग (Affiliate Marketing) का सहारा लेती है, एफिलिएट मार्केटिंग (Affiliate Marketing) के लिये आम यूजर्स का ही सहारा लिया जाता है और होने वाले फायदे में यूजर्स को कुछ कमीशन दिया जाता है।

• जो यूजर्स एफिलिएट मार्केटिंग (Affiliate Marketing) करते हैं को एफिलिएट (Affiliate) कहा जाता है।

> एनॉनमस ईमेल (Anonymous Email) - अक्सर कभी कभी हमें कुछ जगह पर अपनी पहचान छिपा कर जानकारी देने की जरूरत होती है, एनॉनमस ईमेल (Anonymous-email) की सहायता से आप बिना अपनी ईमेल आईडी के किसी भी व्यक्ति को ईमेल कर सकते है, यानि Anonymous email उस Email को कहते हैं जिसका कोई नाम पता नहीं होता है।

अवतार ( Avatar) - कंप्यूटर Avatar आपका ग्राफिकल प्रतिरूप होता है, असल में जब आप गेम खेलते हैं या किसी चैटग्रुप में चैट करते हैं तो यह Avatar आपको री प्रेजेंट करता है, यह और भी कारगर तब होता है जब आप ऑनलाइन मल्टीप्लेयर गेम खेल रहे होते हैं।

ऑगमेंटेड रियलिटी (Augmented Reality) - ऑगमेंटेड रियलिटी वर्चुअल रिएलिटी का ही दूसरा रूप है, इस तकनीक में आपके आसपास के वातावरण से मेल खाता हुआ एक कंप्यूटर जनित वातावरण तैयार किया जाता हैं। यानि आपके आसपास के दुनिया के साथ एक और आभासी दुनिया को जोड़कर एक वर्चुअल सीन तैयार किया जाता है, जो देखने में वास्तविक लगता है

एयरप्लेन मोड (airplane mode) - हवाई यात्रा के दौरान मोबाइल को एयरप्लेन मोड लगाने पर मोबाइल नेटवर्क पूरी तरह से बंद हो जाते हैं, लेकिन आप फोन से अन्य काम ले सकते हैं जैसे म्यूजिक सुनना, गेम्स खेलना आदि और हवाई सफर बिना किसी परेशानी और बोरियत के पूरा हो जाता है।


बायोस *(BIOS). - BIOS कंप्यूटर के ऑन होने पर रैम, प्रोसेसर, की-बोर्ड, माउस, हार्ड ड्राइव की पहचान कर उन्हें कन्फिगर (Configure) करता है ।

● बायोस (BIOS) की Full Form है बेसिक इनपुट आउटपुट सिस्टम (Basic Input Output System)

ब्राउज़र (Browser) - वेब ब्राउज़र एक ऐसा सॉफ्टवेयर होता है जो आपको इंटरनेट पर उपलब्ध सामग्री जैसे ब्लॉग बेवसाइट पर उपलब्ध लेख, इमेज, वीडियो और ऑडियो और गेम्स आदि को देखने और प्रयोग करने में आपकी सहायता करता है।

बायनरी सिस्टम (Binary System) - कंप्यूटर बाइनरी गणना पर ही चलता है क्यों की इलेक्ट्रॉनिक्स में किसी भी सिग्नल की चालू या बंद दो ही अवस्था हो सकती है। बाइनरी नंबर सिस्टम (द्विआधारी संख्या प्रणाली) में कोई भी संख्या सिर्फ 2 अंको के माध्यम से ही लिखी जाती है, वे दो अंक है 0 और 1।

बाइट (Byte) - बिट कंप्यूटर की मैमोरी सबसे छोटी इकाई होती है और 8 बिट को मिलाकर 1 बाइट बनता है, बाइट कंप्यूटर की स्मृति में एक अक्षर द्वारा ली जाने वाली जगह को कहते

बारकोड (Barcode) - बारकोड (Barcode) पतली व गहरी मोटी काली रेखाओं के संयोजन से प्रत्येक वस्तु पर मुद्रित किया जाता है जिसे दुकानों या सुपर मार्किट में कंप्यूटर की मदद से पढ़ा जाता है, उस वस्तु के बारे में सब तरह की जानकारी (वस्तु का नाम, वस्तु की मात्रा, उसका मूल्य इत्यादि) दे देता है।

• इसे पढ़ने के लिये बारकोड रीडर की आवश्यकता होती है

बूट ( Boot) - कंप्यूटर स्टार्ट करने पर सीपीयू (CPU) और बायोस (BIOS) मिलकर कंप्यूटर को स्कैन करते हैं, बायोस (BIOS) बूटिंग डिवाइस को सर्च करता है और विंडोस को शुरू करता है इस प्रिक्रिया को बूट करना कहते हैं।

बैकस्पेस (Back Space) - कम्प्यूटर की-बोर्ड में बैकस्पेस बटन द्वारा कर्सर के बाई और लिखे अक्षर को मिटा सकते है। ऐसा करने पर कर्सर अन्त में टाइप किए गए अक्षर को मिटाने हुए बाई ओर लौटता है।

बैकअप (Backup) - कंप्यूटर की भाषा में आपके डाटा का एक और डुप्लीकेट प्रति बनाना बैकअप लेना कहलाता है ताकि डेटा का नुकसान होने के बाद उन्हें दोबारा प्राप्त किया जा सके।

बेड सेक्टर (Bad Sector) - हार्ड डिस्क का कुछ हिस्सा जो डाटा स्टोर करने लायक नहीं रहता है यानि बेकार हो जाता है वह बेड सेक्टर (Bad Sector) कहते हैं।

बैच फ़ाइल (batch file) - बैच फ़ाइल (batch file) में क्रमबद्ध तरीके से लिखे हुए डॉस कमांड होते हैं। साधारणतया बार-बार किए जाने वाले काम को अपने आप करवाने के लिए उसे लिखा जाता है। बजाय इसके कि कमांड को बार-बार टाइप करना पड़े।

बीटा (Beta) - किसी नये Software को लांच करने उसका Test Version लांच किया जाता है जिससे उसकी कमिया

पता चल सकें, इसे टेस्ट वर्जन को ही बीटा वर्जन (Beta Version) भी कहते है।

बिग डाटा (Big data) - बिग डाटा (Big data) बहुत सारे डेटा सेट का संग्रह होता है यह बहुत बड़ा और जटिल होता है, बिग डाटा (Big data) का प्रयोग सटीकटा से जानकारी प्राप्त करने के लिये किया जाता है।

बिटकॉइन (Bitcoin) - बिटकॉइन (Bitcoin) एक आभासी मुद्रा यानि वर्चुअल करेंसी (Virtual Currency) है, इसके इस्तेमाल और भुगतान के लिये क्रिप्टोग्राफी (Cryptography) का इस्तेमाल किया जाता है इसलिये इसे क्रिप्टो करेंसी (Crypto currency) भी कहा जाता है।

बिटमैप (Bitmap) - कंप्यूटर में डाटा को 0 और 1 के रूप में रखा जाता है, इसे बिट कहते है और जब इन सूचनाओं का एक मैप तैयार किया जाता है तो इसे बिटमैप (Bitmap) कहते हैं

बिट टोरेंट (BitTorrent )- बिट टोरेंट (BitTorrent) एक Torrent Client है जिसके माध्यम से आप आसानी से Torrent download कर सकते हैं, यह internet download manager की तरह ही एक software होता है, जो Torrent files को download और upload करने के काम आता है

ब्लॉग (Blog) - ब्लॉग वेब-लॉग शब्द का संक्षिप्त रूप है, यह एक प्रकार की ऑनलाइन पर्सनल डायरी होती है, जहाँ आप कुछ भी लिख सकते हैं, इस शब्द का प्रयोग प्रथम बार 1997 में अमेरिका किया गया था हिन्दी भाषा में ब्लॉग को "चिठ्ठा" कहा जाता है।

ब्लॉगर (Blogger) - ब्लॉग (Blog) लिखने वाले व्यक्ति को ब्लॉगर (Blogger) या चिट्ठाकार कहा जाता है

ब्लॉगिंग (Blogging) - ब्लॉग (Blog) पर ब्लॉगर (Blogger) द्वारा लगातार लेख, ऑडियो या वीडियो आदि पोस्ट करना ब्लॉगिंग (Blogging) कहलाता है।

ब्लू रे डिस्क (Blu Ray Disc) CD और DVD के बाद फ़िल्मों और डेटा के स्टोर करने के लियेब्लू रे डिस्क (Blu Ray Disc) का प्रयोग किया जा रहा है इसे पढ़ने के लिये जिस प्रकाश का प्रयोग किया जाता है वह नीले रंग का होता है, ब्लू रे डिस्क (Blu Ray Disc) पर 50 गीगा बाइट डाटा स्टोर किया जा सकता है।

ब्लूटूथ (Bluetooth) - ब्लूटूथ एक वायरलेस तकनीक है दो या और अधिक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस एक दूसरे से वॉइस (voice) और डेटा (data) के आदान प्रदान के लिए ब्लूटूथ टेक्नोलॉजी (Bluetooth technology) का उपयोग किया जाता है

बुकमार्क (Bookmarks) - बुकमार्क (Bookmarks) वेबसाइट के वह लिंक्स होते हैं जो आपके वेबब्राउजर में सेव कर लिये जाते हैं और कभी बुकमार्क (Bookmarks) पर क्लिक कर आप अपने पंसदीदा वेबपेज पर सीधे जा सकते हैं

बॉट (Bot) - इन्हें वेब रोबॉट भी कहा जाता है, ये सॉफ्टवेयर कोडिंग का एक सेट लेआउट होता है। बॉट कृत्रिम रूप से बुद्धिमान प्रोग्राम है इन्हें आपकी सहूलियत के लिये डिजायन किया गया है





डेस्कटॉप (Desktop) - कम्प्यूटर Start होने के बाद जो पहली screen दिखाई देती है। जिसमें फाईल फोल्डर या प्रोग्राम के अायकन होते हैं, Start Menu होता है और वालपेपर होता है वह आपके कंप्यूटर का डेस्कटॉप कहलाता है।

ई कॉमर्स (E-commerce) - इंटरनेट के जरिये व्यापार का करना ही ई-कॉमर्स कहलाता है चाहे वह सामान खरीदना या बेचना |

ईमेल (Email) - इंटरनेट के माध्यम से चिठ्ठी या मैसेज भेजना ईमेल (Email) कहलाता है Email को Electronic Mail भी कहते हैं।

ईमोजी (Emoji) - कार्टून वाले चेहरे यानि इमोजी का प्रयोग इंटरनेट पर अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिये किया जाता है। जैसे

इमोटिकॉन (emoticon ) - यह भी इमोजी की तरह ही होता है, इमोटिकॉन (emoticon) भी भावनाओं का व्यक्त करते हैं लेकिन इसे आप सीधे-सीधे की-बोर्ड की सहायता से बना सकते हैं। जैसे happy face के लिये - -)

एक्सल (Excel) - Microsoft Excel एक बहुत ही उपयोगी Office Software है, यह MS Office के पैकेज में साथ आता है इसमें आप एक Spread Sheet तैयार कर सकते हैं और उनको Tabular format open, create, edit, formatting, calculate, share एवं print आदि करने का कार्य कर सकते हैं।

ईथरनेट (Ethernet ) - ईथरनेट ( Ethernet) लोकल एरिया नेटवर्क तैयार करने का एक प्रोटोकॉल होता है। ईथरनेट (Ethernet) का प्रयोग एक से अधिक कंप्यूटरों के लिए इंटरनेट से कनेक्ट करने के लिए उपयोग किया जाता है

एन्क्रिप्शन (Encryption) - इन्क्रिप्शन किसी मैसेज या सूचना को भेजने की एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें इलेक्ट्रॉनिक डाटा को एक अलग फॉर्म में कनवर्ट कर जाता है और केवल सूचना को भेजने वाला और प्राप्त करने वाला ही इसे पढ़ सकता है

इलेक्ट्रॉनिक आर्टिकल सर्विलांस (EAS) - इलेक्ट्रॉनिक आर्टिकल सर्विलांस (Electronic Article Surveillance) नये जमाने का एंटी थीफ सिस्टम (Anti-thief systems) है, ऐसे लोग जो दिन के समय भी लाइब्रेरी या शॉपिंग मॉल से लोगों की नजर बचाकर सामान चोरी कर लेते हैं, यह तकनीक उन्हीं लोगों को पकड़ने के लिये है।

फेसबुक (Facebook) - फेसबुक (Facebook) वर्तमान में दुनिया का सबसे बडी Social Networking Website है, इसे मार्क जुकरबर्ग (Mark Zuckerberg) ने बनाया हैं।

एफ ए क्यू (FAQ) - एफ ए क्यू (FAQ) का पूरा अर्थ है अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न यानि Frequently Asked Questions|

फैट 32 (FAT32) - फैट 32 (FAT32 ) का पूरा अर्थ है File Allocation Table, इसका प्रयोग हार्ड डिस्क ड्राइव की स्टोरेज के प्रकार को दर्शाने के लिये किया जाता है।

फाइल एक्सटेंशन (File extension) कंप्यूटर फाइल की पहचान के लिये उसके पीछे कुछ शब्द यानि फाइल एक्सटेंशन जोड देता हैं, जिससे बडी असानी से पता चल जाता है कि यह फाइल किस प्रकार की फाइल है। इसे फाइल एक्सटेंशन (File extension) कहते हैं। जैसे-.jpg (फोटो के लिए)

फ़ायरवॉल (Firewall) -फ़ायरवॉल (Firewall) कंप्यूटर सिस्टम या नेटवर्क का एक हिस्सा है जिसका प्रयोग अनाधिकृत उपयोग को रोकने के लिये किया जाता है।

एफटीपी (FTP) - फाइल ट्रांसफर प्रोटोकॉल (एफटीपी) एक इंटरनेट प्रोटोकॉल (Internet Protocol) होता है, जिसमें TCP/IP connections के माध्यम से दो कंप्यूटरों के बीच फाइलों का आदान-प्रदान करते हैं।

गेटवे (Gateway) - गेटवे (Gateway) इंटरनेट के माध्यम से बना हुआ एक ऐसा नेटवर्क होता है जो दो या उससे अधिक कंप्यूटरों के बीच एक पुल का काम करता है, जिससे उनके बीच में डाटा ट्रांसफर किया जा सके।

गूगल (Google) - गूगल वर्तमान में विश्व का सबसे बड़ा सर्च इंजन हैं, इंटरनेट पर कुछ भी खोजने के लिये गूगल का ही इस्तेमाल किया जाता है।

गूगल ड्राइव (Google Drive) - गूगल ड्राइव (Google Drive) गूगल की क्लाउड स्टोरज सर्विस है।

गीगाबाइट (Gigabyte) - गीगाबाइट (Gigabyte) को आप GB के नाम से भी जानते हैं यह कंप्यूटर की मैमोरी माञक हैं।

01 गीगाबाइट में 1024 MB यानि 1024 मेगाबाइट होते हैं।



गीगाहर्ट्ज़ (Gigahertz ) - गीगाहर्ट्ज़ (Gigahertz) का अर्थ कम्पुटर के प्रोसेसर की Clock Speed से है कि वह 1 सेकेण्ड की किनते डाटा की गणना कर सकता है।

जीआईएस (GIS) - जीआईएस (GIS) का पूरा अर्थ है ज्योग्राफिकल इन्फॉर्मेशन सिस्टम है, इसके माध्यम से पृथ्वी की भौगोलिक आकृतियों, भू-भागों आदि को डिजिटल रूप में प्रस्तुत किया जाता है।

जीपीएस (GPS) - जीपीएस (GPS) का पूरा अर्थ है ग्लोबल पोजीशनिंग सिस्टम यह सैटेलाइट आधारित नेविगेशन सिस्टम है जो रीयल टाइम लोकेशन बताता है।

जीपीयू (GPU) - जीपीयू (GPU) का पूरा अर्थ है ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट (Graphics processing unit) GPU एक प्रोसेसर की तरह काम करता है जिसके अंदर ग्राफिक्स कैलकुलेशन होती हैं, यानि जीपीयू (GPU) Computer में ग्राफिक्स का सारा काम देखता है।

एचटीटीपी (HTTP) - एचटीटीपी (HTTP) का पूरा अर्थ है हाइपर टेक्स्ट ट्रांसफर प्रोटोकॉल (Hypertext Transfer Protocol) एक एप्लीकेशन प्रोटोकॉल है जिसका प्रयोग इंटरनेट पर डाटा ट्रांसफर करते समय किया जाता है।


एचटीएमल (HTML) - एचटीएमल (HTML) का पूरा अर्थ है हाइपर टेक्स्ट मार्कअप लेंगुएज (Hypertext Markup Language) इसका प्रयोग Web Pages Design करने के लिये किया जाता है।

> हैकर (Hacker) - हैकर (Hacker) वह व्यक्ति होते हैं तो प्रोग्रामर द्वारा बनाये गये प्रोग्राम में अनाधिकृत रूप से प्रवेश प्राप्त कर लेते हैं और सिस्टम को अपने नियंत्रण में ले लेते हैं।

> हार्ड कॉपी (Hard Copy) - अगर आप किसी डॉक्यूमेंट की कॉपी प्रिंटर द्वारा प्रिंट कर रहे हैं तो असल में आप उसकी हार्ड कॉपी या कागज़ी प्रति तैयार कर हैं।

हार्ड डिस्क (Hard Disk ) - हार्ड डिस्क (Hard Disk) में कम्प्यूटर के सभी प्रोग्राम और डाटा सुरक्षित रहते है। हार्ड डिस्क की मेमोरी स्थायी होती है, इसीलिए कम्प्यूटर को बंद करने पर भी इसमें सुरक्षित प्रोग्राम और डाटा समाप्त नहीं होता है।

> हार्डवेयर (Hardware ) - हार्डवेयर Computer का Machinery भाग होता है जैसे LCD, की-बोर्ड, माउस, सी. पी. यू., यू.पी. एस. आदि जिनको छूकर देखा जा सकता है। इन Machinery Part के मिलकर computer का बाहरी भाग तैयार होता है।

हाइबरनेट (Hibernate) Hibernate वह प्रकिया है जिसमें आप अपने कम्प्यूटर के अन्दर किये जा रहे समस्त कार्य को बिना बन्द या समाप्त किये कम्प्यूटर को शटडाउन कर सकते है।

> होम पेज (Home Page) - किसी भी Web site के पहले पेज को ही होम पेज (Home Page) कहते हैं। जब आप किसी Web site को ओपन करने हैं तो आपको सबसे पहले होम पेज (Home Page) ही दिखाई देता है।

हब (Hub ) - हब (Hub) एक ऐसी hardware device होती है जो कई सारे कंप्यूटर को Network से जोड़ने का काम करती है।

> हाइपरलिंक (Hyperlink) - हाइपरलिंक (Hyperlink) एक ऐसा लिंक होता है जिसे किसी शब्द, इमेज या वीडीयो से जोड़ दिया जाता है और जब आप इस पर क्लिक करते हैं जो आप किसी दूसरे पेज पर चले जाते हैं।

आइकॉन (Icon) -आइकॉन किसी प्रोग्राम अथवा कंप्यूटर के किसी फोल्डर का छोटा चित्र होता है, जिससे उस फोल्डर या प्रोग्राम की पहचान की जा सकती है और क्लिक करके प्रोग्राम या फोल्डर को खोला जा सकता है

> इंटरफेस (Interface) - इंटरफेस (Interface) के माध्यम से यूजर कंप्यूटर के साथ बेहतर तरीके से communicate कर पाता है, कंप्यूटर में इसे ग्राफ़िकल यूज़र इंटरफ़ेस (graphical user interface) कहते हैं।

आईसीएस (ICS) - आईसीएस (ICS) का पूरा अर्थ है इंटरनेट कनेक्शन शेयरिंग (Internet Connection Sharing) इसके माध्यम से आप Local Area Network (LAN) में अपने Computer का Internet Connection दूसरे Computer के साथ Share कर सकते हैं।

आईएमएपी (IMAP) - आईएमएपी (IMAP) आपके कंप्यूटर पर मेल क्लाइंट के जरिये ईमेल के सर्वर से ईमेल डाउनलोड करने की अनुमति देता है।

इनबॉक्स (Inbox) - इनबॉक्स (Inbox) शब्द ईमेल से जुडा हुआ है, जिस स्थान या फोल्डर में आपको आने वाले ईमेल आपको प्राप्त होते हैं वह इनबॉक्स (Inbox) कहलाता है।

इंडेक्स (Index) - इंडेक्स (Index) का अर्थ है Computer में Data की List तैयार करना, जिसमें आपकी सभी फाइलें और डाटाबेस एन्ट्रीयॉ भी हो सकती हैं।

इनपुट (Input) - Computer में कोई डाटा या निर्देशों को Enter करते हैं तो यह इनपुट (Input) कहलाता है।

इनपुट डिवाइस (Input Device) Input Device वे Hardware Device होते है जिनके द्वारा हम अपने डाटा या निर्देशों को Computer में Input करा सकते हैं जैसे - की-बोर्ड, माउस, जॉयस्टिक, ट्रैकबॉल, लाइट पेन, टच स्क्रीन, स्कैनर, बारकोड रीडर आदि।

इंस्टॉल (Install) - किसी प्रोग्राम को Computer में स्थापित करना इंस्टॉल (Install) कहलाता है।

इंटरनेट (Internet ) - इंटरनेट (Internet) को हिंदी में अंतरजाल भी कहते हैं, यह एक ऐसा नेटवर्क है जिससे दुनिया भर के कंप्यूटर एक दूसरे से जुड़े हुए हैं, इसमें Internet Protocol के जरिये सूचना का आदान प्रदान करते हैं।

आईपी (IP) - आईपी (IP) का पूरा अर्थ है इंटरनेट प्रोटोकॉल (Internet Protocol) जब कम्प्यूटर को इंटरनेट से जोड़ते हैं तो आपके डिवाइस को इंटरनेट पर पहचाने के लिये एक खास कोड दिया जाता है, जिससे आपकी लोकेशन और नेटवर्क का पता चलता है। इस कोड को आईपी एड्रेस (IP address) या इंटरनेट प्रोटोकॉल एड्रेस (Internet Protocol Address) कहते हैं।

> जावा (JAVA) जावा (JAVA) एक प्रोग्रामिंग भाषा (programming language) है, इसे सन माइक्रोसिस्टम्स (Sun Microsystem) द्वारा विकसित किया गया था।

जेपीईजी (JPEG) - जेपीईजी (JPEG) कंप्यूटर में ईमेज के लिये आमतौर पर प्रयोग किया जाने वाला फ़ाइल फॉर्मेट है।

→ जॉयस्टिक (Joystick) - जॉयस्टिक (Joystick) एक इनपुट डिवाइस है जिसका प्रयोग कंप्यूटर पर गेम्स खेलने के किया जाता है

जैमर (Jammer) - जैमर (Jammer) एक ऐसा यंत्र है, जो मोबाइल फोन को बेस स्टेशन से सिग्नल लेने से रोकता है, इसे Phone Jammer भी कहते हैं।

जूमला (Joomla) जूमला (Joomla) भी ब्लॉगर की तरह ही एक नि शुल्क प्लेटफार्म है, जहां ब्लांगिग की जा सकती है।

जंक फाइल (Junk File) - कंप्यूटर में पडी बेकार और अनुपयोगी फाइलों का जंक फाइल (Junk File) कहते हैं।


जेल ब्रेक (Jail Break) - जेल ब्रेक (Jail Break) का प्रयोग आईफोन में किया जाता है, जब आप iPhone jailbreak कर रहे होते हैं जब आप असल में iPhone की डिफाल्ड सिक्योरिटी को ब्रेक कर चुके होते हैं और सिस्टम में मनचाहे बदलाव कर सकते हैं बिलकुल जैसे android को Root किया जाता है।

केबीपीएस (Kbps) - तकनीकी भाषा में डाटा ट्रांसफर रेट (data transfer rate) के लिये केबीपीएस (Kbps) का प्रयोग किया जाता है, केबीपीएस (Kbps) का पूरा अर्थ है किलो बाइट पर सेकेण्ड (Kilobytes per second) |

कीबोर्ड (Keyboard) कीबोर्ड (Keyboard) एक इनपुट डिवाइस है जिससे कंप्यूटर में टाइपिंग का काम लिया जाता है और कंमाड एंटर की जाती हैं।

कीबोर्ड शार्टकट्स (Keyboard shortcuts ) माउस के बजाय किसी प्रोग्राम को ओपन करने के लिये या किसी कंमाड का एप्लाई करने के लिये कीबोर्ड के कुछ बटनों को एक साथ दबाकर एक कॉम्बिनेशन बनाया जाता है - जैसे माउस से कॉपी करने के बजाये आप Ctrl+c से कॉपी कर सकते हैं इसे ही कीबोर्ड शार्टकट्स (Keyboard shortcuts) कहते हैं

कीलॉगर (Keylogger) - कीलॉगर (Keylogger) एक Spy Tool है, इसका प्रयोग कीबोर्ड को Record करने में किया जाता है यानि आप Keyboard से कुछ Type करते है तो वह भी Record हो जाता है।

→ कीस्ट्रोक (keystroke) - कीबार्ड पर टाइपिंग करते समय आप जितनी बार कीबोर्ड के बटन को प्रेस करते हैं वह कीस्ट्रोक (keystroke) कहलाता है इसमें स्पेस के बटन को भी गिना जाता है यानि अगर आपने टाइप किया my big guide तो इसमें कुल 12 कीस्ट्रोक (keystroke) हुए।

कीवर्ड (Keywords) - कीवर्ड (Keywords) उन शब्दों को कहते है जिनको आप इंटरनेट पर कुछ सर्च करने के लिये आप गूगल या बिंग जैसे सर्च इंजन में टाइप करते हैं और सर्च इंजन द्वारा आपके द्वारा टाइप किये गये कीवर्ड को ब्लॉग और वेबसाइट में खोजा जाता है और आपके कीवर्ड (Keywords) से मिलते जुलते परिणाम आपको दिखा दिये जाते हैं।

मदरबोर्ड (Motherboard) - यह कंप्यूटर का वह भाग होता है जो आपके इनपुट और आउटपुट डिवाइस मैमोरी और प्रोसेसर को जोडे रखता है, यह एक प्रकार का प्रिंटेड सर्किट बोर्ड होता है।

> मेगा पिक्सल (megapixels) - पिक्सल किसी भी स्क्रीन या फोटो की सबसे छोटी इकाई होता है, कोई भी फोटो या स्क्रीन इन्हीं पिक्सल से मिलकर बनी होती है 10 लाख पिक्सल से मिलकर 1 मेगा पिक्सल बनता है, यानि 1 मेगा पिक्सल में 10 लाख पिक्सल होते हैं।

> मेल मर्ज (Mail Merge) - मेल मर्ज (Mail Merge) की मदद से आप एक साथ कई ईमेल, एनवलप और लेबल, विभिन्न जानकारियों के साथ अनेक लोगों को भेज सकते हैं। जिससे आप

बड़ी ही आसानी से एक ही वर्ड टैम्पलेट को तैयार कर कई लोगों के लिये लैटर बना सकते हैं।

माउस (Mouse) - माउस' एक हार्डवेयर है और कंप्यूटर में इस्तेमाल होने वाला इनपुट डिवाइस है, इसे पॉइंटर डिवाइस (pointing device) माउस की सहायता से आप कंप्यूटर में दिखाई देने वाले तीर के आयकन जिसे कर्सर करते हैं को मूव कर सकते हैं।

→ मैक्रो (Macro) - मैक्रो (Macro) एक प्रकार का रिकॉर्डिंग टूल है यह आपके द्वारा किये गये कार्य को रिकार्ड कर लेता और रन कराने पर उसी क्रम में उन्हें दोहरा देता है।

माइक्रोफोन (Microphone) - माइक्रोफोन को Mic या Mike भी बोला जाता है जो माइक्रोफोन एक ऐसा डिवाइस है जो आपकी आवाज़ को डिजिटल डाटा में बदलता है। ये कंप्यूटर में एक इनपुट डिवाइस की तरह इस्तेमाल होता है।

मॉडेम (Modem) - पारंपरिक तरीके से इंटरनेट की सुविधा को प्राप्त करने के लिए मॉडेम की आवश्यकता होती है।

यह Telephone Line से आने वाले Analog Signal को Modulate करके Digital Signal में बदलता है और Computer से आने वाले Signal को Demodulate करके Analog Signal में बदलकर उसे वापस भेज पाए और इसी प्रणाली को आसान शब्दों में Modulation और Demodulation कहते है।

एनआईसी (NIC) - एनआईसी (NIC) की फुलफार्म है नेटवर्क इंटरफेस कार्ड (Network Interface Card) इसे ईथरनेट कार्ड (Ethernet card) और नेटवर्क एडाप्टर (network adapter) भी कहा जाता है, अगर ऐसा कार्ड होता है जिसे मदरबोर्ड के साथ कनेक्ट का कंप्यूटर को ईथरनेट केबल के साथ इंटरनेट या नेटवर्क से जोड़ा जा सकता है

नेटवर्क (Network) - कंप्यूटर, सर्वर, मेनफ्रेम, नेटवर्क डिवाइस या अन्य ऐसी डिवाइस जो एक दूसरे से डाटा शेयर करती है उनका आपस का कनेक्शन चाहे वह वायरलैस हो या केबल द्वारा नेटवर्क Network) कहलाता है, हम पूरी दुनिया के कंप्यूटर और स्मार्टफोन इंटरनेट के माध्यम से एक दूसरे से जुड़े हैं, इंटरनेट नेटवर्क (Network) का सबसे अच्छा उदाहरण है

> नार्थ ब्रिज (Northbridge) - मदरबोर्ड का एक भाग होता है असल में मदरबोर्ड दो में नार्थ ब्रिज (Northbridge) और साउथ ब्रिज (South Bridge) नाम के दो सर्किट होते हैं इसमें से नार्थ ब्रिज (Northbridge) का काम CPU और सीपीयू के कॅल्क्युलेटेड डेटा और इनफार्मेशन डेटा को साउथ ब्रिज तक पहुचाना होता है

नम लॉक (Num lock) - नम लॉक (Num lock) कंप्यूटर कीबोर्ड पर दी गयी एक टॉगल की (Toggle keys) होती है अगर नम लॉक (Num lock) ऑन है तो आपके कीबोर्ड का न्यूमेरिक कीपैड काम करेगा अगर नम लॉक (Num lock) ऑफ है तो यह डिसेबल हो जायेगा और कर्सर कंट्रोल कीज (Cursor control keys) की तरह काम करेगा


एनएफसी (NFC) - एनएफसी (NFC) की फुलफार्म है नियर फील्ड कम्युनिकेशन (Near Field Communication) है, यह एक High Frequency Wireless Communication Technology है, जो कम दूरी यानि ज्यादा से ज्यादा 10 सेमी की दूरी से दो डिवाइसों के बीच डाटा ट्रांसफर कर सकती है

● नेट न्यूट्रैलिटी (Net Neutrality) नेट न्यूट्रैलिटी (Net Neutrality) से आप इंटरनेट पर पूरी तरह से आजाद हैं, एक बार डेटापैक डलवाने के बाद आप किसी भी बेवसाइट को यूज कर सकते हैं और जो स्पीड आपने सलेक्ट की है वह सभी बेवसाइट पर एक समान रहेगी। कोई भी बेवसाइट या एप्लीकेशन के लिये अलग से फीस नहीं देनी होती है। आप बिलकुल आजादी से इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं। इसे नेट न्यूट्रैलिटी (Net Neutrality) कहते हैं। -

आउटपुट डिवाइस (Output Device) - यूजर द्वारा दी गयी कंमाड के आधार पर प्रोसेस की गयी जानकारी का आउटपुट कंप्यूटर द्वारा आपको दिया जाता है जो आपको आउटपुट डिवाइस या आउटपुट यूनिट द्वारा प्राप्त हो जाता है यह i/o devices कहलाती है। जैसे - मॉनिटर, प्रिंटर, हैडफ़ोन, साउंड कार्ड, प्लॉटर्स, प्रोजेक्टर आदि।

ओएस (OS) - ओएस (OS) का पूरा नाम ऑपरेटिंग सिस्टम (Operating system) या प्रचालन तंत्र भी कहते हैं, यह कई सारे प्रोग्राम का समूह होता है ऑपरेटिंग सिस्टम हार्डवेयर और हमारे यानि यूजर्स के बीच एक पुल का काम करता है।

ऑप्टिकल स्कैनर (Optical Scanner) - ऑप्टिकल स्कैनर (Optical Scanner) एक ऐसी हार्डवेयर डिवाइस है जो किसी भी हार्डकॉपी (कोई फोटो, प्रिंट या हाथ से लिखा कागज) को लाइट द्वारा स्कैन कर डिजिटर रूप में बदल देती है जिससे आप उसे कंप्यूटर सुरक्षित रख सकें, आजकल ऑप्टिकल स्कैनर (Optical Scanner) का प्रयोग बायोमेट्रिक डाटा को इकठ्ठा करने के लिये भी किया जा रहा है।

ओएमआर (OMR) - ओएमआर की फुल फॉर्म ऑप्टिकल मार्क रीडर (Optical mark reader) कहते हैं, जिन बहुविकल्पीय उत्तर वाले प्रश्नों के उत्तर देने में ऑप्टिकल आंसर शीट का प्रयोग किया जाता है, उन ओएमआर शीट को चैक करने में लिये ऑप्टिकल मार्क रीडर (Optical mark reader) द्वारा ऑटोमेटिक प्रोसेसिंग की जाती है और ऑप्टिकल मार्क रिकॉगनेशन के आधार पर उत्तरों की जांच की जाती है।

ओसीआर (OCR) - OCR यानी "ऑप्टिकल कैरेक्टर रीडर" जो ऑप्टिकल कैरेक्टर रिकॉग्निशन तकनीक पर काम करता है। जिससे हाथ से लिखे या टाइप कर प्रिंट किये या किसी न्यूजपेपर या बुक के किसी भी पेज को स्कैन कर टैक्स्ट में कन्वर्ट किया जा सकता है जिससे उसे दोबारा एडिट किया जा सके।

ओटीजी केबल (OTG Cable) - USB OTG का पूरा नाम यानि Full Form On The Gol 3FR OTG Compatible Device है यानि ऐसी डिवाइस है जो OTG सपोर्ट करता है। है

> प्रोटोकॉल (Protocol) - जब दो कंप्यूटरों को आपस में नेटवर्किंग (Networking) के माध्यम से जोड़ा जाता है तो यहां पर कुछ उन Computers के बीच कम्न्युकेशन (Communication) के कुछ नियम होते हैं और इन्हीं नियम (Rule) के संग्रह को प्रोटोकॉल (Protocol) जाता है।

प्रोग्रामिंग लैंग्वेजेज ( Prograr Language) - प्रोग्रामिंग लैंग्वेजेज (Programming Language) एक स्पेशल कैरेक्टर का सेट होती है जिसे केवल Computer ही समझ सकते हैं, यह Computer को निर्देश देने के काम आती है, सीधे शब्दों में कहा जाये तो कोई भी Software Programs, प्रोग्रामिंग लैंग्वेजेज (Programming Language) से तैयार निर्देशों का एक सेट होता है, कुछ प्रोग्रामिंग लैंग्वेजेज (Programming Language) उदाहरण हैं C,C++, JAVA, Visual Basic आदि।

पीसीआई (PCI) - पीसीआई (PCI) का पूरा नाम peripheral Controller Interface होता है, इसका प्रयोग कंप्यूटर मदरबोर्ड के साथ अलग से ग्राफिक कार्ड, साउण्ड कार्ड, लेनकार्ड, इंस्टॉल करने में किया जाता है, पीसीआई (PCI) एक यह 32 बिट का इनपुट आउटपुट स्लॉट होता है।

प्रिंटर (Printer )- प्रिंटर (Printer) एक आउटपुट डिवाइस (Output Device) होती है, इसका प्रयोग कंप्यूटर के डेटा यानि सॉफ्ट कॉपी (Soft Copy) की हार्डकॉपी (Hard Copy) बनाने के लिये किया जाता है।

→ प्राइमरी स्टोरेज डिवाइस ( Primary Storage Device) . प्राइमरी स्टोरेज डिवाइस (Primary Storage Device) कंप्यूटर की मुख्य मैमारी होती है जो सीधे तौर पर सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (Central Processing unit) से जुड़ा रहता है और यूजर द्वारा इनपुट किये डाटा और प्रोसेस डाटा को संगृहीत करने का कार्य करता है, इसका सबसे अच्छा उदाहरण है हार्डडिस्क।

पावर सप्लाई (Power supply) पावर सप्लाई (Power Supply) को SMPS यानि स्विच मोड पॉवर सप्लाई (Switchmode power supply) के नाम से जाना जाता है, सीपीयू में मदरबोर्ड, हार्डडिस्क, प्रोसेसर को काम करने के लिए बिजली की जरुरत को पूरा करती है

> क्वर्टी (QWERTY) - आधुनिक कीबोर्ड पुराने टाइप राइटर से लिया गया है अगर आप गौर से देखें तो कीबोर्ड के अक्षर QWERTY से शुरु होते हैं। क्रिस्टोफर लैथम शोलेज (Christopher Latham Sholes) ABCD क्रम वाले टाइप राइटर के बटन जाम हो रहे थे यही वजह है कि आपके कीबोर्ड में QWERTY शब्दों का इस्तेमाल किया गया ताकि टाइप करने में आसानी रहे।


क्वेरी (Query) - क्वेरी (Query) का मतलब एक प्रकार का Questions होता है, क्वेरी (Query) का प्रयोग किसी डाटाबेस से सटीक डाटा निकालने के लिये किया जाता है इसे आप एक प्रकार का फिल्टर भी कह सकते हैं जैसे आप गूगल सर्च में कोई कीवर्ड टाइप करते हैं तो वह सर्च क्वेरी कहलाता है।

क्यूआर कोड (QR Code) - क्यूआर कोड (QR Code) को क्विक रिस्पांस कोड (Quick Response Code) कहते हैं। जिसमें छिपी होती है ढेर सारी जानकारी अगर आपके फोन में क्यूआर कोड रीडर है तो आप एक सेकेण्ड में क्यूआर कोड (QR Code) से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं, यह क्विक रिस्पांस (Quick Response) करता है ।

क्वाड कोर (Quad core) - कोर (Core) सीपीयू यानि प्रोसेसर के अंदर लगी एक गणना (computation) करने वाली यूनिट या चिप होती है, Single Core Processor ज्यादा बोझ पडते ही हैंग होने लगता था, इसलिये इसकी क्षमता बढाने के लिये प्रोसेसर में अतिरिक्त कोर (Core) लगाये जाते हैं। चार कोर मतलब Quad Corel

> रैम (RAM) - रैम (RAM) की फुलफार्म रैन्डम एक्सिस मैमरी (Random-access memory) होती है, रैम कम्प्यूटर को वर्किंग स्पेस प्रदान करती यह एक प्रकार की अस्थाई मैमोरी होती है, इसमें कोई भी डाटा स्टोर नहीं होता है। जब हम कोई एप्लीकेशन कम्प्यूटर में चलाते हैं, तो वह चलते समय रैम का प्रयोग करती है।

रिबूट (Reboot) - रिबूट (Reboot) का मतलब है कि पहले से ऑन सिस्टम चाहे वह मोबाइल हो या कंप्यूटर उसे रीस्टार्ट करना, रिबूट (Reboot) एक सामान्य प्रक्रिया है जिसे लोग अक्सर इस्तेमाल करते हैं

→ रोम (ROM) - रोम (ROM) का पूरा नाम है रीड ऑनली मैमारी (Read-only memory) यह भी कंप्यूटर और मोबाइल का महत्वपूर्ण भाग होता है, रैम (RAM) के उलट रोम (ROM) में डाटा स्थाई रूप से सुरक्षित किया जा सकता है, रोम मैमोरी में उपलब्ध डाटा को सिर्फ पढ़ सकते हैं उसमें बदलाव नहीं कर सकते।

रिमोट डेस्कटॉप (Remote Desktop ) - रिमोट डेस्कटॉप (Remote Desktop) एक ऐसी प्रक्रिया होती है जिसमें इंटरनेट द्वारा सॉफ्टवेयर की मदद से दो कंप्यूटरों को आपस में कनेक्ट किया जा सकता है और स्क्रीन शेयर करायी जा सकती है और पूरे के पूरे कंप्यूटर को कंट्रोल किया जा सकता है। इसके लिये जो प्रक्रिया अपनायी जाती है वह रिमोट डेस्कटॉप कनेक्शन (Remote Desktop Connection) कहलाती है।

रेटिना डिस्प्ले (Retina Display ) किसी भी Image को अधिक साफ देखने के लिये Pixel का अधिक संख्या में होना आवश्यक है, रेटिना डिस्प्ले (Retina Display) तकनीक में इन्हीं पिक्सल को बहुत अधिक बढ़ा दिया गया है, जिससे स्क्रीन पर देखते समय हमारी आँखों पर कम प्रभाव पड़ता है, यह बिलकुल वैसा ही है, जैसा कोई किताब पढना।

सोशल मीडिया (Social Media ) - सोशल मीडिया (Social media) एक आभासी दुनिया है जिस पर आप इंटरनेट के माध्यम से पहुंच बना सकते हैं और अपनी बात बिना टीवी, रेडियो और अखबार के लोगों के बीच पहुचा सकते हैं।

सोशल मीडिया ( Social media ) के कई प्रचलित प्लेटफॉर्म हैं जैसे - फेसबुक, यूट्यूब ट्विटर और इंस्टाग्राम।

सॉफ्टवेयर (Software) - सॉफ्टवेयर Computer का वह Part होता है जिसको हम केवल देख सकते हैं और उस पर कार्य कर सकते हैं, Software का निर्माण Computer पर कार्य करने को Simple बनाने के लिये किया जाता है

स्टार टोपोलॉजी (Star Topology)- स्टार टोपोलॉजी (Star Topology) Local Area Network (LAN) का एक प्रकार है, नेटवर्क (Network) किस तरह का है यानि इसकी आकृति, लेआउट या संरचना किस प्रकार की है इसे टोपोलॉजी (Topology) कहते हैं।

स्टार नेटवर्क टोपोलॉजी (Star Network Topology) में एक हब से ही सारे कंप्यूटरों को जोड़ा जाता है, इस नेटवर्क में एक होस्ट कम्प्यूटर होता है, जिससे बाकी सभी कंप्यूटरों कंट्रोल किया जा सकता है।

सेल्फ़ी (Selfie) - सेल्फी का अर्थ है एक ऐसी तस्वीर जो अपने कैमरे, स्मार्टफोन या वेबकैम से खुद ही खीची हो, यानी खुद ही अपनी तस्वीरें खींच कर सोशल मीडिया पर अपलोड और शेयर करने का चलन 'सेल्फी' नाम से जाना जाने लगा है।

सॉफ्टवेयर बग (Software bug) - जब डेवलपर कोई कंप्यूटर प्रोग्राम बनाता है तो बनाते समय उसमें खामियॉ रह जाती हैं, जिसे आप त्रुटि, दोष, गलती, विफलता या खोट (फॉल्ट) कह सकते हो, लेकिन इसे तकनीकी भाषा में सॉफ्टवेयर बग (Software Bug ) कहते हैं।

सुपर कंप्यूटर (Supercomputer) सुपर कंप्यूटर ( Supercomputer) उन Computers को कहा जाता है जो वर्तमान समय में गणना-शक्ति तथा कुछ अन्य मामलों में सबसे आगे होते हैं।

इसमें कई माइक्रोप्रोसेसर एक साथ काम करते हुए किसी भी जटिलतम समस्या का तुरंत हल निकाल लेते हैं।

टोपोलॉजी (Topology) - नेटवर्क (Network) कंप्यूटर, सर्वर, मेनफ्रेम, नेटवर्क डिवाइस या अन्य ऐसी डिवाइस जो एक दूसरे से डाटा शेयर करती है उनका आपस का कनेक्शन चाहे वह वायरलैस हो या केबल द्वारा नेटवर्क (Network) कहलाता है और यह नेटवर्क (Network) किस तरह का है यानि इसकी आकृति, ले-आउट या संरचना किस प्रकार की है इसे टोपोलॉजी (Topology) कहते हैं।

टोरेंट (torrent) - टोरेंट (Torrent) को हिंदी में अर्थ बौछार, प्रचण्ड धारा, झड़ी है, नाम के अनुसार ही इसकी डाउनलोड प्रक्रिया है, इंटरनेट से फाइल डाउनलोड करने के लिये एक छोटी सी फाइल होती है जो डाउनलोडर का यह बताती है फाइल कहां


से डाउनलोड करती है यह एक ट्रेकर फाइल होती है जिसका फ़ाइल एक्सटेंशन (file extension) ".Torrent" होता है, यह खुद में पूरी डाउनलोड फाइल नहीं होती है।

टॉर ब्राउजर (Tor Browser) - डार्क वेब (Dark Web) में अपनी पहचान छुपाने के लिये लोग टॉर (TOR) का इस्तेमाल करते हैं टॉर (TOR) द ऑनियन रूटर इंटरनेट का एक प्रकार है, इसमें एक खास किस्म फ़ायरफॉक्स ब्राउज़र की सहायता से इंटरनेट पर बिना ट्रैक हुए अनॉनिमस (अपनी पहचान छिपाकर) ब्राउज़ किया जाता है।

टीसीपी आईपी (TCP/IP) - टी सी पी (TCP) का अर्थ है ट्रान्समिशन कन्ट्रोल प्रोटोकॉल (Transmission Control Protocol) और आई पी (IP) का अर्थ इंटरनेट प्रोटोकॉल (Internet Protocol) इसके माध्यम से दो कंप्यूटरों के बीच फाइलों का आदान-प्रदान करते हैं।

• टी सी पी की भूमिका डाटा को छोटे-छोटे भागों में बाँटने की होती है और आई पी इन पैकिटों पर लक्ष्य स्थल का पता अंकित करता है।

कम्प्यूटर नेटवर्किंग

कम्प्यूटर नेटवकिग कई कम्प्यूटरों को आपस में जोड़ने की तकनीक है। कम्प्यूटर नेटवर्किंग से सभी कम्प्यूटरों की क्षमता का सामूहिक उपयोग किया जाता है।

• नेटवर्किंग (संयोजन) दो प्रकार से की जाती है - Local Area Networking (LAN) तथा Wide Area Networking (WAN)I LAN

इसका पूरा नाम Local Area Network है यह एक ऐसा नेटवर्क है जिसका प्रयोग दो या दो से अधिक कंप्यूटर को जोड़ने के लिए किया जाता है।

• लोकल एरिया नेटवर्क स्थानीय स्तर पर काम करने वाला नेटवर्क है इसे संक्षेप में लेन कहा जाता हैं।

• यह एक ऐसा कंप्यूटर नेटवर्क है जो स्थानीय इलाकों जैसे- घर, कार्यालय, या भवन समूहों को कवर करता है।

• विशेषताये

• यह एक कमरे या एक बिल्डिंग तक सीमित रहता है ।

• इसकी डाटा हस्तांतरित (Data Transfer) Speed अधिक होती है।

• इसमें बाहरी नेटवर्क को किराये पर नहीं लेना पड़ता है |

• इसमें डाटा सुरक्षित रहता है।

• इसमें डाटा को व्यवस्थित करना आसान होता है।

● इसका पूरा नाम Metropolitan Area Network हैं यह एक ऐसा उच्च गति वाला नेटवर्क है जो आवाज, डाटा और

• यह लेन (LAN) से बड़ा तथा वेन (WAN) से छोटा नेटवर्क होता है | इस नेटवर्क के द्वारा एक शहर को दूसरे शहर से जोड़ा जाता है।

• इसके अंतर्गत दो या दो से अधिक लोकल एरिया नेटवर्क एक साथ जुड़े होते हैं.

• यह एक शहर के सीमाओ के भीतर का स्थित कंप्यूटर नेटवर्क होता हैं. राउटर, स्विच और हब्स मिलकर एक मेट्रोपोलिटन एरिया नेटवर्क का निर्माण करता हैं.

विशेषताये

• इसका रखरखाव कठिन होता है ।

• इसकी गति उच्च होती है ।

WAN

• इसका पूरा नाम Wide Area Network होता है | यह क्षेत्रफल की द्रष्टि से बड़ा नेटवर्क होता है।

• यह नेटवर्क न केवल एक बिल्डिंग, न केवल एक शहर तक सीमित रहता है बल्कि यह पूरे विश्व को जोड़ने का कार्य करता है अर्थात् यह सबसे बड़ा नेटवर्क होता है इसमें डाटा को सुरक्षित भेजा और प्राप्त किया जाता है ।

• इस नेटवर्क मे कंप्यूटर आपस मे लीज्ड लाइन या स्विच सर्किट के द्वारा जुड़े रहते हैं।

• इन्टरनेट इसका एक अच्छा उदाहरण हैं। बैंको का ATM सुविधा वाईड एरिया नेटवर्क का उदाहरण हैं।

विशेषताये

• यह तार रहित नेटवर्क होता है।

• इसमें डाटा को संकेतो (Signals) या उपग्रह (Satelight) के द्वारा भेजा और प्राप्त किया जा सकता है ।

यह सबसे बड़ा नेटवर्क होता है।

• इसके द्वारा हम पूरी दुनिया में डाटा ट्रान्सफर कर सकते है।

MAN




इन्टरनेट

• इन्टरनेट सूचना तकनीक (Information Technology) की आधुनिक प्रणाली है | इन्टरनेट को विभिन्न computer नेटवर्कों का एक विश्व स्तरीय समूह या नेटवर्क कह सकते है।

• इन्टरनेट निम्न प्रकार से सुचना प्रणाली में सहायक है.

● सूचना प्रदान करना - को भी कम्पनी, संस्था, उत्पाद,प्रकाशन या अनुसन्धान आदि जानकारी इन्टरनेट द्वारा आसानी से प्राप्त कर सकते है।

● सूचना देना - इन्टरनेट विज्ञापन एक माध्यम है, बहुत सी कंपनी,संस्था अपने विज्ञापन की जानकारी इन्टरनेट के द्वारा देते है।

* इंटरनेट का इतिहास

• मूलतः इन्टरनेट का प्रयोग अमेरिका की सेना के लिए किया गया था।

● 1969 में Arpanet नाम का एक नेटवर्क बनाया गया जो चार कंप्यूटर को जोड़ कर बनाया गया था |

• 1972 तक इसमें जुड़ने वाले कंप्यूटर की संख्या 37 हो गई थी | 1973 तक इसका विस्तार इंग्लैंड और नार्वे तक हो गया ।

● में, 1974 में Arpanet को सामान्य लोगो के लिए प्रयोग में लाया गया, जिसे टेलनेट के नाम से जाना गया ।

● 1982 में नेटवर्क के लिए सामान्य नियम बनाये गए इन्हें प्रोटोकॉल कहा जाता है | इन प्रोटोकॉल को TCP/IP (Transmission control protocol/Internet Protocol) के नाम से जाना गया |

● 1990 में Arpanet को समाप्त कर दिया गया तथा नेटवर्क ऑफ नेटवर्क के रुप में इन्टरनेट बना रहा ।

इंटरनेट का मालिक कौन है?

• इंटरनेट किसी सरकार द्वारा नियंत्रित नहीं है। यह एक अतिविशाल स्वतंत्र सहकारिता है। हालांकि कोई एक व्यक्ति, कंपनी, संस्था अथवा सरकारी एजेंसी इसका मालिकाना हक़ नहीं रखती है और न ही इसे नियंत्रित करती है, लेकिन कुछ एजेंसी सलाह देकर, मानक निधार्रित कर और अन्य मुद्दो पर जानकारी देकर इसकी सफलता में सहभागी बानी है।

• इंटरनेट के विभिन्न क्षेत्रों के लिए मानक और Guide Lines तय करने और रिसर्च करने वाला समूह World Wide Consortium (W3C) कहलाता है।

सर्वर किसे कहते है?

वह कंप्यूटर जो किसी Network के स्रोतों जैसे प्रोग्राम और डाटा को व्यवस्थित करता है और एक केंद्रीय स्टोरेज एरिया उपलब्ध करता है सर्वर कहलाता है।

• वह कंप्यूटर जो इस Storage Area तक एक्सेज कर प्रोग्राम या डाटा लेना चाहता है Client कहलाता है।

• इंटरनेट पर एक क्लाइंट जो कई सारे सर्वरो के फाईलो और प्रोग्रामो तक एक्सेस कर सकता है Host Computer कहलाता है। आपका कंप्यूटर होस्ट कंप्यूटर ही है।

• इंटरनेट की अंदरुनी संरचना में एक Transportation System होता है।

• एक ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम में ट्रैफिक का ज्यादातर लोड हाईवे वहन करते है। जो बड़े शहरो को जोड़ते है। ठीक इसी प्रकार इंटरनेट में कुछ मुख्य कम्युनिकेशन लाईने होती है जो ट्रैफिक का अधिकतम भर वहन करती है।

• इन Communication लाईनों को संयुक्त रूप से इंटरनेट backbone कहते है।

• इंटरनेट एक पैकेट आधारित नेटवर्क है। इसका मतलब है की जो डाटा आप ट्रांसफर करते है वह पैकेट में बट जाता है।

• नेटवर्क नेटवर्क विशेष कम्प्यूटरों से जुड़े होते है जिनको राऊटर कहते है। -

● एक Router पहले यह चैक करता है की आपके Packet (डेटा) को कहाँ जाना है फिर वह यह तय करता है की किस दिशा में इसे भेजा जाए।

• यह संभव नहीं है की प्रत्येक राऊटर अन्य दूसरे राऊटर से जुड़ा हो। वे सिर्फ आपके डाटा की दिशा तय करते है।

• राऊटर को यह बताने के लिए की डेटा को कहाँ जाना है, एक तरह का एड्रेस होता है जो IP कहलाता है। IP (Internet Protocol) के साथ ट्रान्सफर होने वाला डाटा पैकेट में बटा होता है।

• यह एक अन्य प्रोटोकॉल द्वारा हैंडल किया जाता है जिसे TCP (transmission control protocol ) कहा जाता है।

● बाद में यह खोज गया की IP एड्रेस जो वास्तव में सिर्फ नंबर होते है कंप्यूटर तो आसानी से हैंडल कर सकता है लेकिन मनुष्य होने के नाते हमारे लिए यह संभव नहीं होता।

• इससे निपटने के लिए 1984 में डोमेन नाम अस्तित्व में आया। Domain Name Internet पर किसी व्यक्ति के अकाउंट लोकेशन होते है।

* इंटरनेट एड्रेस (Top Level Domain)

• पोस्टल सिस्टम की तरह ही इंटनेट में भी डाटा को किसी खास जगह भेजने के लिए Addressing System का इस्तेमाल किया जाता है। IP Address Internet Protocol Standard की मदद से नेटवर्क में एक कंप्यूटर द्वारा दूसरे कंप्यूटर को पहचानने और उससे कम्यूनिकेट करने के लिए इस्तेमाल होने वाला एक यूनीक एड्रेस है।


IP एड्रेस नम्बरो के चार समूहों में होता है ये समूह आ में एक दूसरे से एक डॉट (.) द्वारा अलग रहते है। नंबर 0 लेकर 255 तक हो सकते है।

• उदाहरण के लिए के लिए 192.168.1.1 यह एक IP address है। आमतौर पर IP एड्रेस का पहला हिस्सा नेटवर्क को पहचानता है जबकि आखिरी कंप्यूटर विशेष को।

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What is my IP address? .196.102.201 What is my operating system? Windows

URL (यूनिफार्म रिसोर्स लोकेटर)

• URL का फुल फॉर्म Uniform Resource Locator होता है जो किसी website या वेबसाइट के पेज को रिप्रेजेंट करता है, या आपको किसी वेब पेज तक ले जाता है।

• यूआरएल इन्टरनेट में किसी भी फाइल या वेब साईट का एड्रेस होता है ।

• URL की शुरुआत Tim Berners Lee ने 1994 में की थी । URL के तीन हिस्से होते है -

HTTP पहला भाग http यानि hypertext transfer protocol होता है जिसकी मदद से इटरनेट पर डाटा Transfer होता है |

Domain Name - दूसरा भाग होता है domain name जो कि किसी particular वेबसाइट का पता (address) होता है।

.com - यह डोमेन एक्सटेंशन होता है, जो यह दर्शाता है की वेबसाइट किस प्रकार की है ।

URL कैसे काम करता है?

• इन्टरनेट पर हर वेबसाइट का एक IP Address होता है जो numerical होता है जैसे www.google.com का IP एड्रेस 64.233.167.99 हैं तो जैसे ही हम अपने ब्राउज़र में किसी वेबसाइट का URL टाइप करते हैं तब हमारा browser उस url को DNS की मदद से उस डोमेन के IP address में बदल देता है। और उस वेबसाइट तक पहुच जाता है जो हमने सर्च की थी ।

• शुरुआत में direct IP से ही किसी वेबसाइट को एक्सेस किया जाता था लेकिन यह एक बहुत कठिन तरीका था। क्योंकि इतने लम्बे नबर को तो कोई याद रख पाना बहुत मुश्किल था । इसलिये बाद में DNS (Domain Name System) नाम बनाये गए जिस से हम किसी वेबसाइट का नाम आसानी से याद रखा जा सकता है।

Original TLD .com .net .org .edu .name .gov .mil .biz .store .aero .arts Top Level Domain (TLD ) Type of Domain commercial .rec .info gateway or host non-profit organization educational and research government military agency a business goods for sale air transport company culture/ entertainment recreation /entertainment information service individuals or families

इंटरनेट के जरूरी डिवाइस

• इंटनेट पर सर्फ करने के लिएए काफी उपकरणों की जरुरत होती है।

मॉडेम (Modem) - पारंपरिक तरीके से इंटरनेट की सुविधा को प्राप्त करने के लिए मॉडेम की आवश्यकता होती है।

यह Telephone Line से आने वाले Analog Signal को Modulate करके Digital Signal में बदलता है और Computer से आने वाले Signal को Demodulate करके Analog Signal में बदलकर उसे वापस भेज पाए और इसी प्रणाली को आसान शब्दों में Modulation और Demodulation कहते है।

ISDN लाइन्स '- ISDN लाइन्स या इंटीग्रेटेड सर्विस डिजिटल नेटवर्क एक इंटरनेशनल टेली कम्युनिकेशन स्टैंडर्स है जो आवाज़ के संचार के लिए, वीडियो एवं डाटा को भी डिजिटल लाइनो के द्वारा 64 किलो बिट्स प्रति सेकंड की दर से संप्रेषित करती है।

• टेलीफोन कंपनिया आमतौर पर 64 kbps चैनेल ही दुतरफा आवाज़ या बातचीत के लिए उपलब्ध करती है

मल्टीप्लेक्सर (Multiplexer) multiplexer एक ऐसा उपकरण है जो बड़ी संख्या मे कम गति की संचरण लाइनो (low speed transmission lines) को उच्च गति लाइनो (high speed transmission lines) से जोड़ता है इस प्रकार मल्टीप्लेक्सर एक एकल संचार लाइन (single communication line) टर्मिनलो के बीच विभाजित कर सकता है मल्टीप्लेक्सर प्रत्येक डिवाइस को CPU पर एक लाइन में डेटा एकत्र करने और संचारित ( transmit) करने के लिए scan कर सकता है।

हब (Hub) - हब एक हार्डवेयर device है जो LAN (Local Area Network) में एक सामान्य wiring पॉइंट प्रदान करता है नेटवर्क


में उपलब्ध प्रत्येक नोड को twisted pair cable wires की सहायता से हब से जोड़ा जाता है।

स्विचेस (Switches) - ये हार्डवेयर डिवाइस होते है जो किसी नेटवर्क पर सन्देश भेजने के लिए उपयोग किये जाते है स्विचेस एक नेटवर्क पर दो नोड्स के बीच लिंक को इंगित करने के लिए अस्थाई बिंदु बनाते है और उस लिंक के साथ डाटा भेजते है|

● रिपीटर ( repeaters) - जब डेटा को कई केबलो के माध्यम से प्रेषित (transmit) किया जाता है, तो सिग्नल ख़राब हो जाता है। ऐसी समस्याओ से बचने के लिए repeaters का उपयोग किया जाता है| पुनरावर्तक (repeaters) केबल के अगले भाग से गुजरने से पहले सिग्नल को बढ़ाता जाता है।

ब्रिज्स (Bridges) - Bridge का मुख्य कार्य दो LAN के बीच से डेटा प्राप्त करना और पास करना है जो सामान प्रोटोकॉल और टोपोलॉजी का उपयोग करते है, इस डेटा को सफलतापूर्वक प्रसारित (transmit) करने के लिए, ब्रिज सिग्नल को बढ़ाता है।

• इस प्रकार एक ब्रिज एक पुनरावर्तक (repeater) के साथ साथ एक कड़ी (link) का काम करता है।

गेटवे (Gateway) - गेटवे ब्रिज्स के सामान है क्यूंकि इनका उपयोग एक नेटवर्क से दूसरे नेटवर्क पर डेटा स्थानांतरित (transfer) करने के लिए किया जाता है लेकिन गेटवे का उपयोग उन दो नेटवर्क के बीच डाटा को स्थानांतरित करने के लिए भी जाता है जो की असामन्य प्रोटोकॉल और टर्मिनलो का उपयोग करते है।

राउटर (Router) - नेटवर्क में कई नोड्स के बीच डाटा को रूट (route) करने के लिए router का उपयोग किया जाता है। राऊटर कंप्यूटर ब्रिजों (bridges) के सामान है, लेकिन उपयोगकर्ता को नेटवर्क प्रबंधन (नेटवर्क मैनेजमेंट) उपयोगिताओं (utilities) को भी प्रदान कर सकते है यह नेटवर्क ट्रैफिक को प्रबंधित (manage) करने में बहुत बड़ी भूमिका निभाता है उनका काम यह सुनिश्चित करना होता है की डेटा उचित गंतव्य (Destination) पर पहुंचे |

Internet Service Provider

• इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर एक कंपनी है जो इंटरनेट तक पहुच उपलब्ध कराती है। जैसे vsnl, Jio, mtnl tikona, nextra, airtel इत्यादि

● भारत में इंटरनेट 80 के दशक में आया, जब एर्नेट (Educational & Research Network) को सरकार, इलेक्ट्रानिक्स विभाग और संयुक्त राष्ट्र उन्नति कार्यक्रम (UNDP) की ओर से प्रोत्साहन मिला।

• सामान्य उपयोग के लिये जाल 15 अगस्त 1995 से उपलब्ध हुआ, जब विदेश सचांर निगम लिमिटेड (VSNL) ने गेटवे सर्विस शुरू की।

इंटरनेट की सेवाएं

• इसकी सेवाओं में कुछ का जिक्र यहां किया जा रहा है -

फाइल ट्रांसफर प्रोटोकॉल (FTP) - फाइल ट्रांसफर प्रोटोकॉल का उपयोग एक कम्प्यूटर नेटवर्क से किसी दूसरे कम्प्यूटर नेटवर्क में फाइलों को ट्रांसफर करने के लिए किया जाता है।

इलेक्ट्रॉनिक मेल (E-mail)

E-mail का मतलब Electronic Mail होता है। •

● एक E-mail ID में मुख्य रूप से दो भाग होते है। इनसे मिलकर एक E-mail ID बनती है। और दूसरा भाग Domain Name कहलाता

Username

• Username, E-mail ID का @ से पहले वाला भाग होता है। इसका इस्तेमाल E-mail Account में Log in करने के लिए किया जाता है। तथा यह उस व्यक्ति की पहचान होती है। जिसे E-mail भेजते है और प्राप्त करते है। इसे हम अपनी सहुलियत के अनुसार चुनते है।

• जैसे- examgurooji@gmail.com

Domain Name

• E-mail Address में @ के बाद वाला भाग Domain Name होता है। यह उस Server/Computer का नाम होता है, जहाँ से Internet के द्वारा हमारी सुचनाओं का आदान-प्रदान होता है।

• ऊपर दिखाए गए E-mail Address में gmail.com एक Domain Name है। जिसमें एक Top Level Domain भी जुड़ा हुआ है। यहाँ .com एक Top Level Domain है।

• हमारे बताए गए E-mail Address में Gmail Service Provider है। और .com Service Provider के प्रकार को दर्शाता है। जैसे, यहाँ Gmail एक Commercial सेवा प्रदाता है। @ का चिन्ह

इसे AT बोला जाता है। इसे E-mail Address में Username और Domain Name को अलग करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

वर्ल्ड वाइड वेब (www)- इसके द्वारा यूजर अपने या अपनी संस्था आदि से सम्बंधित सूचनाएं दुनिया में कभी भी भेज सकता है, और अन्य यूजर उससे सम्बंधित जानकारियां भी प्राप्त कर सकता है।

टेलनेट डाटा के हस्तांतरण के लिए टेलनेट का प्रयोग किया जाता है। इसके द्वारा यूजर को रिमोट कम्प्यूटर से जोड़ा जाता है। इसके से बाद यूजर अपने डाटा का हस्तांतरण कर सकता है। टेलनेट पर कार्य करने के लिए यूजर नेम व पास वर्ड की जरूरत होती है।

यूजनेट - अनेक प्रकार की सूचनाओं को एकत्र करने के लिए इंटरनेट के नेटवर्क, यूजनेट का प्रयोग किया जाता है। इसके माध्यम से कोई भी यूजर विभिन्न समूहों से अपने लिए जरूरी सूचनाएं एकत्र कर सकता है।

वेरोनिका - वेरोनिका प्रोटोकॉल गोफर के माध्यम से काम करता है। यूजर, गोफर व वेरोनिका का प्रयोग एक साथ करके किसी भी


डाटा बेस पर आसानी से पहुंच सकता है। इनके प्रयोग से जरूरी सूचनाएं तेजी से प्राप्त की जा सकती हैं।

आर्ची - फाइल ट्रांसफर प्रोटोकॉल (एफटीपी) में स्टोर फाइलों को खोजने के लिए आर्ची का प्रयोग किया जाता है।

इंटरनेट से संबधित शब्दावली

प्रोटोकॉल - यह एक ऐसी मानक औपचारिक प्रक्रिया है, जिसके माध्यम से कम्प्यूटर नेटवर्क में अंकीय संचार किया जाता है।

ब्राउजर - यह एक ऐसा सॉफ्टवेयर है, जिसकी मदद से यूजर सूचनाओं को प्राप्त करने के लिए इंटरनेट में प्रवेश करता है।

वेब सर्वर - यह प्रोग्राम वेब ब्राउजर के द्वारा संसाधनों को प्राप्त करने के लिए यूजर द्वारा दिए गए अनुरोध को पूरा करता है।

आन-लाइन - जब यूजर इंटरनेट पर जान-करियों व सेवाओं का अध्ययन करता है। तब कहा जाता है कि यूजर ऑन लाइन है।

होम पेज - यह किसी भी साइट का शुरूआती प्रदर्शित पेज है। जिसमें सूचनाएं हाईपरलिंक द्वारा जोड़ी जाती है।

ऑफ लाइन - इसमें यूजर इंटरनेट में मौजूद सूचनाओं को अपने अपने सिस्टम में संग्रहित कर इंटरनेट संपर्क काट देता है।

हाइपर टेक्स्ट मार्कअप लैग्वेंज (HTML) - इसका प्रयोग वेब पेज बनाने में किया जाता है। शुरूआत में इसका प्रयोग वेब पेज डिजाइन करने में किया जाता था।

हाइपर टेक्स्ट ट्रॉसंफर प्रोटोकॉल (HTTP) - इसका प्रयोग एचटीएमएल में संगृहित दस्तावेजों व दूसरे वेब संसाधनों को स्थानांतरित करने में किया जाता है।

टीसीपी/आईपी (TCP/IP) - इसका प्रयोग सूचनाओं के आदानप्रदान में किया जाता है।

> यूनिफॉर्म रिसोर्स लोकेटर (URL) - इसका प्रयोग वेब पर किसी विशेष सूचना को संचालित करने में किया जाता है।

वेब पेज - होम पेज पर बने हाइपर लिंक पर क्लिक करने पर जो पेज हमारे सामने प्रस्तुत होता है, उसे वेब पेज कहते हैं।

→ वेबसाइट - वेब पेजों के समूहों को वेबसाइट कहते हैं। जिसमें आडियो, वीडियों, इमेजेस का समावेश होता है।

हाइपर लिंक - वेब पेज में मौजूद वे विशेष शब्द या चित्र जिस पर क्लिक करने पर उस शब्द या चित्र से सम्बंधित एक अलग वेब पेज पर आ जाती है। उसे वेब पेज को हाइपर लिंक कहते है।

डाउनलोड - इंटरनेट या किसी अन्य कंम्प्यूटर से प्राप्त सूचनाओं को अपने कम्प्यूटर में एकत्रित करना डाउनलोड कहलाता है।

अपलोड - अपने कम्प्यूटर से किसी अन्य कम्प्यूटर में सूचनाएं भेजना अपलोड कहलाता है। जैसे ई-मेल भेजना।

सर्वर - वह कम्प्यूटर जो इंटरनेट प्रयोग करने वाले सिस्टम को सूचनाएं प्रदान करने की क्षमताएं रखता है, सर्वर कहलाता है।

सर्फिंग - इंटरनेट के नेटवर्कों में अहम सूनचाओं को खोजने का काम सर्फिंग कहलाता है।

• सर्च इंजन एक एसा प्रोग्राम है जो इन्टरनेट के असीमित डेटाबेस से यूजर के सवाल को खोजता है (जिसको Keyword/Phrase बोला जाता है), और उसके संबंधी को सर्च रिजल्ट पेज में दिखाता है।

• • Google,

प्रमुख सर्च इंजन -

● Yahoo,

Bing,

• AOL.com,

● Wolframalpha, ● Internet Archive, • Excite,

Ask.com, Baidu, DuckDuckGo, Yandex.ru, WebCrawler,

• Lycos,

Infoseek,

• AltaVista,

Inktomi,

● Dogpile,

Wiki.com,

● CC Search,

• Search Encrypt, • Swisscows,

Gibiru, StartPage, Boardreade, Exalead,

• Ecosia,

• Excite,

• HotBot,

Gigablast,

● Mojeek,

Lycos,

• Searx,

Qwant,

• Soso,

Yandex,

Sogou,

• Yippy,

• Netscape,

Ahmia,

Groovle,

Youdao,

• TorSearch, * वेब ब्राउज़र

• ब्राउज़र एक प्रकार का सॉफ्टवेयर प्रोग्राम होता है, जो वेब पर मौजूद संसाधनों को यूजर को उपलब्ध करवाते है।

• इंटरनेट या wWW पर Text, Images, Videos, Audios, PDF और भी अन्य Formats में सूचना उपलब्ध हो सकती है।

एक वेब ब्राउजर हम Users को इन सभी Formats में संसाधनों को उपलब्ध करवाने का काम करता है। •

• ब्राउज़र के उदाहरण

• गूगल क्रोम - यह एक मुफ्त का वेब ब्राउज़र है जो की गूगल के द्वारा बनाया गया है। यह सितंबर 2008 में निकाला गया था ।

• मोज़िला फ़ायरफ़ॉक्स - यह एक मुफ्त का ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर है जो की मोज़िला फ़ाउंडेशन द्वारा बनाया गया है।

सर्च इंजन


• इसे हम विंडोज, मैक, लिनक्स, आदि ऑपरेटिंग सिस्टमों में चला सकते हैं।

• सफारी ( safari ) - सफारी एक वेब ब्राउज़र है जो की एपल कंपनी द्वारा बनाया गया है। यह 2003 में निकाला गया था।

• इंटरनेट एक्सप्लोरर (internet explorer) – यह माइक्रोसॉफ़्ट कंपनी द्वारा बनाया गया था। यह 1995 में निकाला गया था।

चैटिंग

विडियो चैटिंग (Voice and Video Chatting) - वाइस चैटिंग के जरिये आप दूसरी ओर किसी भी व्यक्ति से बात कर सकते है। इसके लिए एक माइक्रोफोन (microphone), एक स्पीकर, वेबकैम तथा इसके लिए प्रयोग होने वाला विशेष प्रोग्राम (जैसेSkype) होना चाहिए। -

वीडियो कॉन्फ्रेन्स

• वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में वीडियो कैमरा या वेब कैम, कम्प्यूटर मॉनिटर, टेलीविजन या प्रोजेक्टर, माइक्रोफोन, लाउडस्पीकर और इंटरनेट की आवश्यकता होती है।

● वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग अब आधुनिक मोबाइल फोन पर भी उपलब्ध है।

कुछ अन्य ब्राउज़र Opera • Lynx • Microsoft Edge • Maxthon • Netscape Browser • Vivaldi • Tor Browser • SeaMonkey • Yndex Browser * वीडियो मेल Konqueror UC Browser Slimjet Browser SlimBrowser Pale Moon Avast Secure Browser Brave Browser GNU IceCat Dooble

● वीडियो मेल एक ऐसी सुविधा है जिसके द्वारा हम ग्राफिक्स, वीडियो मैसेज, वीडियो क्लिप्स आदि भेज सकते हैं।

● चैट (Chat ) का अर्थ सामान्यतः बातचीत करना होता है। हम जैसे आमतौर पर आमने-सामने खड़े रहकर या टेलिफोन पर बातें करते है उसी प्रकार इन्टरनेट पर चैटिंग (Chatting) की परिकल्पना है।

टैक्स्ट चैटिंग (Text Chatting) - टैक्स्ट चैटिंग में हम संदेश की - बोर्ड के माध्यम से प्रेषित करते है तथा दूसरी ओर बैठा व्यक्ति हमारे प्रेषित संदेश को पढ़ता है तथा तुरन्त उसका जवाब देता है। चैट एक के साथ एक या एक के साथ कई लोगों के संबंध पर आधारित होता है। अर्थात आप एक साथ कई लोगों के साथ चैट कर सकते है। चैट पूरी तरह से इन्टरएक्टिव (interactive) है तथा तत्काल संदेश (response) प्रेषित किया जाता है या प्राप्त होता है। अतः दोनों और के व्यक्ति को ऑनलाइन होना आवश्यक है।

• इसके माध्यम से दो या इससे अधिक स्थानों से एक साथ ऑडियोवीडियो माध्यम से कई लोग जुड़ सकते हैं। इसका प्रयोग खासकर किसी बैठक या सम्मेलन के लिए तब किया जाता है।


सोशल नेटवर्किंग साइट्स

• सोशल नेटवर्किंग सेवा एक ऑनलाइन सेवा, प्लेटफॉर्म या साइट • होती है जो लोगों के बीच सोशल नेटवर्किंग अथवा सामाजिक संबंधों को बनाने अथवा उनको परिलक्षित करने पर केन्द्रित होती है।

• प्रमुख सोशल नेटवर्किंग साइट्स निम्न हैं -

* फेसबुक (Facebook)

• यह फेसबुक इंकॉ. नामक निजी कंपनी द्वारा संचालित है। इसका आरंभ 2004 में हार्वर्ड के एक छात्र मार्क जुकेरबर्ग ने की थी। तब इसका नाम द फेसबुक था। अगस्त 2005 में इसका नाम फेसबुक कर दिया गया।

फेसबुक का उपयोग करने वाले अपना एक प्रोफाइल पृष्ठ तैयार कर उस पर अपने बारे में जानकारी देते हैं। इसमें उनका नाम, छायाचित्र, जन्मतिथि और कार्यस्थल, विद्यालय और कॉलेज आदि का ब्यौरा दिया होता है।

• इस पृष्ठ के माध्यम से लोग अपने मित्रों और परिचितों का नाम, ईमेल आदि डालकर उन्हें ढूंढ़ सकते हैं। इसके साथ ही वे अपने मित्रों और परिचितों की एक अंतहीन श्रृंखला से भी जुड़ सकते हैं।

वाट्सऐप (WhatsApp)

● वाट्सऐप मैसेंजर स्मार्ट फ़ोन्स पर चलने वाली एक प्रसिद्ध तत्क्षण मेसेजिंग सेवा है। इसकी सहायता से इन्टरनेट के द्वारा दूसरे 'वाट्सऐप' उपयोगकर्ता के स्मार्टफ़ोन पर टेक्स्ट संदेश के अलावा ऑडियो, छवि, वीडियो तथा अपनी स्थिति (लोकेशन) भी भेजी जा सकती है।

• वॉट्सएप्प को उक्रेन जन कूम ने अमेरिका के ब्रायन एक्टन के साथ मिल कर 2009 में शुरू किया था।

● फेसबुक ने 19 फ़रवरी 2014 को, वाट्सऐप को खरीद लिया।

इंस्टाग्राम (Instagram)

• इंस्टाग्राम एक मोबाइल डेस्कटॉप और इंटरनेट-आधारित फोटोसाझाकरण एप्लिकेशन है जो उपयोगकर्ताओं को फोटो या वीडियो को सार्वजनिक रूप से या निजी तौर पर साझा करने की अनुमति देता है।

• इसकी स्थापना केविन सिस्ट्रॉम और माइक क्रेगर के द्वारा 2010 में की गई थी।

फेसबुक ने अप्रैल 2012 में इंस्टाग्राम को खरीद लिया।

ट्विटर (Twitter)

• ट्विटर एक मुक्त सोशल नेटवर्किंग साईट है जो अपने उपयोगकर्ताओं को अपनी अद्यतन जानकारियां, जिन्हें ट्वीट्स कहते हैं, एक दूसरे को भेजने और पढ़ने की सुविधा देता है। इन ट्वीट्स की अधिकतम शब्द सीमा 140 अक्षरों तक के होती हैं।

इसकी स्थापना जैक डोर्सी, नोहा ग्लास, बिज्ज स्टोन और इवान विलियम्स के द्वारा मार्च 2006 में की गई थी।

* टिकटॉक (TikTok)

● टिकटॉक छोटे कॉमेडी और प्रतिभा वीडियो बनाने और साझा करने के लिए एक आईओएस और एंड्राइड सोशल मीडिया वीडियो ऐप है ।

• ऐप को 2017 में चीनी डेवलपर बाइटडांस द्वारा चीन के बाहर के बाजारों के लिए लॉन्च किया गया था।

TikTok मोबाइल ऐप उपयोगकर्ताओं को स्वयं का एक छोटा वीडियो बनाने की अनुमति देता है जो अक्सर पृष्ठभूमि में संगीत की सुविधा देता है, इसे फ़िल्टर के साथ धीमा या संपादित किया जा सकता है।

यूट्यूब (YouTube)

यूट्यूब दुनिया की सबसे बड़ी की एक वीडियो देखनेवाली सोशल मिडियावेबसाइट है, जिसमें पंजीकृत सदस्य वीडियो क्लिप देखने के साथ ही अपना वीडियो अपलोड भी कर सकते हैं।

• इसे चाड हर्ले, स्टीव चैन और जावेद करीम ने मिल कर फरवरी 2005 में बनाया था, जिसे नवम्बर 2006 में गूगल ने $1.65 बिलियन अमेरिकी डॉलर में खरीद लिया।

* हाईक (Hike)

हाइक मैसेंजर इन्टरनेट के द्वारा एक स्मार्ट फोनों पर चलने वाली एक तत्क्षण मेसेजिंग सेवा है। इसके उपयोगकर्ता एक-दूसरे को टेक्स्ट संदेश के अलावा ऑडियो, छवि, फाइल, वॉइस संदेश, वीडियो तथा अपनी स्थिति भेज सकते हैं।

• इसकी शुरूआत 12 दिसम्बर 2012 में केविन मित्तल द्वारा की गयी थी।

Discord Name Tencent QQ Other Social Networking Sites Type social gaming platform for mobile games instant messaging service Established / संस्थापक / Headquarter Release -May 13, 2015 - February 1999 Developed by the Chinese tech giant Tencent.


WeChat QZone Tumblr Baidu Tieba Skype Viber Sina Weibo LINE Snapchat Pinterest LinkedIn Telegram Reddit Badoo Myspace multi-purpose messaging, social media and mobile payment app social networking website American microblogging and social networking website - Chinese communication platform - hosted by Chinese search engine company Baidu - providing video chat and voice calls between computers, tablets, mobile devices, -Skype was acquired by Microsoft in May 2011 -instant messaging software application -operated by Japanese multinational company -Chinese microblogging social platform - instant communications on electronic devices multimedia messaging app This is a photo sharing and visual bookmarking social media site or ap professional social networking sites or apps instant messaging network American social news aggregation, web content rating, and discussion website dating-based social networking site music-focused social networking site - 21 January 2011 - developed by Chinese Tencent. - created by Tencent in 2005 -February 2007 Headquarters David Karp -December 3, 2003 - Beijing China -Robin Li -August 2003 -Priit Kasesalu and Jaan Tallinn -Luxembourg City, Luxembourg Palo Alto, CA, United State -December 2, 2010 -It is based in Luxembourg -14 August 2009 New York City, U.S. -March 2012 -8 July 2011 launched - January 2010 Created by Ben Silbermann Headquarters- San Francisco, California, United States launched - 2002, Headquarters- Sunnyvale, California, United States Parent organization- Microsoft Corporation release date - 14 August 2013 Headquarters- London, United Kingdom Created by Nikolai Durov Pavel Durov launched - 23 June 2005 Headquarters - San Francisco, California, United States Created by - Andrey Andreev Date launched - 2006 headquartered in Limassol, Cyprus launched 1 August 2003 Headquarters - Beverly Hills, California, United States


Flickr Quora photo-sharing website American question-and-answer website

ई-कॉमर्स

• ई-कॉमर्स या इ-व्यवसाय इंटरनेट के माध्यम से व्यापार का संचालन है; न केवल खरीदना और बेचना, बल्कि ग्राहकों के लिये सेवाएं और व्यापार के भागीदारों के साथ सहयोग भी इसमें शामिल है।

• सन् 1990 से वाणिज्यिक उद्यमों ने विज्ञापन, बिक्री और दुनिया भर में अपने उत्पादनों का समर्थन के लिये इंटरनेट को एक संभावित व्यवहार्य साधन के रूप में देखा है।

• • ई कॉमर्स उपभोक्ताओं को समय या दूरी की बिना कोई बाधाओं के साथ वस्तुओं और सेवाओं का इलेक्ट्रॉनिक रूप से आदान-प्रदान करने की अनुमति देता है। इंटरनेट पर सामान ख़रीदना और बेचना ईकॉमर्स के सबसे लोकप्रिय उदाहरणों में से एक है।

* ई-कॉमर्स के उदाहरण

Online Shopping

• Electronic Payments

• Online Auctions

• Internet Banking

Online Ticketing

ई-कॉमर्स के प्रकार

Business to Business E-commerce (B2B Ecommerce) - इसके नाम के अनुसार, B2B ई-कॉमर्स दो व्यवसायों ( Business ) के बीच किए गए लेनदेन से संबंधित है। जैसे अगर कोई कंपनी खुद कोई प्रोडक्ट नही बनाती है और किसी दूसरी कंपनी से खरीद कर फिर अपना समान बेचती है तो वो B2B के अंतर्गत आता है।

Business to Consumer Ecommerce (B2C Ecommerce) - इसमे लेनदेन एक बिज़नस और कांसुमेर के बीच होता है। सब से ज्यादा होने वाला ई-कॉमर्स यही होता है। जैसे Flipkart, Amazon आदि जैसी कम्पनीज से उपभोक्ता सीधे वस्तु खरीदता है।

Consumer to Business Ecommerce (C2B Ecommerce) - यह लेनदेन B2C का अपोजिट है । इसमे लेनदेन Consumer और Business के बीच होता है। जैसे एक Consumer वेबसाइट बनाने के लिए ऑनलाइन रिक्वायरर्मन्ट

launched - 10 February 2004

Headquarters - San Francisco, California, U.S. launched - June 2009

Headquarters - Mountain View, California, United States

Founders - Adam D'Angelo, Charlie Cheever

देता हैं, और कोई कंपनी इसके लिए सही कीमत पर वेबसाइट बनाकर देने के लिए ऑफर करती हैं।

Consumer to Consumer Ecommerce (C2C Ecommerce) - यह दो Consumers यानी दो उपभोक्ताओं के बीच होता है। इसमे दो उपभोक्ताओं द्वारा आपस में कुछ खरीदा और बेचा जाता है। जैसे eBay, OLX जैसी साइट्स पर होता है, जिसमें एक व्यक्ति किसी उत्पाद या सेवा को दूसरे को बेचता है।

Business to Government (B2G ) - ई-कॉमर्स के इस प्रकार में कंपनियों और सार्वजनिक प्रशासन या सरकार के बीच ऑनलाइन किए गए सभी लेनदेन शामिल हैं। यह एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें बड़ी मात्रा में और विभिन्न प्रकार की सेवाएं शामिल हैं, खासतौर वित्तीय, सामाजिक सुरक्षा, रोजगार, कानूनी दस्तावेज और रजिस्ट्रार आदि जैसे क्षेत्रों में ।

Consumer to Government (C2G ) - इस में उपभोक्ता और प्रशासन (सरकार) के बीच किए गए सभी इलेक्ट्रॉनिक लेनदेन शामिल हैं। जैसे कर (टैक्स) का भुगतान करना, स्वास्थ्य सेवाओं दूरस्थ शिक्षा प्राप्त करना इत्यादि ।

का भुगतान, e-Commerce Websites Flipkart Amazon Infibeam eBay Yebhi.com Alibaba Group स्थापना - अक्टूबर 2007 संस्थापक - बिन्नी बंसल, सचिन बंसल संस्थापक - जेफ़ बेजोस स्थापना 1994 संस्थापक - विशाल मेहता स्थापन - 2007 संस्थापक - पिएर्रे ओमिद्यर Headquarters-San Jose, California, U.S. स्थापना -September 3, 1995 स्थापना - 2009 संस्थापक - जैक मा स्थापना - 4 अप्रैल 1999








रेक्स (REX)--यह विश्व का पहला पूर्ण बायोनिक मानव है | रेक्स (Rex) रोबोटिक्स एस्केलटन (Robotic Exaskeleton) का लघु रूप है।

● किरोबो (Kirobo ) -- किरोबो अंतरिक्ष में जाने वाले पहला बोलने वाला रोबोट है | इस रोबोट का विकास जापानी डेंटसू इंक द्वारा जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी के साथ संयुक्त उपक्रम में किया गया | इस रोबोट को 4 अगस्त, 2013 को अंतरिक्ष में भेजा गया।

स्नेक रोबोट (Snake Robot) -- ये रोबोट DRDO द्वारा बनाया गया है | इस रोबोट के द्वारा दुर्घटना, आपदा में फसे लोगों की सहायता के लिए अभियान चलाने में मदद मिलेगी । यह रोबोट

कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial intelligence (Al))

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक ऐसी तकनीक है, जिसमें एक कंप्यूटर अपने प्रोग्राम में दिए जा रहे निर्देशों को समझने के बाद उन्हें संरक्षित करता है और उनके आधार पर भविष्य की जरूरतों को समझते हुए निर्णय लेता है या फिर उसके अनुसार काम करता है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के तहत स्पीच रिकग्निशन, विजुअल परसेप्शन, लैंग्वेज आइडेंटिफिकेशन और डिसीजन मेकिंग आदि का वर्णन किया जा सकता है।

• आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को कंप्यूटर साइंस का सबसे उन्नत रूप माना जाता है और इसमें एक ऐसा दिमाग बनाया जाता है, जिसमें कंप्यूटर सोच सके कंप्यूटर का ऐसा दिमाग, जो इंसानों की तरह सोच सके।

आज हम सभी स्मार्टफोन में AI तकनीक का इस्तेमाल करते हैं Google Ask, OK Google, गूगल असिस्टेंट जैसी मुफ्त गूगल सेवाएं आर्टिफिशियल इंटेलीजेंसी की ही देन है।

• AI पूर्णतः प्रतिक्रियात्मक (Purely Reactive), सीमित स्मृति (Limited Memory), मस्तिष्क सिद्धांत (Brain Theory) एवं आत्म-चेतन (Self-Conscious) जैसी अवधारणाओं पर कार्य करता है।

* इतिहास

• आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की स्थापना जॉन मैकार्थी (John McCarthy) ने की थी, उनके दोस्तों मार्विन मिस्की, हर्बर्ट साइमन, ऐलेन नेवेल ने मिलकर शुरूआती कृत्रिम बुद्धिमत्ता का विकास और शोध कार्य किया था।

• जब जॉन मैकार्थी ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर काम करना शुरू किया तब यह तकनीक विकसित नहीं थी लेकिन समय के साथ तकनीक, एल्गोरिथम, कम्प्यूटरिंग पावर और स्टोरेज में सुधार के चलते आज यह काफी लोकप्रिय और कामयाब हो गयी है।

• आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का आरंभ 1950 के दशक में ही हो गया था, लेकिन इसकी महत्ता को 1970 के दशक में पहचान मिली।

छोटी-सी जगह में भी घुसकर बचाव अभियान चलाने मदद कर सकता है।

फिमेसेपियन (Femcepian ) -- यह एक बुद्धिमान एवं परस्पर संवाद करने वाला रोबोट है, जो नाच भी सकता है । यह रोबोट जापान के द्वारा बनाया गया है ।

सोफिया रोबोट (Sophia robot ) -- यह रोबोट अपने चेहरे के हावभाव बदल सकती है और लोगों से बातचीत भी कर सकती है। अक्टूबर, 2017 में सऊदी अरब ने इसे अपने देश की नागरिकता प्रदान की है। ऐसा करने वाला यह विश्व का पहला देश बन गया है।

• जब जापान ने सबसे पहले इस ओर पहल की और 1981 में फिफ्थ जनरेशन नामक योजना की शुरुआत की थी।

• इसमें सुपर- कंप्यूटर के विकास के लिये 10 वर्षीय कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की गई थी।

● इसके बाद अन्य देशों ने भी इस ओर ध्यान दिया। ब्रिटेन ने इसके लिये 'एल्वी' नाम का एक प्रोजेक्ट बनाया।

● यूरोपीय संघ के देशों ने भी 'एस्प्रिट' नाम से एक कार्यक्रम की शुरुआत की थी।

• इसके बाद 1983 में कुछ निजी संस्थाओं ने मिलकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर लागू होने वाली उन्नत तकनीकों, जैसे-Very Large Scale Integrated सर्किट का विकास करने के लिये एक संघ 'माइक्रो-इलेक्ट्रॉनिक्स एण्ड कंप्यूटर टेक्नोलॉजी' की स्थापना की।

ऑर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के प्रकार

वैसे तो ऑर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को बहुत से भागों में विभाजित किया गया है, लेकिन सामान्यतः इनके दो प्रमुख प्रकार हैं

पहला भाग

• कमजोर एआई: इसे इस प्रकार से तैयार किया जाता है कि ये केवल एक टास्क ही करने में सक्षम होता है। एप्पल का सिरी (Siri) और गूगल का वॉयस सिस्टम इसके उदाहरण हैं।

• शक्तिशाली एआई: इस प्रकार के सिस्टम में सामान्यीकृत मनुष्य की बुद्धिमता होती है, जिससे कि समय आने पर कोई भी मुश्किल टास्क कर सके और उसका हल निकाल सकें।

इसे चार भागों में बाँटा गया है

1. पूर्ण प्रतिक्रियात्मक (Purely Reactive)

• यह कृत्रिम बुद्धिमत्ता का सबसे आधारभूत प्रकार है। यह वातावरण और परिस्थितियों से सीधे सूचना ग्रहण करता है और उसके आधार पर निर्णय लेता है। इसके पास विस्तृत विश्व की जानकारी नही होती है। यह अपने अनुभवों को संरक्षित नही कर सकता है, ना ही अपने अनुभवों के आधार पर वर्तमान समस्या पर निर्णय ले




सकता है। यह केवल एक ही क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल कर सकता है।

• उदाहरण

• IBM का डीप ब्ल्यु जिसने कास्पोरोव को शतरंज मे हराया था।

• गूगल का अल्फागो जिसने मानव को एक कंप्युटर बोर्ड खेल गो मे हराया था।

2. सीमित स्मृति

• कृत्रिम बुद्धिमत्ता के विकास मे यह अगला चरण है। इस वर्ग मे पिछले अनुभवों को सीमित मात्रा मे सूचना के रूप मे संरक्षित रखा जाता है और उसे विश्व के प्रोग्राम रूप में माना जाता है। इस सीमित स्मृति के आधार कृत्रिम बुद्धिमत्ता निर्णय लेती है और उसके आधार पर अपना कार्य निर्धारित करती है।

• उदाहरण

• स्वचालित कार

• चैटबाट, पर्सनल डिजिटल असीस्टेंट (एप्पल सीरी, माइक्रोसाफ़्ट कोर्टना)

3. मस्तिष्क सिद्धांत

• वर्ग 3 कृत्रिम बुद्धिमत्ता मे मानव के विचारो और मानव व्यवहार को प्रभावित करने वाली भावनाओं को समझने की क्षमता होगी। इस वर्ग की कृत्रिम बुद्धिमत्ता भावनाओ, मूल भावों, उद्देश्यों तथा अपेक्षाओं को समझ सकेगी और सामाजिक रूप से व्यवहार करने मे सक्षम होगी। ये मशीन अब तक बनी नही है लेकिन ये कृत्रिम बुद्धिमत्ता का अगला चरण होंगी।

• उदाहरण

• स्टार वार फ़िल्मो के C-3PO तथा R2-D2

I, Robot फ़िल्म का सोनी

4. आत्म चेतन

• इस तरह के रोबोट अपना प्रतिनिधित्व स्वयं कर सकेंगे। यह मस्तिष्क सिद्धांत का अगला चरण होंगे, वे अपनी आंतरिक स्थिति से अवगत होंगे, वे दूसरो की भावनाओं को समझने में सक्षम होंगे तथा उसने आधार पर निर्णय ले सकेंगे। वे भविष्य की पिढी की मशीन होंगे जोकि अत्याधिक मेधावी, संवेदनशील तथा जागृत(चेतन) होंगे।

उदाहरण

• 2015 मे आयी फ़िल्म एक्स मशीना की इवा

• 2015 टीवी धारावाहिक ह्युमन्स का सिन्थ्स

अन्य उदाहरण

1. Siri

• यह Apple द्वारा पेश किया गया सबसे लोकप्रिय personal assistant है। हालांकि यह सिर्फ iPhone और iPad में उपलब्ध है। यह AI का सबसे बेहतरीन उदाहरण है, इससे बस आप Hey

Siri बोलिये और यह आपके लिए massage send कर सकता है, internet से information ढूंढ सकता है, voice call कर सकता है, कोई भी application open कर सकता है यहां तक कि timer set व calendar में event add करने जैसे कामो में आपकी सहायता कर सकता है।

2. Tesla

• यह अब तक उपलब्ध सबसे best Automobiles में से एक है। tesla car में न केवल self-driving बल्कि productive capabilities और पूर्ण technological innovation जैसे feature उपलब्ध है।

3. Google Map

• लेकिन Google map में Al technology का अच्छा इस्तेमाल हुआ है। हमको किसी भी जगह का रास्ता बताने के लिए AI enabled mapping के साथ giant's technology सड़क जानकारी को scan करती है और algorithms का प्रयोग करके सही route को हमे बताती है।

4. Nest

• में से Nest सबसे प्रसिद्ध और Artificial intelligence startup एक था और इसे 2014 में Google द्वारा खरीद लिया गया । Nest learning thermostat आपके व्यवहार और schedule के आधार पर energy को बचाता है। ऐसा करने के लिए यह behavioral algorithm का उपयोग करता है। यह इतनी intelligent machine है, कि सिर्फ एक हफ्ते में ही आपके लिए उपयोगी temperature का पता लगा लेती है। अगर घर मे कोई न हो तो यह ऊर्जा बचाने के लिए automatically turn off हो जाती है।

5. Echo

• Echo को Amazon द्वारा लांच किया गया था। यह एक ऐसा revolutionary product है, जो आपके सवालों के जवाब दे सकता है, आपके लिए audiobook पढ़ सकता है, आपको traffic और weather report बता सकता है, local businesses के बारे में जानकारी उपलब्ध करा सकता है तथा sports score और schedule भी प्रदान कर सकता है।

6. लिव डॉट एआई

• वर्ष 2015 में स्थापित लिव डॉट एआई पहली भारतीय कंपनी है जो बोली को 'टेक्स्ट एप्लीकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस (एपीआई) में बदलती है। यह हिंदी, बंगाली, पजाबी, मराठी, गुजराती, कन्नड़, तमिल, और मलयालम समेत 10 भारतीय भाषाओं में उपलब्ध है। हाल हि में ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट ने 'लिव डाट एआई' का अधिग्रहण किया है।

** भारत में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस

• राष्ट्रीय स्तर पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कार्यक्रम की रूपरेखा बनाने के लिये नीति आयोग उपाध्यक्ष राजीव कुमार की


अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया है। इसमें सरकार के प्रतिनिधियों के अलावा शिक्षाविदों तथा उद्योग जगत को भी प्रतिनिधित्व दिया जाएगा।

• वर्तमान में सरकार ने फिफ्थ जनरेशन टेक्नोलॉजी स्टार्टअप के लिये 480 मिलियन डॉलर का प्रावधान किया है, जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग इंटरनेट ऑफ थिंग्स, 3D प्रिंटिंग और ब्लॉक चेन शामिल हैं।

डियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी), हैदराबाद आगामी शैक्षणिक वर्ष (2019-2020) से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई, कृत्रिम - तकनीकी बुद्धिमत्ता) में पूर्ण बी-टेक कार्यक्रम शुरू करेगा। यह एआई में पूर्णकालिक बी-टेक प्रोग्राम की पेशकश करने वाला पहला भारतीय शैक्षणिक संस्थान है।

• इससे पहले अमेरिका के कार्नेगी मेलन विश्वविद्यालय और मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) इस विषय पर समकक्ष पाठ्यक्रम शुरू कर चुके हैं। आईआईटी, हैदराबाद यह पाठ्यक्रम शुरू करने वाला विश्व का तीसरा शैक्षणिक संस्थान है।

• NITI आयोग के अनुमान के अनुसार, AI को अपनाने एवं बढ़ावा देने से वर्ष 2035 तक भारत की GDP में 957 बिलियन डॉलर की वृद्धि के साथ ही और वर्ष 2035 तक भारत की वार्षिक वृद्धि दर को 1.3 प्रतिशत तक बढ़ने की संभावना है।

• गूगल की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंपनी डीपमाइंड, ब्रिटिश नेशनल हेल्थ सर्विस के साथ मिलकर भारत में कई प्रोजेक्ट पर काम कर रही है।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर 7-सूत्री रणनीति

• केंद्र सरकार ने 7 - सूत्री रणनीति तैयार की है जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल करने के लिये भारत की सामरिक योजना का आधार तैयार करेगी। इनमें प्रमुख हैं-

मानव मशीन की बातचीत के लिये विकासशील विधियाँ बनाना। •

• आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और R&D के साथ एक सक्षम कार्यबल का निर्माण करना।

• आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम की सुरक्षा सुनिश्चित करना।

• आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के नैतिक, कानूनी और सामाजिक निहितार्थों को समझना तथा उन पर काम करना।

• आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टेक्नोलॉजी को मानक मानकर और बेंचमार्क के माध्यम से मापन का मूल्यांकन करना।

* कृत्रिम बुद्धिमत्ता टास्क फोर्स

• इसका गठन वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा किया गया है।

मिशन

• विशिष्ट उद्योग, अनुसंधान कार्यक्रम और सरकार हेतु पाँच वर्षीय अनुशंसाएँ।

● विज़न - आर्थिक, राजनीतिक और कानूनी प्रक्रियाओं में AI को अपनाना ताकि भारत को AI-युक्त अर्थव्यवस्थाओं में से एक बनने का लक्ष्य प्राप्त करने में सहायता मिले।

सोफिया नामक रोबोट को हैनसन रोबोटिक्स के संस्थापक डेविड हैनसन ने 2016 में बनाया था।

• AI प्रौद्योगिकियों की तैनाती में तेजी लाने के लिये नीति और कानूनी ढाँचे का निर्माण।

• AI का अनुप्रयोग कर आर्थिक लाभ प्राप्त करना।

सऊदी अरब का इंटेलिजेंट रोबोट सोफिया

• 25 अक्टूबर 2017 में सऊदी अरब ने इसे अपनी पूर्ण नागरिकता दी और किसी भी देश की नागरिकता हासिल करने वाली वह दुनिया की पहली रोबोट है।

• सोफिया के हाव-भाव बिल्कुल मनुष्यों जैसे हैं और वह दूसरे के चेहरे के हावों-भावों को भी पहचान सकती है।

• अपनी इंटेलिजेंस से किसी से भी बातचीत करने के अलावा, , मनुष्यों की तरह सभी काम कर सकती है और अपने खुद के विचार रखती है।

• सोफिया को सऊदी अरब के ऐसे सभी अधिकार मिले हैं, जो वहाँ की सरकार अपने नागरिकों को प्रदान करती है।

● मुंबई में जब एशिया का सबसे बड़ा टेक फेस्ट- 2017 आयोजित किया गया था तब इसके टेलीफेस्ट में रोबोट सोफिया भी आई थी।

पुलिस के काम के लिए रोबोट - फरवरी 2019 में, केरल पुलिस ने पुलिस के काम के लिए एक रोबोट को शामिल किया है।

टेली- रोबोटिक कोरोनरी हस्तक्षेप अहमदाबाद में, दिसंबर 2018 में, एक हृदय रोग विशेषज्ञ ने लगभग 32 किमी दूर से एक मरीज पर दुनिया का पहला मानव रहित टेलरोबोटिक कोरोनरी क्रिया(telerobotic coronary intervention) सम्पन्न की।


ई-शासन में ‘ई’ का तात्पर्य इलेक्ट्रॉनिक से है। ई-शासन का अर्थ है सरकारी क्रियाकलापों एवं परियोजनाओं आदि में संचार सूचना तकनीकी (ICT) का प्रयोग करते हुए लोक-कल्याणकारी राज्य के लक्ष्यों को प्राप्त करना।

● सरकारी सेवाएँ प्रदान करने के लिए सूचना तथा संचार प्रौद्योगिकी का उपयोग करना इलेक्ट्रॉनिक शासन (Electronic governance या e-governance) कहलाता है।

ई-गवर्नेस का मुख्य लक्ष्य

• नागरिकों को बेहतर सेवा प्रदायगी

• पारदर्शिता और जवाबदेही का आरंभ

● सूचना के जरिए लोगों का सशक्तिकरण

• सरकारों के भीतर बेहतर दक्षता

• व्यावसाय और उद्योग के साथ बेहतर कार्यकलाप

* ई गवनेंस के प्रकार

जी 2 जी ( सरकार से सरकार)

• इसका मतलब होता है सरकार से सरकार तक। जब एक सरकारी विभाग किसी दूसरे सरकारी कार्यालय या विभाग से किसी प्रकार की सरकारी सूचना और सेवा के लिए संपर्क करती है तो वह जी टू जी कहलाती है।

• यह विभिन्न सरकारी संस्थाओं और राष्ट्रीय, राज्य और स्थानीय सरकारी संस्थाओं के बीच और इकाई के विभिन्न स्तरों के बीच कार्य करता है।

जी 2 सी (सरकार से नागरिक)

• G to C का अर्थ है सरकार से नागरिक तक। जब सरकार और नागरिक के बीच किसी तरह का संपर्क होता है तो वह Government to Citizen कहलाता है। नागरिकों को किसी भी समय, कहीं भी सरकारी नीतियों पर अपने विचारों और शिकायतों को साझा करने की स्वतंत्रता है।

> जी 2 बी ( सरकार से व्यवसाय)

• इसका अर्थ होता है सरकार से व्यवसाय तक। इसमें सरकार और व्यापारिक क्षेत्र के बीच संपर्क होता है। इसके माध्यम से व्यापारी घर से ही ऑनलाइन सरकारी कामों को कर सकते है तथा सरकार व्यापारिक क्षेत्रों में संपर्क कर लेन-देन का काम करती है। इसका उद्देश्य व्यापार के माहौल में और सरकार के साथ बातचीत करते समय पारदर्शिता स्थापित करना है।

जी 2 ई (सरकार से कर्मचारी)

• Gto E का मतलब सरकार से कर्मचारी होता है। यह सरकार और कर्मचारी के बीच संपर्क को बनाये रखने में सहायक है। सरकार सरकारी कर्मचारी से सरकारी कार्यों के लिए संपर्क रखती है। यह

ई-गवर्नेस

सरकार और कर्मचारियों के बीच कुशलता और तेजी से संपर्क बनाने में मदद करता है, साथ ही उनके लाभों को बढ़ाकर उनके संतुष्टि स्तर तक पहुँचाने में मदद करता है |

C to C (Citizen to Citizen)

• इस श्रेणी में नागरिकों का आपस में संपर्क होता है। ई-गवनेंस के चरण

● भारत में ई-गवर्नेस की शुरुआत चार चरणों से हुई

पहले चरण में, कम्प्यूटरीकरण (Computerization) व्यक्तिगत कंप्यूटर की उपलब्धता के साथ सभी सरकारी कार्यालय में पर्सनल कंप्यूटर स्थापित किये गए | कंप्यूटर का उपयोग वर्ड प्रोसेसिंग के साथ शुरू हुआ, इसके बाद डेटा प्रोसेसिंग में तेजी आई।

नेटवर्किंग -इस चरण में, कुछ सरकारी संगठनों की कुछ इकाइयाँ को विभिन्न सरकारी संस्थाओं के बीच सूचनाओं के आदान-प्रदान और डेटा के प्रवाह के लिए एक हब के माध्यम से जोड़ा गया।

ऑन-लाइन उपस्थिति (On-line presence) - तीसरे चरण में, इंटरनेट कनेक्टिविटी बढ़ने के साथ, वेब पर उपस्थिति बनाए रखने के लिए एक आवश्यकता महसूस की गई। इसके परिणामस्वरूप सरकारी विभागों और अन्य संस्थाओं द्वारा वेबसाइटों का रखरखाव किया गया। आम तौर पर, इन वेब पृष्ठों / वेब-साइटों में संगठनात्मक संरचना, संपर्क विवरण, रिपोर्ट और प्रकाशन, संबंधित सरकारी संस्थाओं के उद्देश्य और दृष्टि विवरण के बारे में जानकारी होती थी।

ऑनलाइन अन्तरक्रियाशीलता (Online interactivity) - ऑन-लाइन उपस्थिति का एक स्वाभाविक महत्व सरकारी संस्थाओं और नागरिकों, नागरिक समाज संगठनों आदि के बीच संचार चैनलों का खोला जाना था। इस चरण का मुख्य उद्देश्य डाउनलोड करने योग्य फॉर्म प्रदान करके सरकारी संस्थाओं के साथ व्यक्तिगत इंटरफ़ेस के दायरे को कम करना था।

भारत में ई-गवर्नेस

● भारत में ई-गवर्नेस की उत्पत्ति 1970 के दशक के दौरान चुनाव, जनगणना, कर प्रशासन आदि से संबंधित डेटा गहन कार्यों के प्रबंधन के लिये आईसीटी के अनुप्रयोगों पर ध्यान देने के साथ हुई।

• 970 में इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग की स्थापना भारत में ई-गवर्नेस की दिशा में पहला बड़ा कदम था क्योंकि इसमें 'सूचना’ और ‘संचार' पर ध्यान केंद्रित किया गया था।

● 1977 में स्थापित राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) ने देश के सभी ज़िला कार्यालयों को कंप्यूटरीकृत करने के लिये “जिला सूचना प्रणाली कार्यक्रम" शुरू किया


• ई-गवर्नेस को बढ़ावा देने की दिशा में 1987 में लॉन्च NICNET (राष्ट्रीय उपग्रह-आधारित कंप्यूटर नेटवर्क) एक क्रांतिकारी कदम था।

ॐ राष्ट्रीय ई-शासन योजना (एनईजीपी)

• सरकार ने 27 मिशनमोड परियोजनाओं और 8 घटकों वाली राष्ट्रीय ई-शासन योजना (एनईजीपी) को 18 मई 2006 को अनुमोदित किया।

• वर्ष 2011 में 27 एमएमपी की सूची में 4 परियोजनाएं-स्वास्थ्य, शिक्षा, पीडीएस और डाक जोड़ दी गई और इस प्रकार अब 31 मिशनमोड परियोजनाएं (एमएमपी) हैं।

● सूचना प्रौद्योगिकी विभाग तथा प्रशासनिक सुधार व लोक शिकायत विभाग ने ही राष्ट्रीय ई-गवर्नेस योजना का खाका तैयार किया।

• राष्ट्रीय ई-शासन योजना (NeGP) में ग्रामीण क्षेत्रों के नागरिकों तक पहुँच के लिए प्रखण्ड स्तर तथा साझा सेवा केन्द्रों तक के सभी सरकारी कार्यालयों को राज्यव्यापी एरिया नेटवर्क (SWAN) द्वारा जोड़ा जा रहा है।

मिशन मोड परियोजना

• मिशन मोड परियोजना (एमएमपी) राष्ट्रीय ई-शासन योजना के अंतर्गत एक स्वतंत्र परियोजना के तौर पर शुरू की गयी। यह परियोजना इलेक्ट्रॉनिक शासन के विभिन्न पहलुओं जैसे कि बैकिंग, भूमि रिकार्ड या व्यवसायिक कर आदि पर आधारित सेवाओं का ध्यान रख कर बनाई गई है। राष्ट्रीय ई-शासन योजना की "मिशन मोड" परियोजना स्पष्ट रूप से उद्देश्य, व्यापकता और कार्यान्वयन की समय सीमा और उपलब्धियों के साथ- साथ मूल्यांकनीय परिणामों और सेवा स्तरों को परिभाषित करती है। राष्ट्रीय ई-शासन परियोजना ४४ मिशन मोड परियोजनाओं (एमएमपी-पहले 27) जो कि राज्य, केंद्र या एकीकृत परियोजनाओं के रूप में वर्गीकृत की जा सकती है।

ई-क्रांति सेवाओं की इलेक्ट्रॉनिक डिलीवरी -

• ई-क्रांति डिजिटल इंडिया पहल का एक अनिवार्य स्तंभ है। देश में ई-गवर्नेस, मोबाइल गवर्नेस और देश में सुशासन की महत्वपूर्ण जरूरत को देखते हुए ई-क्रांति के प्रमुख घटकों के रुप में "शासन को बदलने के लिए बदलने ई-गवर्नेस में बदलाव "के विजन को यूनियन कैबिनेट ने 25 मार्च 2015 को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित किया गया।

• ई- क्रांति के तहत 44 मिशन मोड परियोजनाएं, जाे विभिन्न चरणों कार्यान्वयनित हो रही हैं।

ई-क्रांति के प्रमुख सिद्धांत निम्नलिखित हैं -

• कायाकल्प करना, न कि पुराने ढर्रे पर चलना

अलग-अलग सेवाओं के बजाय एकीकृत सेवाएँ ●

• प्रत्येक MMP में गवर्नमेंट प्रॉसेस रीइंजीनियरिंग (GPR) को अनिवार्य किया जाना

● डिफ़ॉल्ट के तौर पर क्लाउड प्रौद्योगिकी का प्रयोग

• मोबाइल फर्स्ट

● भाषा का स्थानीयकरण

• माँग के आधार पर ICT अवसंरचना |

● अनुमोदन की प्रक्रिया को त्वरित करना)

• स्टैण्डर्ड और प्रोटोकॉल का अधिदेश तय करना

• राष्ट्रीय भू-स्थानिक सूचना प्रणाली (Geo spatial information system -GIS )

• सुरक्षा और इलेक्ट्रॉनिक डेटा संरक्षण । राष्ट्रीय ई-गवर्नेस सम्मेलन

• प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग द्वारा वर्ष 1997 से प्रत्येक वर्ष सूचना प्रौद्योगिकी विभाग एवं एक राज्य सरकार के सहयोग से ई-गवर्नेस पर राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। इस सम्मेलन में सभी राज्य सरकारों के आई.टी. सचिव, केंद्र सरकार के अधिकारी, शिक्षाविद, उद्योगों के प्रतिनिधि आदि भाग लेते हैं।

राष्ट्रीय ई-गवर्नेस पुरस्कार

• ई-गवर्नेस पहलों के कार्यान्वयन को मान्यता देने तथा उत्कृष्टता को बढ़ावा देने के लिए प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग राष्ट्रीय ई-गवर्नेस सम्मेलन के दौरान प्रत्येक वर्ष राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान करता है। निम्नलिखित श्रेणियों में पुरस्कार दिए जाते हैं

1. सरकारी प्रक्रिया पुन - अभियांत्रिकी में उत्कृष्टता

2. नागरिक केंद्रिक सेवा प्रदायगी में उत्कृष्ट कार्य-निष्पादन 3. ई-गवर्नेस में प्रौद्योगिकी का अभिनव अनुप्रयोग

• 4. मौजूदा परियोजनाओं में वर्धित नव प्रवर्तन

• 5. आईसीटी के जरिए नागरिक केंद्रिक सेवा प्रदायगी में जिला स्तरीय सर्वोत्तम पहल

• 6. ई-गवर्नेस में जीआईएस प्रौद्योगिकी का अभिनव अनुप्रयोग 7. ई-गवर्नेस में मोबाइल प्रौद्योगिकी का अभिनव अनुप्रयोग

• 8. क्षेत्रीय पुरस्कार प्रतिवर्ष निर्धारित किया जाता है। वर्ष 201415 के लिए कौशल

● विकास और रोजगार क्षमता

• 9. केन्द्र सरकार के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों द्वारा आईसीटी का अभिनव अनुप्रयोग

• 10. राज्य सरकार के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों/सहकारी समितियों/संघों/सोसाइटियों द्वारा आईसीटी का अभिनव अनुप्रयोग

● 11. शैक्षिक और शोध संस्थानों द्वारा उत्कृष्ट ई-गवर्नेस पहल

• 12. गैर सरकारी संस्थानों द्वारा विकास हेतु आईसीटी का अनुप्रयोग


• पुरस्कार विजेता पहलों का व्यापक रूप से प्रचार करने के लिए प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग प्रत्येक वर्ष "कॉज फॉर अप्लॉज" पुस्तक प्रकाशित करता है जिसमें प्रत्येक अनुकरणीय पहलों का संक्षिप्त लेख होता है।

डिजिटल इंडिया

शुरुआत - 1 जुलाई, 2015

• सूचना प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल के जरिए जन-सेवाओं की समूची प्रणाली का रूपान्तरण करने के लिये भारत सरकार ने 2015 में 'डिजिटल इंडिया' कार्यक्रम प्रारम्भ किया

• यह कार्यक्रम इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा विभिन्न केन्द्रीय मंत्रालयों/विभागों और राज्य सरकारों के सहयोग से तैयार और समन्वित किया गया है। प्रधानमंत्री डिजिटल इंडिया की निगरानी समिति के अध्यक्ष हैं।

डिजिटल इंडिया के 9 स्तंभ हैं

● ब्रॉडबैंड हाईवे

• सब को फोन की उपलब्धता

• इंटरनेट तक सब की पहुंच

• ई-शासन (टेक्नालॉजी की मदद से शासन)

• ई-क्रांति (इलेक्ट्रॉनिक सेवाएं)

• सभी के लिए सूचना

• इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग

• आई.टी. के जरिए रोजगार

• भविष्य की तैयारी के कार्यक्रम

डिजिलॉकरः यह नागरिकों को उनके सार्वजनिक और निजी दस्तावेजों को पब्लिक क्लाउड में सुरक्षित रखने के लिए निजी में जगह उपलब्ध कराकर कागज विहीन अभिशासन उपलब्ध कराता है।

पीएमजीडीआईएसएचए (पीएमजी दिशा) - प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान प्रत्येक परिवार के कम से कम एक व्यक्ति को डिजिटल तरीके से साक्षर बनाने के लिए शुरू किया गया। इसके लिए ग्रामीण इलाकों में 6 करोड़ लोगों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखा गया है।

मेरी सरकार (MyGov ) - माईगव साझा डिजिटल प्लेटफार्म उपलब्ध कराकर देश में सहभागितापूर्ण अभिशासन में मदद करता है जिसमें नागरिक सरकारी कार्यक्रमों और योजनाओं के बारे में अपने विचार साझा कर सकते हैं।

डिजिटल भुगतानः कई नये डिजिटल भुगतान टूल जैसे भीम एप भीम आधार, भारत क्यूआर कोड, नेशनल इलेक्ट्रॉनिक ऑल कलेक्शन्स आदि शुरू किये गये।



जीवन प्रमाणः इससे पेंशन भोगियों को अपना जीवन प्रमाणपत्र किसी भी समय और किसी भी स्थान पर डिजिटल तरीके से भेजने या प्रस्तुत करने में मदद मिलती है।

जीईएमः यह आम इस्तेमाल की वस्तुओं और सेवाओं सरकारी खरीद का ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म है।

ई-कोर्ट्स मिशन मोड परियोजनाः उच्चतम न्यायालय, उच्च न्यायालयों, जिला अदालतों और जिला अदालत परिसरों में ऑटोमेशन को बढ़ावा देता है। इसके अंतर्गत केस स्टेटस, कॉज लिस्ट, कोर्ट ऑर्डर, केविएट सर्च आदि कई सेवाएँ शामिल हैं। इसके अंतर्गत नेशनल ज्यूडिशियल डेटा ग्रिड भी शुरू की गई जिसमें तमाम समन्वित अदालतों से जुटाए गए डेटा का विश्लेषण किया जाता है और डैशबोर्ड के जरिए अखिल भारतीय आँकड़ों को प्रदर्शित किया जाता है।

राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टलः यह एकल ऑनलाइन पोर्टल के जरिए अनेक छात्रवृत्ति योजनाओं की सुविधा उपलब्ध कराता है और विद्यार्थियों द्वारा आवेदन भेजने, स्कूल प्रशासनों द्वारा सत्यापन, अधिकारियों द्वारा स्वीकृति और डीबीटी के जरिए संवितरण भी इसमें शामिल है।

उमंगः यह एक अनेक सरकारी एप्लिकेशन्स और डेटाबेसेज के साथ बैकएंड तालमेल के जरिए सरकारी सेवाएँ उपलब्ध कराने वाला संपूर्ण मोबाइल ऐप है।

ई-अस्पतालः हॅस्पीटल मैनेजमेंट इनफॉर्मेशन सिस्टम के 20 से अधिक मॉड्यूलों के जरिए अस्पतालों में रोगी पंजीकरण, आइपीडी, फार्मेसी, ब्लड बैंक जैसी गतिविधियों के स्वचालन को आसान बनाता है।

ई-नामः राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम) एक अखिल भारतीय इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग पोर्टल है, जो कृषि उत्पादों के लिए एकीकृत राष्ट्रीय बाजार बनाने हेतु मौजूदा एपीएमसी मंडियों को ऑनलाइन नेटवर्क से जोड़ता है।लघु कृषक कृषि व्यापार संघ (एसएफएसी) भारत सरकार के कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत ई-नाम को लागू करने के लिए प्रमुख एजेंसी है।

* देशव्यापी नेटवर्क

● सरकार ने ई-गवर्नेस के लक्ष्य को प्राप्त करने के उद्देश्य से देशव्यापी संचार नेटवर्क रूप में एनआईसी एनईटी नेटवर्क की शुरूआत की।

• आज एनआईसी एनईटी एक सरकारी इकाई से दूसरी सरकारी इकाई और नागरिक व सरकार व व्यापार के बीच संचार में अहम भूमिका निभा रहा है।

राष्ट्रीय ज्ञान नेटवर्क (नेशनल नॉलेज नेटवर्क)

• सरकार ने ई-गवर्नेस के क्षेत्र में नेशनल नॉलेज नेटवर्क के रूप में एक महत्वपूर्ण पहल की है, जो 10जी बैकबोन के जरिये व्यापक तकनीकी स्तर पर राष्ट्रीय नेटवर्क मुहैया कराता है। यह देश के


प्रमुख शोध और अकादमिक संस्थानों को तेज गति वाली कनेक्टिविटी भी उपलब्ध कराता है।

डेटा केन्द्र

• यह केन्द्रीय सेवाओं की उपलब्धता के साथ ई-गवर्नेस एप्लीकेशन, वेब पोर्टलों और वेबसाइट के लिए मजबूत, सुरक्षित और लचीला ढाँचा उपलब्ध कराता है।

ॐ भूस्थानिक (जियोस्पेशियल) प्रौद्योगिकी

• भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) ने स्थान आधारित संपर्क, कार्यस्थल पर ही विभिन्न गतिविधियों को अंजाम देकर विभिन्न ईगवर्नेस सेवाओं की उपलब्धता को बेहतर बनाया है। वहीं डिजिटल इंडिया जैसे कार्यक्रम ने भी प्रभावकारी ढंग से सेवाएँ मुहैया कराने के लिए भू-स्थानिक तकनीक का इस्तेमाल किया है।

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग

● प्रशासन को एक-दूसरी ईकाइयों से जोड़ने और करीब लाने के मकसद से एनआईसी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सेवा मुहैया करा रहा है। यह सेवा 1995 से ही उपलब्ध कराई जा रही है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का उपयोग शासन प्रणाली के सभी स्तरों यानी केन्द्र व राज्य, राज्य व जिला और जिला व तहसील और सरकार और जनता के बीच संवाद स्थापित करने में व्यापक रूप में किया जाता है।

• आईटी के इस्तेमाल को और अधिक व्यापक बनाने के उद्देश्य से, एनडीए सरकार मोबाइल एप्स के माध्यम से खरीदार - विक्रेता मंचों को एकीकृत करने हेतु इंटरैक्टिव वोइस रेस्पोंस सिस्टम शुरू करने की योजना बना रही है। यह कृषि शासन में मोबाइल फ़ोन को महत्वपूर्ण बनाने के दिशा में एक कदम है। ई-क्रांति के अतिरिक्त आठ अन्य स्तम्भ भी हैं जिन पर डिजिटल इंडिया पहल की नज़रें जमी हुई हैं जिसमें ब्रॉडबैंड हाइवेज, पब्लिक इन्टरनेट एक्सेस प्रोग्राम और डिजिटल वॉलेट शामिल है।

राज्य, जिन्होंने ई-गवर्नेस को लागू किया है

भूमि परियोजना (कर्नाटक)

भूमि प्रोजेक्ट कर्नाटक के 6.7 मिलियन किसानों हेतु 20 मिलियन ग्रामीण भूमि के रिकॉर्ड के, कंप्यूटरीकृत वितरण के लिये एक स्वस्थायी ई-गवर्नेस परियोजना है।

ज्ञानदूत (मध्य प्रदेश)

• इस इन्टरनेट आधारित सेवा की पहल की शुरुआत जनवरी 2000 में धार जिले में की गयी थी। इसका उद्देश्य था ग्रामीण आबादी को सम्बंधित जानकारी प्रदान करना। इस पहल ने जिला प्रशासन और लोगों के बीच एक इंटरफ़ेस के रूप में कार्य किया।

लोकवाणी परियोजना (उत्तर प्रदेश)

• यह नवम्बर 2004 में शुरू की गयी एक सार्वजनिक-निजी भागीदारी परियोजना थी, जिसका उद्देश्य शिकायतों का समाधान करना,

भूमि का रिकॉर्ड रखना और अन्य आवश्यक सेवाएँ प्रदान करना था।

FRIENDS परियोजना (केरल)

• FRIENDS (Fast, Reliable, Instant, Efficient Network for the Disbursement of Services) यानी कि सेवाओं के वितरण के लिए फ़ास्ट (तेज), रिलाएबल (विश्वसनीय), इंस्टेंट (तत्काल) और दक्ष नेटवर्क। सबसे लोकप्रिय मानी जाने वाली यह परियोजना नागरिकों को करों के भुगतान के लिए सक्षम बनाती है और सरकार से सम्बंधित आवश्यक लेनदेन के लिए सुगमता प्रदान करती है।

ई-मित्र परियोजना (राजस्थान)

• यह परियोजना 2005 से अस्तित्व में है। इसका व्यापक उद्देश्य है सभी सरकारी विभागों से सम्बंधित सेवाओं तक नागरिकों को किसी भी वक्त पहुँच मुहैया करवाना। शहरी और ग्रामीण दोनों नागरिक अपने लेनदेनों के लिए पूर्ण सुरक्षा से आश्वस्त हो सकते हैं। अलग-अलग विभागों के चक्कर काटने के बजाय वे सेवाएँ प्राप्त करने के लिए एक एकीकृत ई-प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर सकते हैं।

ई-सेवा (आन्ध्र प्रदेश)

• ई-सेवा का उद्देश्य सरकार से नागरिकों को' और 'ई-बिज़नस से नागरिकों को सेवाएँ उपलब्ध करवाना था । नागरिकों को सभी सेवाएँ उन्हें सम्बंधित सरकारी विभागों से जोड़ करके ऑनलाइन मुहैया करवाई जाती हैं।

COSMOS (छत्तीसगढ़)

• यह ऑनलाइन स्कूल निगरानी प्रणाली राज्य के लिए स्कूलों में शिक्षकों और छात्रों की उपस्थिति पर ऑनलाइन नजर रखती है और बायोमेट्रिक डिवाइस के माध्यम से ट्रैक करती है। भौगोलिक सूचना प्रौद्योगिकी के अभिनव उपयोग के लिए राज्य को नेशनल ई-गवर्नेस अवार्ड 2014-15 के लिए चुना गया था। इसने राजीव गाँधी शिक्षा मिशन के अंतर्गत आने वाले विद्यालयों और गांवों के मानचित्र के लिए एक जीआईएस आधारिक वेब एप्लीकेशन विकसित की थी।

ई-कोर्ट

• इस परियोजना को न्याय विभाग, विधि और न्याय मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया है।

• इस मिशन मोड प्रोजेक्ट (MMP) का उद्देश्य नागरिकों को प्रौद्योगिकी के उपयोग द्वारा बेहतर न्यायिक सेवाएँ प्रदान करना है। MCA21

• इसे कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया।

• इस परियोजना का उद्देश्य कंपनी अधिनियम के तहत पंजीकृत कंपनियों को इलेक्ट्रॉनिक सेवाएँ प्रदान करना है।

• इसके अंतर्गत विभिन्न ऑनलाइन सुविधाओं के आवंटन और नाम परिवर्तन, निगमन, पंजीकरण शुल्क का ऑनलाइन भुगतान,


पंजीकृत कार्यालय का पता बदलना, सार्वजनिक रिकॉर्ड देखना जैसी सेवाएँ शामिल हैं।

ई-ऑफिस

• इसे प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग द्वारा शुरू किया गया।

• इसका उद्देश्य कार्यालयों में कम से कम कागज (Less Paper Office) के उपयोग द्वारा सरकार की परिचालन क्षमता में सुधार करना है |

मध्यप्रदेश में ई-शासन

राज्य में ई शासन से संबंधित नीतियाँ ●

•● राज्य में निवेश नीति 2012 के अनुसार जो राज्य में ई-गवर्नेस को बढ़ावा देने के लिए और यह निवेश को आकर्षित करने के लिए डिजाइन किया गया है।

ई डिस्ट्रिक्ट

• ई - डिस्ट्रिक्ट परियोजना राज्य शासन के ई - गवर्नेस कार्यक्रम के अंतर्गत क्रियानवित की गयी है, जिसमें जिला प्रशासन द्वारा सूचना, संचार और प्रौद्योगिकी (आईसीटी) का उपयोग कर नागरिको के लिये जी 2 सी और जी 2 जी सेवाओं का प्रदान किया जा रहा है । यह परियोजना राष्ट्रीय ई - गवर्नेस योजना के अंतर्गत एक मिशन मोड परियोजना (एमएमपी) (एनईजीपी), है जो भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित है। परियोजना का मुख्य उद्देश्य विभागों मे कम्प्यूटरीकरण नही अपितु नागरिक सेवाओं को व्यापक पैमाने पर पारदर्शिता के साथ प्रदान करना है।

ई-टेंडरिंग

• सूचना प्रौद्योगिकी विभाग, मध्य प्रदेश सरकार और मध्य प्रदेश में विभाग के राज्य सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के लिए ई निविदा प्रणाली को लागू कर रहा है

ई-उपार्जन परियोजना

• लागू करने एजेंसी / विभाग उपभोक्ता संरक्षण विभाग, मध्य प्रदेश सरकार । - खाद्य, नागरिक आपूर्ति और

• उद्देश्य

● राज्य में खरीद आपरेशन (एमएसपी के तहत ) को मजबूत करने के लिए।

● 15 लाख से अधिक किसानों की एकीकृत डेटाबेस।

● जिओसर्च

● लागू करने की एजेंसी / विभाग - पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग।

• अपने शक्तिशाली खोज इंजन नक्शे पर बस एक क्लिक से अपने प्रोफाइल के साथ साथ किसी भी गांव का पता लगाने की प्रक्रिया में तेजी लाने के।

• मध्य प्रदेश देश का पहला राज्य है हर किसी के लिए सार्वजनिक डोमेन पर समाधान की पेशकश (नागरिक और सरकार आदि) की। जिओ फौरेस्ट

• लागू करने एजेंसी / विभाग - मध्य प्रदेश वन विभाग

• उद्देश्य

• वन भूमि के स्थानिक डेटाबेस का निर्माण |

• वांछित पैमाने पर कार्य योजनाओं और नक्शे की तैयारी में सहायता करते हैं।

भू-नक्शा

• लागू करने एजेंसी / विभाग - कमिश्नर, लैंड रिकार्ड्स एंड सेटलमेंट। ● उद्देश्य

● वन भूमि के स्थानिक डेटाबेस का निर्माण।

• जमीन के मालिक की संतुष्टि ।

• बेहतर और कुशल सार्वजनिक सेवा वितरण

• स्मार्ट (सरल, नैतिक, जवाबदेह, जिम्मेदार और पारदर्शी) भूमि प्रशासन प्रदान करना।

• खसरा के सभी नक्शे किसी भी एक सिंगल खसरा नक्शे पर क्लिक करके एक व्यक्ति द्वारा स्वामित्व का प्रदर्शन।


साइबर सुरक्षा

साइबर सिक्योरिटी एक तकनीक या विधि है जो की कंप्यूटर या इंटरनेट या इनसे आपस में जुड़े हुए नेटवर्क्स, मोबाइल डिवाइस, सर्वर, कंप्यूटर प्रोग्राम्स (या कोई भी वो सिस्टम या डिवाइस जो सूचना को प्रोसेस या स्टोर या ट्रांसमिट करता है) पर उपस्थित सूचनाओं की अनेक प्रकार के साइबर हमलो या सुरक्षा की अनधिकृत उपयोग को रोकने के उपाय करती हैं।

ऐसे अपराधों में हैकिंग, साइबर स्टॉकिंग, सॉफ्टवेयर पाइरेसी, क्रेडिट कार्ड फ्रॉड, फिशिंग आदि को शामिल किया जाता हैं।

हैकिंग

हैकिंग का मतलब होता है Computer system में से कमजोरी को ढूँढ निकालना और फिर उसी कमजोरी का फ़ायदा उठा कर उस कंप्यूटर को अपने नियंत्रण में लेना।

हैकिंग करने वाला हैकर कहलाता हैं। •

• हैकिंग अक्सर तब तक legal होता है जब तक कोई हैकर उसे किसी कंप्यूटर सिस्टम की कमजोरी को जांचने के लिए उसे हैक करता है। इस प्रकार के hacking को Ethical Hacking कहा जाता है।

** हैकर के प्रकार

हैकर तीन प्रकार के होते हैं

1. ब्लैक हेट हैकर / क्रैकर - ब्लैक हेट हैकर वह होते हैं जो किसी की इज़ाज़त के बगैर इन्टरनेट सुरक्षा को तोड़कर किसी व्यक्ति के कंप्यूटर, वेबसाइट, फेसबुक, ट्विटर को हैक करते हैं। इनका मकसद गलत होता और यह गलत कामों के लिए हैकिंग (Hacking) करते हैं।

> 2. एथिकल हैकर या व्हाइट हैट हैकर वह हैकर होते हैं जो व्यक्ति से इजाजत लेकर हैकिंग करते हैं या फिर किसी की मदद के लिए पूरी कानूनी तरीके से काम करते हैं इनको ethical hackers भी कहा जाता है।

3. ग्रे हैट हैकर - ये वह हैकर होते हैं जिनका मकसद गलत तो नहीं होता है लेकिन यह प्रयोग या एक्सपेरिमेंट करने के लिए किसी की चीजो को हैक करते हैं.

* हैकर के अन्य प्रकार

स्क्रिप्ट किडिज़- ये वह हैकर होते है जिन्हें टेक्नोलॉजी का बहुत ज्यादा ज्ञान नहीं होता हैं लेकिन ये दुसरो के बनाये tools का use करते हुए hacking करते है।

Hacktivist - यह वह हैकर होते हैं जो सामाजिक, धार्मिक और राजनीतिक आदि संदेश भेजने के लिए हैकिंग का उपयोग करता है। यह आमतौर पर वेबसाइटों को हाईजैक करने और अपहृत वेबसाइट पर संदेश छोड़ने के द्वारा किया जाता है।

Phreaker - यह वह हैकर होते हैं जो कंप्यूटर के बजाय टेलीफोन में कमजोरियों की पहचान करता है और उनका शोषण करता है।

→ रेड हेट हैकर - रेड हेट हैकर उन्हें कहा जाता है जो की दोनों black hat और white hat hackers का मिश्रण हैं। वो मुख्य रूप से * government agencies, top-secret information hubs, और उन सभी चीज़ें जो की sensitive information से ताल्लुक रखती है उन्हें ये hack करने के लिए target करते हैं।

ब्लू हेट हैकर - Blue Hat Hackers उन्हें कहा जाता है जो की अक्सर freelancer होता हैं और किसी companies के लिए काम नहीं करते हैं लेकिन उन्हें Network security, apps, software के विषय में पूरी जानकारी होती है।

हैकिंग की शब्दावली

Adware Adware एक ऐसा software है जिसे की ऐसा design किया गया है जिससे की ये pre-chosen ads को screen में display करने के लिए बाध्य करता है।

Attack – यह एक action है जिसे की system में किया जाता है उसे access करने के लिए और sensitive data extract करने के लिए

Backdoor- ये back door, या trap door, एक hidden entry होता है किसी computing device या software में जो की सभी security measures, जैसे की logins और password protections को bypass करने में मदद करता है।

Bot - एक bot ऐसा program होता है जो की किसी action को automate करने में मदद करता है उस काम को repeatedly higher rate और बिना error के किया जा सकता है जो की किसी human operator के द्वारा करना संभव भी नहीं है वो भी बहुत समय तक. उदहारण के लिए HTTP, FTP या Telnet को send करना higher rate में और calling script में जिससे ये higher 'object create करते हैं। rate

Botnet - Botnet, को zombie army भी कहा जाता है, यह एक computers के group को कहा जाता है जिसे की owner के knowledge में किया जाता है। Botnets का इस्तेमाल spam send करने के लिए या denial of service attacks करने के लिए किया जाता है।

Brute force attack - एक brute force attack automated होता है और ये किसी system या website पर access gain करने का सबसे simplest method होता है। ये usernames 3 passwords different combination को तब तक बार बार try करता रहता है जब तक की इसे सही combination न मिल जाये।


Buffer Overflow Buffer Overflow ch ych chi flaw होता है जो की तब होता है जब ज्यादा data को किसी block of memory, या buffer में लिखा जाता है, इसमें buffer को allocated space ज्यादा hold करने के लिए instruct किया जाता है।

Clone Phishing - Clone phishing एक प्रकार का modification existing, legitimate email ffalse link के साथ जिससे recipient को trick किया जाता है जिससे वो अपनी सभी personal information प्रदान कर दे।

Denial of service attack (DoS) - denial of service (DoS) attack उसे कहा जाता है जब की कोई malicious attempt के द्वारा server या कोई network resource M कुछ समय के लिए available किया जाता है जो की पहले users के लिए unavailable होते हैं। Usually, इसमें उस services जो की Host के साथ connected होते हैं, को temporarily interrupt या suspend किया जाता है।

DDoS – ये Distributed denial of service attack होता है।

Firewall – Firewall एक प्रकार का filter होता है जिसे की design किया जाता है unwanted intruders को आपके computer system या network से दूर रखता है जिससे ये safe communication प्रदान करता है systems और users के बिच किस firewall के भीतर।

➤ Keystroke logging - Keystroke logging process है keys को track करने के लिए जो की press किये गए होते हाँ किसी computer में (और जिस किसी touchscreen points का इस्तेमाल किया गया होता है)। ये simply computer/human interface का एक map होता है। इन्हें grey और black hat hackers के द्वारा login IDs और passwords को record करने के लिए किया जाता है। Keyloggers को अक्सर secretly किसी device में install किया गया होता है किसी Trojan का इस्तेमाल कर phishing email में।

Logic bomb - यह एक virus होता है जिसे की secretly system के भीतर डाला जाता है और ये तब trigger होता है कुछ certain condition met करते हैं। ये सबसे common version का time bomb है।

Malware – Malware एक umbrella term है जिसका इस्तेमाल बहुत से प्रकार hostile या intrusive software, जिसमें computer viruses, worms, Trojan horses, ransomware, spyware, adware, scareware, और दुसरे malicious programs को refer के लिए किया जाता है।

Master Program - master program program होता है जिसे की black hat hacker के द्वारा इस्तेमाल किया जाता है जिससे वो remotely command transmit कर infected zombie drones को active कर देते हैं, इसके साथ

Denial of Service attacks या spam attacks को करने के लिए भी किया जाता है।

Phishing – Phishing एक प्रकार का e-mail fraud method है जिसमें की sender ऐसे email भेजते हैं जो की एकदम से legitimate-looking emails के तरह दिखते हैं, जिसका मुख्य लक्ष्य उनके personal और financial information gather करना होता है recipients से।

Phreaker - Phreakers 3 original computer hackers माना जाता है क्यूंकि वो किसी telephone network को illegally break कर, उसका इस्तेमाल free long-distance phone calls या किसी के calls को tap करने के लिए इस्तेमाल करते हैं।

Rootkit- Rootkit एक प्रकार का stealthy type का software होता है, जो की typically malicious होता है, और उसे कुछ इसप्रकार से design किया गया है जिससे ये आम security softwares के द्वारा detect न हों और वो अपने काम कर सकें।

Shrink Wrap code - A Shrink Wrap code attack ऐसा act है जिसका इस्तेमाल unpatched और poorly configured software के holes को exploit करने के लिए किया जाता है।

Social engineering - Social engineering का मतलब है की जानबुझ लोगों को बहकाना जिससे वो अपने सारे details आपको प्रदान कर दें जैसे की personal information, like credit card details, usernames और passwords इत्यादि। Spam Spam simply एक unsolicited email, जिसे की

junk email भी कहा जाता है, और जो की बहुत सारे recipients को उनके मर्जी के खिलाप ही भेजा जाता है।

Spoofing - Spoofing एक ऐसा technique है जिसका इस्तेमाल दूसरों के computers में unauthorized access gain करने के लिए किया जाता है। यहाँ पर intruder computer को messages भेजती हैं जिसमें IP address होती है जिससे ये प्रतीत होता है की वो message trusted host से आई है।

Spyware - Spyware एक software होता है जो की मुख्य रूप से किसी person या company के information को gather करने के लिए किया गया होता है। लेकिन इसमें target को इस बारे में थोड़ी भी भनक नहीं होती है और वो न चाहते हुए भी सभी information प्रदान कर देते हैं।

SQL code SQL Injection - SQL injection & injection technique होती है, जिसे की data-driven applications को attack करने के लिए ही बनाया गया होता है, यहाँ पर malicious SQL statements को entry field में insert किया जाता है execution के लिए ( उदहारण के लिए database के contents को attackers के सामने dump करना ) ।


Threat - Threat एक possible danger होता है जो की कोई मेह्जुदा bug या vulnerability को exploit कर सकते हैं जिससे कोई भी computer और network system को comprise किया जा सकता है।

Trojan A Trojan, या Trojan Horse, एक प्रकार का malicious program होता है जो की एक valid program के तरह प्रतीत होता है लेकिन disguised form में, जिससे की इसे एक program से distinguish करना इतना आसान नहीं है। लेकिन इसे ख़ास तोर से design किया गया है files को destroy करने के लिए, alter information, steal passwords जैसे काम करने के लिए।

Vulnerability Vulnerability एक प्रकार का weakness होता है जो की Hackers को allow करते हैं किसी computer या network system के security के साथ compromise कर सकता है।

Worms - Worm के प्रकार का self-replicating virus हा है जो की files को alter कर सकते हैं, लेकिन ये active memory के भीतर present होता है और खुद को duplicate करता रहता है।

Cross-site Scripting - Cross-site scripting (XSS) एक प्रकार का computer security vulnerability होता है जो की typically web applications में पाए जाते हैं। xss attackers को enable करती है जिससे वो client-side script को web pages में Finject करते हैं जिसे की बाद में users के द्वारा view किया जाता है।

Zombie Drone – एक Zombie Drone को आप hi-jacked computer भी कह सकते हैं जिन्हें anonymously एक soldier या 'drone' के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं malicious activity के लिए उदहारण के तोर पर distributing unwanted spam e-mailsl

वायरस

VIRUS Vital Information Resources Under Siege है। वायरस कम्प्यूटर में छोटे- छोटे प्रोग्राम होते है जो auto execute program होते जो कम्प्यूटर में प्रवेष करके कम्प्यूटर की कार्य प्रणाली को प्रभावित करते है। वायरस कहलाते है।

• वायरस एक द्वेषपूर्ण प्रोग्राम है जो कंप्यूटर के डाटा को क्षतिग्रस्त करता है।

• यह कंप्यूटर डाटा मिटाने या उसे खराब करने का कार्य करता है। वायरस जानबूझकर लिखा गया प्रोग्राम है।

• यह कंप्यूटर के बूट से अपने को जोड़ लेता है और कंप्यूटर जितनी बार बूट करता है वायरस उतना ही अधिक फैलता है।

• वायरस हार्ड डिस्क के बूट सेक्टर में प्रवेश कर के हार्ड डिस्क की गति को धीमा कर देता है प्रोग्राम चलने से भी रोक सकता है।

• कई वायरस काफी समय पश्चात भी डाटा और प्रोग्राम को नुकसान पंहुचा सकते हैं। किसी भी प्रोग्राम से जुड़ा वायरस तब तक सक्रीय नहीं होता जब तक प्रोग्राम को चलाया न जाय ।

• वायरस जब सक्रीय होता है तो कंप्यूटर मेमोरी में अपने को जोड़ लेता है और फैलने लगता है

● कम्प्यूटर वायरस (virus) एक प्रकार का इलेक्ट्रॉनिक कोड है, जिसका उपयोग कम्प्यूटर में समाहित सूचनाओं को समाप्त करने में के लिए होता है।

• वायरस शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के एक विधार्थी फ्रेड कोहेन (Fred Cohen) ने अपने शोध पत्र में किया था ।

• इसे कम्प्यूटर प्रोग्राम में, किसी टेलीफोन लाइन से दुर्भावनावश प्रेषित किया जाता है।

• इस कोड से गलत सूचनाएँ मिल सकती हैं, एकत्रित जानकारी नष्ट हो सकती है तथा यदि कोई कम्प्यूटर किसी नेटवर्क से जुड़ा है, तो इलेक्ट्रॉनिक रूप से जुड़े होने के कारण यह वायरस सम्पूर्ण नेटवर्क को प्रभावित कर सकता है।

• में ये महीनों, सालों तक बिना पहचाने गए ही कम्प्यूटर में पड़े रह सकते हैं और उसे क्षति पहुँचा सकते हैं।

• कुछ मुख्य कम्प्यूटर वायरस हैं- माइकेलएंजलो, डार्क एवेंजर, किलो, फिलिप, मैकमग, स्कोर्स, कैस्केड, जेरुसलम, डेटा क्राइम, कोलंबस क्राइम, इन्टरनेट वायरस, पैचकॉम, पैच EXE, कॉमEXE, मरिजुआना, मेलिसा, अन्ना कोर्निकोवा, माई डूम, प्वाइजन आईवी, सी ब्रेन, ब्लडी, चेज मुंगू एवं देसी।

• कुछ प्रसिद्ध वायरस जिन्होंने पिछले दिनों में कंप्यूटरो को बड़े पैमाने पर संक्रमित किया है।

माईकलएन्जिलो (Michelangelo)

• अभी तक का सबसे अधिक कुख्यात वायरस माईकल एन्जिलो का नाम ऐसा इसलिए पड़ा क्योकि यह वायरस 6 मार्च, जो माईकल एन्जिलो की जन्म तिथि है, इस दिन यह डाटा को समाप्त कर देता है। इसलिए इसे “6 मार्च का वायरस" भी कहा जाता है।

डिस्क वाशर (Disk Washer)

• डिस्क वाशर वायरस का नाम इसके अन्दर समाहित सन्देश “Disk Washer with Love" के कारण पड़ा । जिसका पता भारत में 1993 के आखिरी महीनो में लगाया गया।

• यह वायरस इतना खतरनाक था की यह हार्डडिस्क में उपलब्ध सभी डाटा को समाप्त कर देता था।

सी-ब्रेन ( C - Brain)

ने • अमजद तथा बासित दो पाकिस्तानी भाइयो ने इस वायरस को जनवरी 1986 में विकसित किया था|


Beast Trojan Horse

Melissa

• इसका उद्देश्य लोगो को अवैध ढंग से साफ्टवेयर खरीददारी के लिए हतोत्साहित करना था इसे दुनिया का संभवतः सबसे पहला वायरस माना जाता है।

मैकमैग (Macmag)

• यह वायरस आपके मानिटर पर शांति सन्देश देकर समाप्त हो जाता था|

• रिचर्ड मैकमैग पत्रिका के प्रकाशक थे तथा वायरस का नाम इस पत्रिका पर ही पड़ा |

● भारत में पाया गया प्रथम कम्प्यूटर वायरस सी ब्रेन है जो मद्रास (चेन्नई) में 1988 में प्रकट हुआ था।

• रैंसमवेयर एक ऐसा कंप्यूटर प्रोग्राम होता है, जो आपकी इजाजत के बगैर आपके कंप्यूटर में घुस जाता है|

• अगर आपने वो फिरौती दे दिया तो वह आपको एक्सेस दे देते हैं और आप डाटा एक्सेस कर पाते हैं अगर आपने फिरौती नहीं दिया तो सदैव के लिए वह डाटा आपके हाथों से चला जाता है।

प्रमुख वायरस

• Conficker

Storm Worm

• My Doom

Anna Kournikova worm

• CIH

● The Concept virus

Creeper

• यह केवल एपल मैकिन्टाश कम्प्यूटरो को ही संक्रमित करता था। • रिचर्ड ब्रांडो को इस वायरस का जन्मदाता समझा जाता है |

• यह वायरस पहली बार हेवरेयु विश्वविध्यालय, जेरुसलेम में लगभग 1987 में पाया गया था। इसलिए इसका नाम जेरुसलेम पड़ा।

• यह भी जेरुसलेम की तरह ही यह क्रियान्वयन योग्य फाइलों को संक्रमित कर हार्डडिस्क के डेटा को नष्ट करता था |

रैंसमवेयर

• आपके कंप्यूटर में जितनी भी जानकारी होती है, वो उस पर ताला लगा देता है और आप को कहता है कि आप बिटकॉइन पर 300 से 600 डॉलर फिरौती की रकम जमा कीजिए तो मैं आपको ताले की चाबी दूंगा |

Mebroot

I Love You

The Morris worm

जेरुसलेम (Jerusalem)

के • कोलम्बस वायरस को डेटाक्राइम तथा 13 अक्टूबर के नाम से भी जाना जाता है। इसका नामांकरण 13 अक्टूबर इसलिए हुआ था की यह पूरे विश्व के सक्रमित कंप्यूटरो पर 13 अक्टूबर 1989 को ही सक्रीय हुआ था|

• ये मई 2017 में सामने आया था।

• Blaster Worm

Code Red

Poisonlvy

• Mebroot

Leap

Stuxnet

• Crptolocker

• Ransomware

Backoff

• इसकी एक खास बात यह थी की यह केवल शुक्रवार को ही सक्रिय होता था।

koko

• Bagle

● Y2K

Nimda

कोलम्बस (Columbus )

ABC

• AIDS

Elk Cloner

Alabama

Code Red

• Welchia • Brain

Sasser & Netsky Klez

एंटीवायरस



• एंटीवायरस एक utility सॉफ्टवेयर है जो उन सभी programs को निकाल देता है जो आपके computer के लिए नुकसान पहुचाते है।

• एंटीवायरस Computer के लिए Safeguard जैसे काम करता जो सिस्टम को Malware जैसे Worms, Trojan Horse से बचाता है।

प्रमुख एंटीवायरस

Bitdefender

• Avast

Kaspersky Norton Security

• AVG Ultimate • Avira

McAfee

• F-Secure Trend Micro

Eset Webroot

G Data

• Norman

• ViRobot

Panda

Pareto TrustPort

• Total Defense

• LavaSoft

• Comodo

Vipre BullGuard

कम्प्यूटर संबंधी शब्द संक्षेप

• ALU Arithmetic Logic Unit

• Microsoft Windows Defender

• ALGOL Algorithmic Language


ASCII- American Standard Code for Information Interchange BASIC Beginner's All-Purpose Symbolic Instruction Code BCD Binary Coded Decimal

• BIOS Basic Input Output System

• CPU Central Processing Unit

● CAD - Computer Aided Design

• CAM - Computer Aided Manufacturing

• CAT Scan Computerize Axial Tomography Scan

• COBOL Common Business Oriented Language • CD - Compact Disk

• C-DOT - Centre for Development of Telematics

• COMAL Common Algorithmic Language

• DOS Disk Operating System

• DTS Desk Top System

• DTP - Desk Top Publishing E-Commerce Electronic Commerce

• E-Mail - Electronic Mail

• ENIAC Calculator - Electronic Numerical Integrator And

• FAX Facsimile Automated. Xerox

• FLOPS - Floating Operations Per Second

• FFORTRAN - Formula Translation

• H.L.L- High Level Languages

• HTML High Text Markup Language

• IBM International Business Machine • IC - Integrated Circuit

• ISH - Information Super Highway

• LAN - Local Area Network

• LDU - Liquid Display Unit

• LISP-List Processing

• LLL - Low Level Language

● MICR Magnetic Ink Character Recognizer

• MIPS Millions of Instructions Per Second

• MOPS Millions of Operations Per Second

• MODEM - Modulator-Demodulator

• MPUMicro Processor Unit

• PC-DOS System Personal Computer Disk Operating

● PROM - Programmable Read Only Memory RAM Random Access Memory

• ROM Read Only Memory

• NICNET - National Information Centre Network

• SNOBOL-String Oriented Symbolic Language

• UPS- Uninterruptable Power Supply

• OMR - Optical Mark Reader

• VDU Visual Display Unit

• VLS - Very Large Scale Integrated

• WAN- Wide Area Network

● www - World Wide Web

कम्प्यूटर संबंधी महत्त्वपूर्ण तथ्य

● कम्प्यूटर का हिन्दी नाम संगणक है।

• चार्ल्स बैबेज को कम्प्यूटर का पितामह कहा जाता है।

• जान वान न्यूमैन का कम्प्यूटर के विकास में सर्वाधिक योगदान है।

आधुनिक कम्प्यूटर का आविष्कार सर्वप्रथम 1946 ई. में हुआ।

विश्व में सर्वाधिक कम्प्यूटरों वाला देश संयुक्त राज्य अमरीका है। ●

• कम्प्यूटर साक्षरता (Computer Literacy) का अर्थ हैकम्प्यूटर क्या कर सकता है और क्या नहीं, इस बात की जानकारी होना।

• 2 दिसम्बर कम्प्यूटर साक्षरता दिवस (Computer Literacy Day) के रूप मनाया जाता है।

● भारत में नई कम्प्यूटर नीति की घोषणा नवम्बर 1984 में की गई थी।

● भारत में निर्मित प्रथम कम्प्यूटर सिद्धार्थ है। इसका निर्माण इलेक्ट्रॉनिक कार्पोरेशन ऑफ इण्डिया ने किया था।

में ● भारत में प्रथम कम्प्यूटर (HEC-2M) वर्ष 1955 में आई. एस. ओ. कोलकाता में लगाया गया था | भारत का

● प्रथम कम्प्यूटरीकृत डाकघर नई दिल्ली का है।

• निजी क्षेत्र के अंतर्गत स्थापित होने वाला भारत का प्रथम कम्प्यूटर विश्वविद्यालय राजीव गांधी कम्प्यूटर विश्वविद्यालय है।

● भारत में प्रथम कम्प्यूटर आरक्षण पद्धति नई दिल्ली में लागू की गई थी।

● भारत की सिलिकॉन घाटी (silicon valley) बेंगलुरु में स्थित है।

• इंटरनेट पर उपलब्ध होने वाली प्रथम भारतीय समाचार पत्र द हिन्दू है।

• इंटरनेट पर उपलब्ध होने वाली प्रथम भारतीय पत्रिका इण्डिया टुडे है।


● भारतीय जनता पार्टी भारत की पहली ऐसी पार्टी है, जिसने इंटरनेट पर अपना वेबसाइट बनाया है।

● कम्प्यूटर मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं- डिजिटल, एनालॉग एवं हाइब्रिड

• वह कम्प्यूटर जो गणितीय गणना करता है, डिजिटल कम्प्यूटर कहलाता है।

• वह कम्प्यूटर जो आकलन के सिद्धान्त के अनुसार कार्य करता है, एनालॉग कम्प्यूटर कहलाता है।

• एनालॉग एवं डिजिटल के संयुक्त स्वरूप को हाइब्रिड कम्प्यूटर कहते हैं।

• मध्यम आकार के कम्प्यूटर को मिनी कम्प्यूटर कहते हैं।

• सूक्ष्मतम आकार के कम्प्यूटर को माइक्रो कम्प्यूटर कहते

हैं।

• सामान्य कम्प्यूटर की अपेक्षा 10 गुना तेज कार्य करने वाले बड़े कम्प्यूटर को सुपर कम्प्यूटर कहते हैं।

• एक सुपर कम्प्यूटर में करीब 40,000 माइक्रो कम्प्यूटर जितनी परिकलन क्षमता होती है। इसकी गति को मेगाफ्लॉप में मापा जाता है।

● विश्व का प्रथम सुपर कम्प्यूटर क्रे के 1-एस (CRAY K 1-S) था, जो 1979 बनकर तैयार हुआ था। इसे अमेरिका के क्रे के रिसर्च कम्पनी ने बनाया था।

• 32 कम्प्यूटरों के बराबर कार्य कर सकने वाला डीप ब्ल्यू (Deep Blue) कम्प्यूटर एक सेकण्ड में शतरंज की 20 करोड़ चालें सोच सकता है। इसी सुपर कम्प्यूटर ने विश्व चैम्पियन गैरी कास्पारोव को पराजित किया था।

● विश्व के प्रथम इलेक्ट्रॉनिक डिजिटल कम्प्यूटर का नाम एनीयक (ENIAC) है।

● विश्व का सबसे बड़ा कम्प्यूटर नेटवर्क का नाम इंटरनेट (Internet) है।

कम्प्यूटर्स की 5 पीढ़ियाँ विकसित की गयी है।

• पहली पीढ़ी के कम्प्यूटर में निर्वात ट्यूब प्रयुक्त होता है।

आधुनिक कम्प्यूटर में प्रायः सेमी कण्डक्टर मेमोरी ( स्मरण शक्ति) का कार्य करती है। ●

● कम्प्यूटर बोर्ड में कुल आठ संयोजक होते हैं।

• 1 किलो बाइट (KB) 1024 बाइट के बराबर होता है।

1 MB या मेगाबाइट (Mega Byte) 1024 KB (अर्थात् 1MB = 1024 KB) बराबर होता है।

1 GB या गीगा बाइट 1024 MB के बराबर है।

•● सूचना के आगमन एवं कार्यक्रम की खोज करने के लिए SNOBOL विशिष्ट भाषा का प्रयोग होता है। सर्वाधिक प्रयोग की जाने वाली प्रचालन प्रणाली विन्डोज (WINDOWS) है।

• USENET सभी विश्वविद्यालयों को एक साथ जोड़ने की प्रणाली है।

• जब किसी नेटवर्क का इंटरनेट धारक अन्य नेटवर्क के साथ जुड़ता है, तो उसे गेटवे (Gateway) कहते हैं।

• इन्टेल का अधुनातन माइक्रोप्रोसेसर Pentium-iv है।

• पर्सनल कम्प्यूटर पर सर्वप्रथम पुस्तक टेड नेल्सन ने लिखा।

● कम्प्यूटर पर लिखी पुस्तक सोल ऑफ न्यू मशीन (लेखक - टैसी किडर) को पुलित्जर पुरस्कार दिया गया।

● कम्प्यूटर की प्रथम पत्रिका कम्प्यूटर एण्ड आटोमेशन है।

● प्रथम घरेलू कम्प्यूटर कमोडोर VIC/20 है।

• वैज्ञानिकों के अनुसार भारतीय भाषा संस्कृत कम्प्यूटरीकृत करने के लिए सबसे आसान

● कम्प्यूटर में प्रोग्राम की सूची की मेन्यू (Menu) कहा जाता है।

• डेटा प्रोसेसिंग का अर्थ है - वाणिज्यिक उपयोग के लिए जानकारी तैयार करना।

• रिकार्ड्स का संग्रह फाइल (File) कहलाता है।

• डिजिटल कम्प्यूटर की कार्य पद्धति गणना और सिद्धांत पर आधारित है।

● विश्व का प्रथम व्यावहारिक डिजिटल कम्प्यूटर यूनीवेक (UNIVAC) था।

● फोरट्रॉन प्रोग्रामन हेतु विकसित की गई सर्वप्रथम भाषा है।

• हिन्दी कमाण्ड स्वीकार करने वाला कम्प्यूटर भाषा प्रदेश है।

कोबोल उच्च स्तरीय भाषा (HLL) अंग्रेजी भाषा के समान है। कोबोल भाषा में सर्वाधिक उपयुक्त डॉक्यूमेन्टेशन संभव है। • •

अनुवादक की असेम्बली भाषा की मशीन कोड में बदलता है असेम्बलर (Assembler) कहलाता है।

• अनुवाद प्रोगाम जो उच्चस्तरीय भाषा का निम्नस्तरीय भाषा में अनुवाद करता है कम्पाइलर (Compiler) कहलाता है।

• बेसिक (BASIC) भाषा की फोरट्रॉन, एलगोल, पास्कल आदि को सिखाने के लिए नींव का पत्थर कहा जाता है।

• माइक्रोप्रोसेसर चतुर्थ पीढ़ी के कम्प्यूटर हैं।

• प्रोलोग (PROLOG) पंचम पीढ़ी के कम्प्यूटर की भाषा है।

• इन्टीग्रेटेड सर्किट चिप का विकास जे० एस० किल्बी ने किया।

• इन्टीग्रेटेड सर्किट चिप (ChIP) पर सिलिकॉन (silicon) की परत होती है।

● कम्प्यूटर अशुद्धि को बग (Bug) कहा जाता है।

● वर्ष 1988 में C-DAC (Centre for Development of Advanced Computing) की पुणे में स्थापना की गई।


• पुणे के सी-डैक (C-DAC) के वैज्ञानिक ने 28 मार्च 1998 को प्रति सेकण्ड एक खरब गणना करने की क्षमता से युक्त कम्प्यूटर परम10000 का निर्माण किया इसके विकास का मुख्य श्रेय C-DAC के कार्यकारी निदेशक डॉ० विजय पी० भास्कर को जाता है।

● भारत में सर्वप्रथम नेशनल एयरोनौटिक्स लेबोरेटरीज (बेंगलुरु) ने फ्लो साल्वर (FLO SOLVER) नामक सुपर कम्प्यूटर विकसित करने में सफलता पायी थी।

• कम्प्यूटर पर परमाणु परीक्षणों को सबक्रिटिकल परीक्षण (subcritical Test) कहा जाता है ।

• लेजर प्रिन्टर सर्वाधिक तेज गति का प्रिन्टर है।

● IBM (International Business Machine) अमेरिका की एक कंप्यूटर कंपनी है।

● कम्प्यूटर वाइरस एक मानव निर्मित डिजीटल परजीवी है, जो फाइल संक्रामक के नाम से जाना जाता है।

वाई-टू के (Y-2k) संकट अर्थात इयर टू थाउजेंड ( Year 2000 crisis) तारीखों से संबंधित कम्प्यूटर समस्या थी।

• Y-2k संकट को मिलियन बग भी कहा गया। मोडेम कम्प्यूटरों को आपस में जोड़ने का उपकरण है, जो टेलीफोन लाइन पर काम करता है।

• इंटरनेट से जुड़ा वह संगणक जहाँ विशेष प्रकार की सूचनाएँ उपलब्ध हो, साइट (site) कहलाता है। पास या दूर के किसी संगणक या नेटवर्क से सूचनाएँ मोडेम की मदद से अपने संगणक में लाने की प्रक्रिया को डाउनलोड (Download ) कहते है।

• पास या दूर के किसी संगणक को अपने संगणक से सूचनाएँ भेजना अपलोड (Upload) कहलाता है।

● किसी कम्प्यूटर या उसके हार्ड डिस्क या किसी चलते हुए कार्यक्रम (प्रोग्राम) का अचानक खराब हो जाना या समाप्त हो जाना कैश (Crash) कहलाता है।

● भारत में कम्प्यूटर का विकास 1955 से आरंभ हुआ।

• साइंस, बेंगलुरु ने सिम्प्यूटर (Simputer) नामक हथेली के आकार का टचस्क्रीन वाला बहुभाषी कम्प्यूटर विकसित किया है।

• भारत में प्रथम कम्प्यूटरेरियम (कम्प्यूटर मंडल) कर्नाटक के बेंगलुरु में स्थापित किया गया है।

• केरल के तिरुअनन्तपुरम जिले के वेल्लानाड गाँव को भारत का पहला पूर्णरूपेण कम्प्यूटरीकृत गाँव घोषित किया गया है।

• पर्सनल कम्प्यूटर (PC), होम कम्प्यूटर, इलेक्ट्रानिक डायरी (या, ब्रीफकेस कम्प्यूटर) आदि माइक्रो कम्प्यूटर के उदाहरण हैं।

माइक्रो कम्प्यूटरों में प्रचलित कुछ प्रचालन प्रणाली (Operating system) हैं - CP/M, Mac OS (Apple), DOS, ProDOS, MS/DOS/PC.DOS, XENIX, UNIX, LINUX आदि । DOWS,

• CPU की गति को क्लॉक स्पीड (clock speed) कहते हैं।

● कम्प्यूटर प्रयोगकर्ता द्वारा कम्प्यूटर को दिया गया निर्देश कमांड (Command) कहलाता है।

● दुनिया के विभिन्न स्थानों पर स्थापित टेलीफोन लाइनों अथवा उपग्रहों की सहायता से एक दूसरे के साथ जुड़े कम्प्यूटरों का नेटवर्क इंटरनेट (INTERNET) कहलाता है।

• इंटरनेट पद्धति में सम्पूर्ण सूचनाएँ कम्प्यूटरों में भरी होती है, इन्हें तकनीकी भाषा में वेब सर्वर (Web Server) कहा जाता है।

• प्रत्येक कम्प्यूटर में निहित जानकारी को होम पेज (Home Page ) के नाम से जाना जाता है।

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